हर पेरेंट्स को पता होने चाहिए ये टिप्स ताकि बच्चों में बढ़ता मानसिक तनाव कर सकें कम

Parenting Tips: पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों की भावनाओं को समझें और उनकी मदद करें. आप भी इन तरीकों को अपना कर अपने बड़े हो रहे बच्चों के तनाव को कम कर सकते हैं. 

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Parenting Tips: बच्चों में बढ़ता मानसिक तनाव पेरेंट्स कैसे करें मदद?

Parenting Tips: आज के दौर में मेंटल स्ट्रेस सिर्फ बड़ों की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि बच्चे भी इससे जूझ रहे हैं. पढ़ाई का प्रेशर, सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव, और परफेक्शन की दौड़ बच्चों पर नकारात्मक असर डाल सकती है. पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों की भावनाओं को समझें और उनकी मदद करें. यहां जानिए कुछ आसान तरीके जो बच्चों के तनाव को कम करने में मददगार हो सकते हैं. आप भी इन तरीकों को अपना कर अपने बड़े हो रहे बच्चों के तनाव को कम कर सकते हैं. 

मानसिक तनाव को कम करने में पेरेंट्स बच्चों की इस तरह करें मदद- (Parents should help their children in reducing mental stress in these ways)

1. बच्चों से खुलकर करें बात

बच्चे तब ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं जब वे अपने पेरेंट्स के साथ खुलकर बात कर पाते हैं. उनके मन की बात सुनने के लिए उन्हें समय दें. अगर वे कोई समस्या या चिंता शेयर करते हैं, तो तुरंत जजमेंट न दें. धैर्य से सुनें और उन्हें भरोसा दिलाएं कि आप उनकी मदद करेंगे.

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2. छोटी-छोटी उपलब्धियों पर भी करें सराहना
बच्चों को अपनी बात रखने के साथ-साथ उनके छोटे-छोटे अचीवमेंट्स पर सराहना की भी जरूरत होती है. चाहे वह स्कूल में अच्छा परफॉर्म करना हो या किसी खेल में हिस्सा लेना, उनकी हर कोशिश की तारीफ करें. इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होते हैं.

3. पढ़ाई और एक्टिविटीज का प्रेशर कम करें
कई बार पेरेंट्स बच्चों से उम्मीदें कुछ ज्यादा ही लगा लेते हैं. पढ़ाई में अच्छे नंबर लाना या स्पोर्ट्स में परफेक्ट होना जरूरी नहीं है. पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों पर ज्यादा प्रेशर न डालें. उनकी क्षमताओं को समझें और उन्हें अपनी रुचि के मुताबिक काम करने दें.

4. स्क्रीन टाइम पर कंट्रोल रखें
मोबाइल और इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है. स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करने के लिए बच्चों के साथ समय बिताएं. उनकी पसंद को बढ़ावा दें, ताकि वे स्क्रीन से दूर रहकर खुद को व्यस्त रख सकें.

5. मनोरंजन और आराम का ध्यान रखें
बच्चों को सिर्फ पढ़ाई और एक्टिविटीज के बीच न बांधें. उनके मनोरंजन और आराम का भी ख्याल रखें. उन्हें उनकी पसंद के खेल खेलने दें या कोई ऐसा शौक अपनाने दें जो उन्हें खुशी दे.

6. गंभीर समस्या होने पर लें एक्सपर्ट की मदद
अगर बच्चे का व्यवहार सामान्य से अलग नजर आ रहा है या वह ज्यादा चिड़चिड़ा हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें. किसी एक्सपर्ट से सलाह लेने में हिचकिचाएं नहीं. प्रोफेशनल हेल्प बच्चों को मानसिक तनाव से बाहर निकालने में काफी मदद कर सकती है.

कुल मिलाकर प्रत्येक माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की स्किल्स और कमजोरियों को समझें और उन्हें बेहतर बनाने में उनकी मदद करें. ध्यान रखें कि हर बच्चा खास होता है. उसे उसकी तरह से बढ़ने का मौका दें. प्यार और सपोर्ट से बच्चे न सिर्फ तनावमुक्त रहेंगे, बल्कि जिंदगी में कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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