धर्म और सेहत दोनों से है कार्तिक मास का कनेक्शन, आयुर्वेद में लिखी है इसकी महिमा

कार्तिक मास को संक्रमण का महीना भी कहा जाता है कि क्योंकि इस महीने मौसम बदलता है और कई बीमारियां परेशान कर सकती हैं. इस मौसम में बुखार, एलर्जी, जुकाम, और सिर दर्द जैसी समस्या रहती है और दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण भी बढ़ने लगता है, जिससे सांस लेने में परेशानी और त्वचा से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है.

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आयुर्वेद में कार्तिक मास में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इन सबका जिक्र किया गया है.

Kartik month 2025 : बुधवार यानी आज से कार्तिक मास का महीना शुरू हो चुका है, जो 5 नवंबर 2025 तक रहेगा. धर्म और सेहत दोनों की दृष्टि से ये महीना हर किसी के लिए जरूरी है. कार्तिक मास को त्योहारों का महीना कहा जाता है और इस महीने किए हुए दान-पुण्य पीढ़ियों तक के पापों को मिटा सकते हैं. इस महीने देवशयनी एकादशी, दीपावली, धनतेरस, करवा चौथ, अहोई व्रत, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, तुलसी विवाह, और देव दिवाली जैसे बड़े त्योहार आते हैं.

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माना जाता है कि कार्तिक मास में गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. गंगा स्नान करने के बाद अनाज, फल, कपड़े और जरूरत की चीजों का दान करना शुभ रहता है. अगर घाट तक ना जा पाएं तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके अलावा इसी माह दीपदान करना बहुत अच्छा माना जाता है. हमारे धर्म में दीपदान का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि दीप दान करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर को सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं. इसके अलावा मोक्ष और पापों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है, खासकर राहु-केतु और यम के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है.

कार्तिक मास को संक्रमण का महीना भी कहा जाता है कि क्योंकि इस महीने मौसम बदलता है और कई बीमारियां परेशान कर सकती हैं. इस मौसम में बुखार, एलर्जी, जुकाम, और सिर दर्द जैसी समस्या रहती है और दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण भी बढ़ने लगता है, जिससे सांस लेने में परेशानी और त्वचा से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है.

आयुर्वेद में कार्तिक मास में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

आयुर्वेद में कार्तिक मास में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इन सबका जिक्र किया गया है. इस महीने में धन्वंतरि देवता प्रकट हुए थे और इस माह में तुलसी का खाली पेट सेवन करना अच्छा माना जाता है. तुलसी के सेवन से होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है. इसके अलावा सुबह उठकर हल्के गर्म पानी से स्नान भी करना जरूरी होता है. कार्तिक मास में बैंगन, दही और उससे बने उत्पाद, करेला, फलिया और दालों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस महीने में जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. इसमें मूली, गाजर, शकरकंद और जिमीकंद शामिल हैं. इन सब्जियों पर संक्रमण होने की संभावना कम होती है और ये शरीर को स्वस्थ भी रखती हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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