Plastic Ke Jar Mein Achar Rakhne Ke Nuksan: दाल चावल हो या आलू का पराठा अचार के बिना तो खाने के स्वाद अधूरा सा ही लगता है. फिर चाहें, आम का अचार हो, नींबू का या मिर्च का, हर घर में इसकी अपनी खुशबू महकती है. भारतीय घरों में पुराने समय से ही अचार को मिट्टी या कांच की बरनी में रखा जाता था, ताकि उसका स्वाद और गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहे, लेकिन आज के समय में लोग अचार को प्लास्टिक के डिब्बे या जार में रख देते हैं. क्या आप जानते हैं? कि प्लास्टिक के जार में अचार रखना शरीर पर क्या प्रभाव डाल सकता है. अगर नहीं तो जानने के लिए स्टोरी में बने रहिए. आज हम आपको प्लास्टिक के जार में अचार रखने से होने वाले कुछ बड़े नुकसानों के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं.
प्लास्टिक में अचार रख सकते हैं क्या?
हानिकारक रसायन: प्लास्टिक के जार को धूप या गर्मी में रखने पर उनमें से बीपीए और फ्थेलेट्स जैसे रसायन निकलते हैं जो हार्मोनल असंतुलन और पाचन संबंधी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकते हैं. लंबे समय तक ऐसे अचार के सेवन से शरीर में विषैले तत्व जमा हो सकते हैं.
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स्वाद: लंबे समय तक प्लास्टिक के जार में अचार रखने से प्लास्टिक अचार का तेल और मसाला दोनों सोख लेता है, जिससे अचार की खुशबू और स्वाद पर असर पड़ सकता है. इसलिए कांच या मिट्टी के बर्तन में अचार को रखना सुरक्षित माना जा सकता है.
पर्यावरण: प्लास्टिक न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है. प्लास्टिक के जार को इस्तेमाल के बाद इन्हें फेंक दिया जाता है, जो मिट्टी में गलते नहीं हैं और प्रदूषण को बढ़ा सकता हैं.इसलिए ऐसा माना जाता है कांच के जार स्वाद और सेहत के साथ पर्यावरण के लिए कमाल है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














