महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक अजीब बीमारी की चर्चा इन दिनों सबको हैरान कर रही है. यहां कुछ गांवों में अचानक लोगों के बाल झड़ने लगे, जिससे वे गंजे हो गए. लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है. यह मामला सामने आने के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स और रिसर्चर्स ने इसकी गहराई से जांच शुरू की. अब पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर ने इस रहस्यमयी घटना की वजह को लेकर बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि पंजाब से आए गेहूं का सेवन इस बाल झड़ने की समस्या की बड़ी वजह हो सकती है.
क्या है पूरा मामला?
बुलढाणा जिले के कुछ गांवों में रहने वाले लोगों ने शिकायत की कि उनके बाल तेजी से झड़ रहे हैं और कुछ ही महीनों में वे पूरी तरह गंजे हो गए. यह समस्या केवल पुरुषों तक सीमित नहीं थी, बल्कि महिलाओं और बच्चों में भी देखी गई. लोकल लेवल पर डॉक्टरों और प्रशासन ने इसे पोषण की कमी, पानी की क्वालिटी या आनुवंशिक कारणों से जोड़ने की कोशिश की, लेकिन जब बड़ी संख्या में लोगों पर यह असर दिखा, तो एक्सपर्ट्स ने इसकी जांच शुरू की.
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पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर का दावा
जाने-माने पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर, जो इस मामले पर शोध कर रहे थे, ने दावा किया है कि पंजाब से आए गेहूं में मौजूद केमिकल्स और मिलावट इसके पीछे की मुख्य वजह हो सकते हैं. उनका कहना है कि जो गेहूं बुलढाणा के इन गांवों में वितरित किया गया, वह पंजाब से आया था और संभवतः उसमें कीटनाशकों या रसायनों की अधिकता थी. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक इस गेहूं में हाई सेलेनियम पाया गया. सेलेनियम एक मिनरल है जो मिट्टी, पानी और कुछ भोजन में पाया जाता है. माना जाता है कि शरीर को सेलेनियम की बहुत कम मात्रा की जरूरत होती है.
2 महीने में लगभग 300 लोगों के झड़ गए बाल
दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच बुलढाणा के 18 गांवों में 279 लोगों में अचानक बाल झड़ने या एक्यूट ऑनसेट एलोपेसिया टोटलिस के मामले सामने आए. एलोपेसिया से प्रभावित लोगों में हर उम्र के लोग शामिल थे. कई लोगों ने अपने सिर के बाल तक मुंडवा लिए.
सबसे ज्यादा महिलाएं हुई प्रभावित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रायगढ़ स्थित बावस्कर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने बताया कि हमने प्रभावित इलाकों से सैंपल कलेक्ट किए थे. इस बीमारी से सिरदर्द, बुखार, सिर में खुजली, झुनझुनी और कुछ मामलों में उल्टी और दस्त जैसे लक्षण थे. सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित हुईं.
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ब्लड और यूरिन में मिला सेलेनियम
एक्सपर्ट ने बताया कि यह कंडिशन बहुत तेजी से बनती है. इन गांवों में लक्षण शुरू होने के 3 से 4 दिन के अंदर ही लोगों को गंजापन दिखाई देने लगा. इसके अलावा इस बीमारी से प्रभावित लोगों के ब्लड और यूरिन में भी सेलेनियम लेवल में काफी बढ़ोतरी देखी गई.
बाल में 150 गुणा सेलेनियम मिला
बावस्कर ने कहा, लोगों में यह बीमारी होने के बाद ब्लड में 35 गुणा, पेशाब में 60 गुणा और बाल में 150 गुणा सेलेनियम की बढ़ोतरी देखी गई है. इससे पता चल पाया कि ज्यादा मात्रा में सेलेनियम का सेवन इस बीमारी के फैलने की सबसे बड़ी वजह है.
ये भी कहा गया कि, गेंहू का इस्तेमाल बंद किया तो फायदा दिखा. बावस्कर ने अपनी रिपोर्ट में कहा- महाराष्ट्र के जिस क्षेत्र में यह बीमारी फैली वह अपनी क्षारीय मिट्टी और बार-बार पड़ने वाले सूखे के लिए जाना जाता है. कई परिवार राशन के दुकानों से सरकारी सब्सिडी वाले गेहूं पर निर्भर है, जिसकी गुणवत्ता बहुत खराब है.
एलोपेसिया क्या है? (What is Alopecia)
एलोपेसिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें बाल झड़ते हैं. यह स्कैल्प को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से को भी प्रभावित कर सकता है जहां बाल बढ़ते हैं. एलोपेसिया कई प्रकार के होते हैं, जिनमें एलोपेसिया एरीटा, एलोपेसिया टोटैलिस और एलोपेसिया यूनिवर्सलिस शामिल हैं.
एलोपेसिया का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है. ऑटोइम्यून बीमारियों में, शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से हेल्दी कोशिकाओं पर हमला करती है. एलोपेसिया के मामले में प्रतिरक्षा प्रणाली बालों के रोम पर हमला करती है. एलोपेसिया एक भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है. बालों का झड़ना किसी व्यक्ति के आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है.
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एलोपेसिया के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:
- आनुवंशिकता
- तनाव
- हार्मोनल परिवर्तन
- कुछ दवाएं
- मेडिकल कंडिशन
एलोपेसिया के लक्षण (Symptoms of Alopecia)
एलोपेसिया का मुख्य लक्षण बालों का झड़ना है। अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- स्कैल्प पर छोटे, गोल धब्बे
- स्कैल्प पर खुजली या जलन
- नाखूनों में बदलाव
एलोपेसिया का इलाज (Treatment of Alopecia)
एलोपेसिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन ऐसे उपचार उपलब्ध हैं जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं. एलोपेसिया के लिए सबसे आम उपचारों में शामिल हैं:
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स
- मिनोक्सिडिल
- एंथ्रेलिन
- इम्युनोथेरेपी
बुलढाणा के गांवों में लोगों के गंजे होने की घटना ने सभी को चौंका दिया है. पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर का दावा कि पंजाब से आए गेहूं में मौजूद हानिकारक तत्व इसके पीछे का कारण हो सकते हैं, गंभीर जांच का विषय बन गया है. अब प्रशासन की ओर से फूड सेफ्टी को लेकर कड़े कदम उठाने की मांग की जा रही है. जब तक पूरी रिपोर्ट नहीं आती, तब तक विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग अपनी डाइट को लेकर सतर्क रहें और क्वालिटी वाली चीजों का ही सेवन करें.
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बाल झड़ने के मुख्य कारण (Causes of Hair Fall)
आनुवंशिकता (जेनेटिक): यह बाल झड़ने का सबसे आम कारण है, जिसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया भी कहा जाता है. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है.
हार्मोनल बदलाव: गर्भावस्था, प्रसव, मेनोपॉज और थायराइड की समस्याओं जैसे हार्मोनल परिवर्तन बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं.
मेडिकल कंडिशन: एलोपेसिया एरीटा, स्कैल्प इंफेक्शन और कुछ बीमारियां बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं.
दवाएं और सप्लीमेंट: कैंसर, गठिया, अवसाद, हार्ट प्रोब्लम्स और हाई ब्ड प्रेशर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं.
तनाव: शारीरिक या भावनात्मक तनाव बालों के झड़ने का कारण बन सकता है.
हेयर ट्रीटमेंट: बालों को बहुत ज्यादा स्टाइल करना, जैसे कि टाइट हेयर स्टाइल या केमिकल का उपयोग करना, बालों के झड़ने का कारण बन सकता है.
पोषण की कमी: आयरन, प्रोटीन और विटामिन की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है.
उम्र: उम्र बढ़ने के साथ साथ बाल झड़ने की समस्या बढ़ जाती है.
बाल झड़ने के अन्य कारण:
स्कैल्प इंफेक्शन: फंगल संक्रमण जैसे रिंगवर्म बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं.
ऑटोइम्यून रोग: एलोपेसिया एरीटा एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी बालों के रोम पर हमला करती है, जिससे बाल झड़ते हैं.
बाल झड़ने से बचने के उपाय (Tips To Prevent Hair Fall)
हेल्दी डाइट लें: अपने आहार में आयरन, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर फूड्स को शामिल करें.
तनाव कम करें: तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या व्यायाम करें.
बालों की देखभाल करें: बालों को धीरे से धोएं और सुखाएं. स्टाइलिंग और केमिकल्स से बचें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)