एक शोध में दावा किया गया है कि लंबे समय तक कोविड से प्रभावित रहे 59 फीसदी मरीजों में शुरुआती लक्षण सामने आने के करीब एक साल बाद अंग खराब होने के मामले सामने आए हैं. इनमें वे मरीज भी शामिल हैं, जो पहली बार संक्रमित पाए जाने के बाद गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़े थे. जर्नल ‘रॉयल सोसाइटी ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित शोध में 536 ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जो लंबे समय तक कोविड से प्रभावित रहे और इस दौरान उन्हें सांस लेने में दिक्कत और स्वास्थ्य संबंधी अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
6 महीने बाद अंगों के ठीक तरह से काम न करने की मिली शिकायत:
शोधकर्ताओं ने कहा कि इनमें से 13 फीसदी लोगों को पहली बार कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, जबकि अध्ययन में शामिल 32 फीसदी लोग स्वास्थ्यकर्मी थे, उन्होंने कहा कि 536 में से 331 मरीजों में पहली बार संक्रमण की पुष्टि होने के 6 महीने बाद अंग के ठीक तरह से काम नहीं करने की जानकारी सामने आई.
लंबे समय तक कोविड से प्रभावित लोगों को ज्यादा दिक्कत:
शोधकर्ताओं ने छह महीने बाद इन मरीजों पर 40 मिनट लंबा ‘मल्टी-ऑर्गन एमआरआई स्कैन' टेस्ट किया. इसके निष्कर्ष से इस बात की पुष्टि हुई कि लंबे समय तक कोविड से प्रभावित रहे 29 फीसदी मरीजों के कई अंग खराब हो गए जबकि संक्रमित होने के करीब एक साल बाद 59 फीसदी मरीजों के एक अंग ने काम करना बंद कर दिया.
ब्रिटेन के ‘यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन' से जुड़े सीनियर रिसर्च ऑथर प्रोफेसर अमिताव बनर्जी ने कहा, "शोध में यह पाया गया है कि कई मरीजों में लगभग एक साल तक कोविड के लक्षण बने रहे. लंबे समय तक कोविड से प्रभावित रहे पांच में से तीन लोगों का कम से कम एक अंग खराब हुआ जबकि चार में से एक मरीज के दो या अधिक अंग खराब हुए हैं."