दर्द, जलन और अल्सर... पेट में बनने वाला Acid सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक

Stomach Acid Kya Hota Hai: ज्यादा मसालेदार, ज्यादा खट्टा और दूषित खाना खाने से म्यूकस लाइनिंग टूट जाती है और पेट में बनने वाला अम्ल पेट को ही नुकसान पहुंचाने लगता है. ऐसे में पेट में दर्द, जलन और अल्सर होने का खतरा रहता है.

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Stomach Acid Kya Hota Hai: . पेट में बनने वाले अम्ल को संतुलित करने के बहुत सारे तरीके हैं.

Stomach Acid Kya Hota Hai: हमारा पेट खाने पचाने का काम करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने पचाने के लिए अम्ल (एसिड) बनना जरूरी होता है. आमतौर पर, शरीर में अम्ल का बनना हानिकारक हो सकता है, लेकिन पेट में बनने वाला अम्ल किसी जादू से कम नहीं है. यह भोजन को तेजी से पचाने में अहम भूमिका निभाता है. हालांकि, यह संतुलन महत्वपूर्ण है: इस अम्ल का कम या अधिक बनना, दोनों ही अवस्थाएं शरीर के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती हैं. पेट में बनने वाला पाचक अम्ल मुख्य रूप से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और पेप्सिन का मिश्रण होता है. यह मिश्रण हमारे लिए एक तरह से अलार्म का काम करता है. जब पेट खाली होता है और आपको भूख लगती है, तो पेट से जो गुरगुराहट की आवाज आती है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत देती है कि अब शरीर को भोजन की आवश्यकता है.

पेट का अम्ल खाना पचाने, प्रोटीन को तोड़कर रक्त में मिलाने, भोजन के बैक्टीरिया को खत्म करने और अच्छे पोषक तत्वों को शरीर में अवशोषित करने का काम करता है. ये काम तभी ठीक प्रक्रिया से हो पाता है जब अम्ल सही समय और मात्रा में बने. पेट में बनने वाला अम्ल हमारे पेट को नुकसान नहीं पहुंचाता, जब तक पेट के भीतरी हिस्से पर बनी म्यूकस लाइनिंग सुरक्षित है.  ज्यादा मसालेदार, ज्यादा खट्टा और दूषित खाना खाने से म्यूकस लाइनिंग टूट जाती है और पेट में बनने वाला अम्ल पेट को ही नुकसान पहुंचाने लगता है. ऐसे में पेट में दर्द, जलन और अल्सर होने का खतरा रहता है.

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कैसे करें अम्ल को संतुलित

विज्ञान और आयुर्वेद में तभी इसी बात पर जोर दिया गया है कि रात का खाना हमेशा हल्का रखना चाहिए. रात के समय ही पाचन की दिक्कत के बाद हार्टबर्न और एसिडिटी की समस्या बन जाती है. पेट में बनने वाले अम्ल को संतुलित करने के बहुत सारे तरीके हैं. तनाव और चिंता होने पर पेट में बनने वाला अम्ल बुरी तरीके से प्रभावित होता है. ये अम्ल को बढ़ाने और कम करने का काम करता है.

इसके अलावा सौंफ और मिश्री का सेवन करना पेट की जठराग्नि के लिए अच्छा होता है. खाना खाने के बाद टहलने के साथ सौंफ और मिश्री का सेवन करें. ये पेट को ठंडा करती है. लस्सी और अजवाइन दोनों ही पेट के अम्ल के लिए अच्छी होती हैं। ये दोनों मिलकर अम्ल को संतुलित करती है और पाचन में भी मदद करती हैं. इसके अलावा धनिया का पानी, एलोवेरा जूस और नींबू पानी भी अम्ल को संतुलित करने में मदद करते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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