Sweating In Summers: सर्दी का मौसम तकरीबन गुजर चुका है और तपती दोपहर में गर्मी बढ़ा दी है. वो दिन भी अब ज्यादा दूर नहीं हैं जब एसी और कूलर चलना शुरू हो जाएगा. कई बार तो ऐसा भी होगा कि आप ठंडे-ठंडे पानी से नहाकर बाहर निकलें और कुछ ही देर में पसीना पसीना हो जाएं. गर्मी के मौसम में पसीना कभी भी परेशान कर सकता है. कभी चिड़चिड़ापन कभी झल्लाहट का कारण भी बनता है. लेकिन इस पसीने के पीछे की साइंस है क्या. क्या गर्मी के मौसम के अलावा भी कभी पसीना आ सकता है. और, अगर ऐसा है तो क्या ये नॉर्मल है.
कब कब आता है पसीना?
पसीना आना एक सामान्य सी बात है. गर्मी के मौसम में जैसे जैसे शरीर का टेंपरेचर बढ़ता है शरीर से पसीना निकलने लगता है. सभी के शरीर में स्वेट ग्लेंड्स मौजूद होती हैं जो जरूरत पड़ने पर पसीना रिलीज करती हैं. इसी की वजह से शरी का तापमान मेंटेन रहता है. जिन लोगों को सामान्य अवस्था में पसीना आता है वो लोग हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं.
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कब नुकसानदायक साबित होता है पसीना?
वैसे तो पसीना निकलना अच्छा ही होता है. ये शरीर को डिटॉक्स करता है. लेकिन जब गर्मी के मौसम के अलावा पसीना आता है तो ये किसी न किसी तकलीफ की निशानी भी हो सकता है. अगर आपको ठंडे मौसम में या सिर्फ रूम टेंपरेचर पर ही पसीना आ रहा है तो ये गंभीर निशानी हो सकता है. ये दिल की बीमारी की तरफ भी एक इशारा हो सकता है. जिसे भी इस तरह से असामान्य तरीके से पसीना आता है उन्हें डॉक्टर से जल्दी से जल्दी संपर्क करना चाहिए.
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कब पसीना निकलना है फायदेमंद?
ठंडे मौसम में या रूम टेंपरेचर पर पसीना आना सामान्य बात नहीं है. लेकिन जिसे वर्कआउट के बाद पसीना आता है या, जो लोग रनिंग या वॉकिंग करते हैं उन्हें पसीना आता है तो ये एक नॉर्मल प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के बाद घबराने की जरूरत नहीं है. वर्कआउट करने या एक्सरसाइज करने के बाद पसीना आना फायदेमंद ही होता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)