न्यूट्रिशनिष्ट की सलाह मानसून में किन चीजों को खाना जरूरी है और क्या खाने से करें परहेज, यहां जानें

ऋजुता दिवेकर ने इस वीडियो में विस्तार से बताया है कि बारिश के इन दिनों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. क्योंकि इस मौसम में आपके हेल्दी और फिट रहने का संबंध काफी हद तक आपकी डाइट पर निर्भर रहता है.

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जानी मानी न्यूट्रिशियन रुजुता दिवेकर ने इंस्टाग्राम पर लाइव आकर मानसून फूड को लेकर जानकारी दी है. रुजुता ने इस वीडियो में विस्तार से बताया है कि बारिश के इन दिनों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. क्योंकि इस मौसम में आपके हेल्दी और फिट रहने का संबंध काफी हद तक आपकी डाइट पर निर्भर रहता है. इस मौसम में डाइट ऐसी होनी चाहिए जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाएं और आपको हेल्दी रखे. मानसून डाइट को लेकर रुजुता दिवेकर ने चार नियम बताएं हैं. जिसे इस सीजन में जरूर फॉलो करना चाहिए. 

1. मॉनसून में क्या नहीं खाना चाहिए

न्युट्रिशियन रुजुता दिवेकर का कहना है कि इस मौसम में बाहर का खाना बिलकुल नहीं खाना चाहिए.  कोशिश करें कि आप हमेशा घर पर ही कुछ बनाकर खाएं. 

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2. किन चीजों से करें परहेज

इस मौसम में प्याज और लहसुन खाना कम कर देना चाहिए, इसके अलावा मीट, अंडे और फिश खाना भी कम कर देना चाहिए. हालांकि सावन के महीने में अक्सर लोग खुद ही ये सब खाना कम कर देते हैं. फिर भी लोग जानकारी न होने के चलते खाते रहते हैं, अगर आप खा रहे हैं तो इसे खाना कम कर दीजिए.

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3. क्या करें खाने में शामिल

इस सीजन में लोग व्रत और उपवास बहुत रखते हैं. इसलिए राजगिरा, कूट्टू, बनाना अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. सब्जियों में आप सूरन, अरवी, स्वीट पोटैटो बनाकर खा सकते हैं. इस मौसम में जंगली सब्जियां भी काफी आती है. ये अलग-अलग इलाकों की ऐसी सब्जियां होती है जो बरसात में अपने आप ही उग आती है.जैसे महाराष्ट्र में - आड़ू, लिंगड़ी, शेवड़ा, अमवाड़ी और गोंगुरा नाम की सब्जियां इस मौसम में काफी पाई जाती है. इन सभी को किसानों द्वारा प्लांट नहीं किया जाता है, इनकी पैदावार इस मौसम में प्राकृतिक रूप से अपने आप होती है. यह सभी सब्जियां हमेशा नहीं, पर इस सीजन में जरूर मिलती है. इसलिए इन्हें इस मौसम में खाना अच्छा होता है. 

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4. क्या है स्पेशल खाना

इस मौसम में कुछ स्पेशल बनाकर जरूर खाना चाहिए. महाराष्ट्र के लोग ऋषींची भाजी बनाकर खा सकते हैं. यह भाजी वाइल्ड एंड अनकल्टीवेटेड सब्जियों के कॉम्बिनेशन से बनाई जाती है. जो आपकी स्किन, हेयर, डाइजेशन, इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद होती है. महाराष्ट्र में इसे सीजन का प्राइड कहा जाता है.इसी प्रकार स्थानीय सब्जियां काफी पोषक और इस मौसम के अनुकूल होती है.

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रुजुता ने बताया कि इस मौसम में  स्थानीय व्यंजनों को खाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है जैसे हिमाचल में सिद्दू, महाराष्ट्र में मोदक, दाल बाटी या बाफ्ला, अडू बड़ी, सेलो फ्राइड बनाकर खा सकते हैं. इसका अलावा कुकम्बर का प्रयोग करें. कभी-कभार भजिए खाने से परहेज न करें,ये भजिए मौसमी या अच्छी जंगली सब्जियों से बने हो तो और भी अच्छा है. मानसून की इस डाइट को अपनी जिंदगी जरूर शामिल करें, अपने साथ अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए भी यह सब बनाइए और खाइए. जिससे की यह पीढ़ी इस डाइट से अंजान न रहें और इसे खाकर साथ स्वस्थ्य रहे.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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