National Nutrition Week: क्यों मनाया जाता है नेशनल न्यूट्रिशन वीक, कब हुई शुरुआत? जानें इस साल की थीम

National Nutrition Week: पोषण शरीर की ऊर्जा और ग्रोथ के लिए जरूरी है. फूड सेफ्टी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 74 प्रतिशत आबादी हेल्दी डाइट का खर्च नहीं उठा सकती और 39 प्रतिशत लोग पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं.

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National Nutrition Week 2025: हर साल 1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है.

National Nutrition Week: भारत में हर साल 1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को संतुलित और पौष्टिक डाइट के महत्व के प्रति जागरूक करना है. इस साल 2025 की थीम 'बेहतर जीवन के लिए सही खाएं' है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को बैलेंस डाइट अपनाने और कुपोषण से निपटने के लिए प्रेरित करती है. यह वीक स्वास्थ्य मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है, जिसमें पोषण अभियान, मिड-डे मील योजना और एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) जैसी योजनाओं का समर्थन होता है.

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नेशनल न्यूट्रिशन वीक का उद्देश्य

नेशनल न्यूट्रिशन वीक की शुरुआत 1982 में भारत सरकार द्वारा की गई थी, जब कुपोषण एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा था. इसका मुख्य लक्ष्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और बुजुर्गों में पोषण की कमी को दूर करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पोषण शरीर की ऊर्जा और ग्रोथ के लिए जरूरी है. फूड सेफ्टी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 74 प्रतिशत आबादी हेल्दी डाइट का खर्च नहीं उठा सकती और 39 प्रतिशत लोग पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं. यह हफ्ता इन समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है.

इस वीक के दौरान क्या किया जाता है?

इस हफ्ते के दौरान, देशभर में स्वास्थ्य शिविर, सेमिनार, वेबिनार और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार की जानकारी दी जाती है, जबकि आंगनवाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और माताओं को पोषण संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. लोगों को ताजे फल, सब्जियां और कम प्रोसेस्ड फूड्स खाने की सलाह दी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे फल और सब्जियों में पोषक तत्व ज्यादा होते हैं और इन्हें छिलके समेत खाने से पोषण की पूर्ति होती है.

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नेशनल न्यूट्रिश वीक 2025 की थीम

2025 की थीम 'बेहतर जीवन के लिए सही खाएं' लोगों को मौसमी और लोकल फूड्स के सेवन पर जोर देती है. यह थीम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप है, जो सभी के लिए पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने पर केंद्रित है. विशेषज्ञों ने जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड्स से बचने की सलाह दी है, क्योंकि ये मोटापा, हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं. इसके बजाय, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन डी और आयरन से भरपूर डाइट लेने की सिफारिश की गई है.

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सरकार की पोषण योजनाओं, जैसे पीएम पोषण योजना ने स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करके कुपोषण को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है. इस योजना का उद्देश्य स्कूल में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित करना है.

नेशनल न्यूट्रिशन वीक लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित करता है. यह समाज को कुपोषण, मोटापा और पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एकजुट होने का अवसर देता है. सभी से अपील है कि वे अपने डाइट में संतुलन बनाएं और हल्दी भारत के निर्माण में योगदान दें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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