क्या है नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, कितना है खतरनाक, इसके लक्षण और बचाव के उपाय

Nonalcoholic Fatty Liver Disease : लीवर की एक समस्या जिसे नॉनअल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज यानी NAFLD के नाम से जाना जाता है. ये समस्या उन लोगों में देखी जाती है जो बहुत कम या बिल्कुल भी शराब नहीं पीते.

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आप भी जूझ रहे हैं फैटी लिवर डिजीज से? जानें कारण, लक्षण और निवारण

Nonalcoholic Fatty Liver Disease :  इंसान के शरीर में लीवर एक प्रमुख अंग है. जो हमारे शरीर से टॉक्सिक पदार्थ निकालने और ब्लड को छानने में अहम रोल निभाता है. लेकिन अगर इससे जुड़ी कोई समस्या हो जाए तो ये कई गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है. NAFLD यानी नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज ये एक ऐसी समस्या है जो ज्यादातर मध्य पूर्वी और पश्चिमी देशों में देखने को मिलती है. इसके पीछे एक कारण मोटापा भी माना जाता है. एक रिसर्च के अनुसार NAFLD दुनिया में लीवर डिजीज का सबसे आम रूप है. आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और उपाय.


नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के लक्षण, कारण और बचाव (Symptoms, causes and prevention of non-alcoholic fatty liver disease)

NAFLD और NASH क्या है?

NAFLD की गंभीरता हेपेटिक स्टीटोसिस, जिसे फैटी लिवर कहा जाता है, से लेकर नॉनअल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस NASH नामक बीमारी के अधिक गंभीर रूप तक होती है. NASH के कारण लीवर में फैट जमा होने के कारण लीवर में सूजन आ जाती है और ये डैमेज हो जाता है. जब ये घाव बढ़ता है तो सिरोसिस का रूप ले लेता है. यहां तक ​​कि इससे लीवर कैंसर भी हो सकता है. 

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नाम बदलने की सिफारिश

वर्तमान में नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर रोग का नाम बदलकर मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लीवर डिजीज (MASLD) करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है. विशेषज्ञों ने नॉनअल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस का नाम बदलकर मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोहेपेटाइटिस (MASH) करने की भी सिफारिश की है.

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नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिसीज लक्षण

नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर डिसीज के लक्षणों में खास है

  • थकान,
  • अच्छा महसूस नहीं करना,
  • पेट के ऊपरी राइट साइड में दर्द
  • या बेचैनी होना.

NASH और सिरोसिस या गंभीर घाव के संभावित लक्षण

इस समस्या में इंसान को स्किन में खुजली होती है, पेट में सूजन आ जाती है. इसके अलावा सांस लेने में परेशानी होती है. पैरों में सूजन आती है, स्किन की सतह के ठीक नीचे मकड़ी के जाल के जैसी ब्लड सेल्स दिखाई देती हैं. साथ ही हथेलियों का लाल होना स्किन और आंखों का पीला पड़ना या पीलिया होना जैसे लक्षण शामिल हैं.

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नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के कारण

एक्सपर्ट के अनुसार लिवर में जमा फैट के पीछे की असली वजह का पता लगाना बड़ा मुश्किल होता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये नहीं पता कि कुछ लिवर में फैट क्यों जमा होता है और कुछ में क्यों नहीं? यहां तक कि वे पूरी तरह से ये भी नहीं समझ पाते हैं कि क्यों कुछ फैटी लीवर NASH में बदल जाते हैं.

NAFLD और NASH दोनों के सामान्य कारण

NAFLD और NASH दोनों के सामान्य कारणों में जिनेटिक, अधिक वजन या मोटापा

इंसुलिन रेसिस्टेंस, ये तब होता है जब आपकी सेल्स हार्मोन इंसुलिन के बदले शुगर नहीं बनाती है, टाइप 2 डायबिटीज, जिसे कभी-कभी हाई ब्लड शुगर या हाइपरग्लेसेमिया भी कहा जाता है. ब्लड में फैट, खासकर ट्राइग्लिसराइड्स का हाई लेवल. ये कॉमन हेल्थ इशूज फैटी लिवर के कारण हो सकते हैं. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनमें ये सभी कारण नहीं होने के बाद भी NAFLD की समस्या देखी गई है.

NAFLD से जुड़े रिस्क फैक्टर्स

कई बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं NAFLD के खतरे को बढ़ा सकती हैं, जैसे-

  • फैटी लिवर डीसीज या मोटापे की फैमिली हिस्ट्री,
  • ग्रोथ हार्मोन की कमी,
  • हाई कोलेस्ट्रॉल, 
  • ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल हाई होना,
  • इंसुलिन रेसिस्टेंस,
  • मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम,
  • मोटापा,
  • खासकर जब फैट कमर पर ज्यादा हो,
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम,
  • ऑब्स्ट्रिक्टिव स्लीप एपनिया,
  • डायबटीज टाइप-2,
  • अंडरएक्टिव थायराइड, जिसे हाइपोथायरायडिज्म भी कहा जाता है,
  • अंडरएक्टिव पिट्यूटरी ग्लैंड या हाइपोपिट्यूटारिज़्म शामिल हैं.

इस ऐज के लोगों को NASH की संभावना अधिक होती है -

जो 50 से अधिक उम्र के लोग हैं, इसके साथ ही कुछ लोगों में जिनेटिक रूप से देखा जाता है. ऐसे लोग जो मोटापे से ग्रस्त हैं, वे लोग जो डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर वाले हों. जिन लोगों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षण होते हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई ट्राइग्लिसराइड्स और कमर का बड़ा आकार. 

बिना क्लीनिकल जांच के ये पता लगाना कठिन है कि व्यक्ति NAFLD या NASH से ग्रस्त है.

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कैसे करें रोकथाम

NAFLD के रिस्क को कम करने के उपाय

1. हेल्दी डाइट : NAFLD की समस्या में हेल्दी फूड लें. जैसे फल, सब्जी, साबुत अनाज और उन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें जिनमें भरपूर मात्रा में गुड फैट हो.

2. अल्कोहल, सिंपल शुगर और शुगर वाले प्रॉडक्ट को सीमित करें :  जैसे सोडा, स्पोर्ट्स ड्रिंक, जूस और मीठी चाय जैसे स्वीट ड्रिंक्स से बचें. शराब का सेवन आपके लीवर को खराब कर सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि आप इन चीजों से दूरी बना कर रखें.

3. गुड वेट करें मेंटेन : अगर आपका वजन अधिक है या आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो धीरे-धीरे वजन कम करने के लिए प्रयास करें. अगर आप हेल्दी वेट मेंटेन करते हैं तो इसे बनाए रखने के लिए हेल्दी फूड और एक्सरसाइज करते रहें.

4. एक्सरसाइज करें : NAFLD की समस्या से बचने के लिए ज्यादातर वीक डेज में एक्टिव रहें. अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं तो पहले अपनी हेल्थ चेकअप टीम से सलाह जरूर लें.

यह लेख  डॉक्टर अभिदी चौधरी से बातचीत पर आधारित है. 

(Dr. Abhideep Chaudhary, Senior Director & HOD, HPB Surgery & Liver Transplantation, BLK-Max)

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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