नवरात्रि 2025: पीरियड्स में नवरात्रि की पूजा करना सही है या नहीं? प्रेमानंद महाराज से जानें | Can I Do Navratri Puja In Periods

 नवरात्रि हमारे देश का एक बेहद पवित्र और उत्साह से भरा त्योहार है। इस नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है और हर भक्त इस दौरान अपनी श्रद्धा से घर और मंदिरों में पूजा करता है।

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Navratri Period Rules | Can I Do Navratri Puja In Periods : नवरात्रि 2025, पीरियड्स में पूजा के बारे में प्रेमानंद महाराज की सलाह

Navratri Period Rules: नवरात्रि हमारे देश का एक बेहद पवित्र और उत्साह से भरा त्योहार है. इन नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है और हर भक्त इस समय अपनी श्रद्धा से घर और मंदिरों में पूजा करता है. लेकिन कई महिलाओं के लिए यह समय थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि नवरात्रि के दौरान उनके पीरियड्स (माहवारी) हो जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है — क्या पीरियड्स के दौरान पूजा करना सही है या नहीं? इस विषय पर कई तरह की धारणाएँ और विवाद होते रहे हैं. धर्मगुरु प्रेमानंद महाराज ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं. इस लेख में हम आपको इस सवाल का जवाब देंगे कि क्या पीरियड्स के दौरान नवरात्रि की पूजा करना सही है या नहीं, वह भी वैज्ञानिक आधार पर.

क्‍या कहते हैं प्रेमानंद महाराज, क्या पीरियड्स में नवरात्रि की पूजा कर सकते हैं?

सनातन धर्म में मासिक धर्म (पीरियड्स) को महिलाओं के लिए एक अशुभ और अशुद्ध समय माना जाता है। लेकिन इस बात पर अलग-अलग राय हैं। प्रेमानंद महाराज ने इस विषय पर अपनी राय दी है कि मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान क्या भगवान की पूजा करनी चाहिए या नहीं. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि शास्त्रों में लिखा है कि मासिक धर्म के दिनों में महिलाओं को पूजा पाठ या किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में भाग नहीं लेना चाहिए. इस दौरान महिलाओं के लिए पूजा करना वर्जित माना जाता है. प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि मासिक धर्म के दौरान ग्रंथ पढ़ना, खाना बनाना, और ठाकुर की सेवा करना इन सभी कामों से बचना चाहिए। यह शास्त्रों द्वारा निर्धारित मर्यादा है.

अब सवाल होता है - क्‍या पीरियड्स में पूजा कर सकते हैं?

कई लोग सोचते हैं कि पीरियड्स के वक्त पूजा नहीं करनी चाहिए, लेकिन प्रेमानंद महाराज ने बताया एक वीड‍ियो में कहा है कि "पीरियड्स में पूजा करने में कोई बुराई नहीं है. मां दुर्गा तो हर किसी के दिल की बात सुनती हैं. अगर तुम मन से पूजा करोगी, तो मां तुम्हारी पूजा जरूर स्वीकार करेंगी. इसलिए, अगर तुम्हें पीरियड्स हो रहे हैं, तो भी दिल से पूजा करो, मां दुर्गा तुम्हारे साथ हैं.

पीरियड्स में पूजा, क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर?

हां,पीरियड्स में पूजा कर सकते हैं. डॉक्‍टर्स का कहना है क‍ि पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो हर लड़की और महिला के शरीर में होती है. यह कोई गंदगी या अशुद्धि नहीं है. इसलिए पीरियड्स के दौरान भी मां की पूजा मन से की जा सकती है. 

डॉ. निधि झा बताती हैं कि बहुत से लोग पूछते हैं कि पीरियड के दौरान जो खून आता है, क्या वह गंदा होता है? और क्या तब पूजा-पाठ कर सकते हैं या नहीं?  डॉ. निधि के मुताबिक, पीरियड का खून गंदा नहीं होता. ये बिलकुल सामान्य बात है. हर महीने हमारे शरीर में एक खास तैयारी होती है ताकि अगर बच्चा होने वाला हो, तो उसकी जगह मिल सके. लेकिन अगर बच्चा नहीं बनता, तो शरीर वह तैयारी छोड़ देता है और वह खून के साथ बाहर आता है.

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इसलिए पीरियड का खून कोई गंदगी नहीं है, बल्कि शरीर का एक प्राकृतिक काम है.  इसलिए पीरियड्स के समय भी पूजा और भगवान की आराधना की जा सकती है. पूजा में मन लगाना सबसे ज़रूरी होता है.

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पीरियड्स में पूजा कैसे करें | Periods me puja kaise kare 

कुछ लोग सोचते हैं कि पीरियड्स में पूजा करना सही नहीं, लेकिन यह गलतफहमी है. माता दुर्गा को सबसे ज़्यादा मन की भक्ति पसंद है. अगर आपका दिल पूजा में लगा है, तो कोई बात नहीं कि पीरियड्स हो रहे हों. 

आप घर में या मंदिर में साफ़-सुथरे कपड़े पहनकर, मन से आराधना कर सकती हैं. पूजा करते समय साफ़-सफाई रखना जरूरी है, जो हर वक्त ध्यान रखना चाहिए. इसलिए, पीरियड्स के समय पूजा से डरें नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास के साथ मां से जुड़ें. मां दुर्गा सबकी भक्ति स्वीकार करती हैं. आपकी भक्ति ही सबसे बड़ी पूजा है.

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पीरियड्स में पूजा की व‍िधि‍ | Periods Me Puja ki Vidhi

  1. साफ़-सफाई रखें : पूजा करने से पहले अपने हाथ और शरीर को अच्छे से धो लें. साफ कपड़े पहनें.
  2. पूजा की जगह साफ रखें : पूजा करने वाली जगह को अच्छी तरह साफ करें. मां के फोटो या मूर्ति को साफ कपड़े से पोछ लें.
  3. मन से पूजा करें : सबसे ज़रूरी है कि आपका मन मां की भक्ति से भरा हो. दिल से मां से कुछ भी माँगें या धन्यवाद दें.
  4. चमचमाते फूल, फूलों की माला या अगरबत्ती जलाएं : पूजा में फूल, अगरबत्ती, दीपक और जल चढ़ाएं. ये सब मां को बहुत पसंद हैं.
  5. आरती गा सकते हैं या सुन सकते हैं : आप आरती गा सकते हैं या मंदिर में जो भी भजन बजते हैं, उन्हें सुन सकते हैं.
  6. ध्यान लगाएं और माँ की पूजा करें : कुछ मिनट मां की सोचें और मन लगाकर प्रार्थना करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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