PM Narendra Modi On Edible Oil: भारत में खाने-पीने की ज्यादातर चीजों में तेल का इस्तेमाल बहुत आम है. चाहे वह आलू के पराठे हों या फिर समोसा, सर्दी में तली हुई तिवड़ी हो या गर्मी में चटपटी चाट, तेल का इस्तेमाल हर स्वादिष्ट भोजन में मुख्य रूप से किया जाता है. लेकिन इन तेलों के बारे में एक सच्चाई यह है कि इनके बहुत ज्यादा इस्तेमाल से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इसे लेकर एक जरूरी मैसेज दिया है, जिसमें उन्होंने खाने के तेल की खपत को 10 प्रतिशत कम करने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री के इस संदेश ने खाने के तेल के असर और मोटापे से जुड़ी समस्याओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. तो चलिए, जानते हैं कि खाने के तेल का ज्यादा सेवन क्यों खतरनाक हो सकता है और इसका असर हमारी सेहत पर कैसे पड़ता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने एडिबल ऑयल पर कही बड़ी बात (PM Narendra Modi On Edible Oil)
मन की बात में किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंथली रेडियो प्रोग्राम "मन की बात" में देशवासियों से एक जरूरी अपील की थी. उन्होंने कहा था कि लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में तेल का सेवन कम करने के लिए कदम उठाएं. उन्होंने खासकर 10 प्रतिशत तेल की खपत घटाने की बात की. प्रधानमंत्री के मुताबिक, यह कदम न सिर्फ मोटापे की समस्या से निपटने में मदद करेगा, बल्कि हार्ट, डायबिटीज और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी बचाव करेगा.
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हर 8 में से 1 व्यक्ति मोटापा का शिकार
इस संदेश में उन्होंने यह भी बताया कि अब हर 8 में से एक व्यक्ति मोटापे से परेशान है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके अलावा, बच्चों में भी मोटापे का खतरा चार गुना बढ़ चुका है. यही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में पूरी दुनिया में लगभग 250 करोड़ लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे थे. यह स्थिति बहुत ज्यादा चिंताजनक है और यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कटौती करने का सुझाव दिया.
ज्यादा तेल का सेवन और उससे होने वाली समस्याएं
खाने में तेल का बहुत ज्यादा सेवन हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. जब हम ज्यादा तेल खाते हैं, तो हमारे शरीर में ज्यादा कैलोरी जाती है, जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है. यही नहीं, तेल में पाए जाने वाले सैचुरेटेड और ट्रांस फैट का सेवन हार्ट संबंधी बीमारियों, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दूसरे हेल्थ इशूज़ को जन्म दे सकता है. पीएम मोदी के अनुसार, अगर हम तेल की खपत को कम करने की दिशा में छोटे-छोटे कदम उठाएं, तो हम अपनी सेहत को कई तरह के गंभीर खतरे से बचा सकते हैं.
10 प्रतिशत तेल कम करने के फायदे
1. वजन कम करना
अगर आप अपनी डाइट में सिर्फ 10 प्रतिशत कम तेल का सेवन करते हैं, तो इसका प्रभाव आपके वजन पर नजर आएगा. तेल में मौजूद हाई कैलोरी की वजह से ज्यादा सेवन करने से वजन बढ़ सकता है. तेल की खपत घटाने से कैलोरी का सेवन कम होगा, जिससे वजन कंट्रोल रहेगा.
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2. हार्ट हेल्थ में सुधार
तेल में मौजूद सैचुरेटेड और ट्रांस फैट शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाते हैं, जो हार्ट की बीमारियों का कारण बन सकता है. अगर हम तेल की खपत को कम करते हैं, तो हम इन हानिकारक फैट्स का सेवन कम कर सकते हैं, जिससे हार्ट हेल्दी रहेगा.
3. डायबिटीज से बचाव
बहुत ज्यादा तेल का सेवन इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा सकता है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है. तेल का सेवन घटाकर आप अपनी इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बना सकते हैं, जिससे डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है.
4. बेहतर पाचन क्रिया
तेल का ज्यादा सेवन पेट में गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है. यदि आप तेल का सेवन कम करते हैं, तो आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है और आप इन परेशानियों से बच सकते हैं.
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पीएम मोदी की अपील और जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री ने अपनी अपील में यह भी कहा कि तेल का कम सेवन सिर्फ व्यक्तिगत पसंद नहीं है, बल्कि यह हमारे परिवार और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है. जब हम अपने खानपान में छोटे-छोटे बदलाव लाते हैं, तो हम न सिर्फ अपनी सेहत को सुधारते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक स्वस्थ वातावरण तैयार करते हैं.
इस संदेश को लेकर पीएम मोदी ने कई खेल हस्तियों जैसे नीरज चोपड़ा और निखत जरीन के ऑडियो संदेश भी साझा किए. इन संदेशों के माध्यम से उन्होंने देशवासियों से मोटापे के खिलाफ संघर्ष करने और 10 प्रतिशत तेल कम करने की चैलेंज देने की अपील की.
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