एक पैर पर 10 सेकेंड तक खड़े न हो पाने वाले लोग दूसरों की तुलना में जीते हैं कम : स्टडी

ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मध्यम आयु वर्ग के लोग जो कम से कम 10 सेकंड के लिए एक पैर पर खड़े नहीं हो सकते हैं, उनमें एक दशक के भीतर मृत्यु होने का अधिक खतरा होता है.

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शोधकर्ताओं ने पाया कि सिम्पल बैलेंस टेस्ट से जूझने वाले वॉलिंटियर्स की उम्र और बीमारी जैसे वेरिएबल को ध्यान में रखते हुए उन लोगों में अगले 10 सालों में मरने की संभावना 84% अधिक थी, जो बिना सपोर्ट के खड़े हो सकते थे. ये रिजल्ट ब्राजील में 50 साल से अधिक उम्र के 1,702 लोगों के बीच फिटनेस और हेल्थ स्टडी से निकाला गया है जो 2009 में शुरू हुआ था.

पांच में से एक व्यक्ति नहीं कर पाया टेस्ट पास:

पार्टिसिपेंट्स को एक पैर उठाने और दूसरे पैर को नीचे रखने के लिए कहा गया था वह भी बिना जमीन को छुए और अपनी आर्म्स को अपने साइड में रखते हुए और आगे की ओर देखते हुए. उन्हें तीन प्रयासों की अनुमति दी गई थी. आम तौर पर वे लोग जो उम्र में बड़े थे या जिनका स्वास्थ्य खराब था उनमें पांच में से एक व्यक्ति टेस्ट में विफल रहा.

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टेस्ट कमजोर लोगों की पहचान करें में सक्षम है:

ब्राजील, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस के शोधकर्ताओं के अनुसार, वृद्ध लोगों के लिए नियमित फिजिकल एग्जामिनेशन में बैलेंस टेस्ट से डॉक्टरों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी मिल सकती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में हर साल 680,000 से अधिक लोग गिरने से मर जाते हैं और 10 सेकंड के टेस्ट का उपयोग आसानी से उन लोगों की पहचान करने में किया जा सकता है जो कमजोर हैं.

इसे डेली प्रैक्टिस में लाया जा सकता है:

शोधकर्ताओं ने कहा कि "टेस्ट सुरक्षित रहा है और प्रतिभागियों द्वारा अच्छी तरह से किया गया है. इसे हमारे नियमित अभ्यास में शामिल करना आसान है क्योंकि इसे करने के लिए 1 या 2  मिनट से कम की जरूरत होती है."

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लोग अपनी संतुलन क्षमता को तब तक बनाए रखते हैं जब तक कि वे अपने 60 के दशक तक नहीं पहुंच जाते, जब यह तेजी से घटने लगता है. अध्ययन में पाया गया कि टेस्ट में असफल होने वालों में मृत्यु का अनुपात काफी अधिक था, जो पास होने वालों की तुलना में 17.5 प्रतिशत था.

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