स्वीडन में पाया गया एमपॉक्स के नए वेरिएंट का पहला मामला, बच्चों को कर रहा है संक्रमित

स्वीडिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि देश में एमपॉक्स के अधिक संक्रामक क्लेड वेरिएंट का पहला मामला पाया है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने गुरुवार को यह पुष्टि की कि एमपॉक्स का यह खतरनाक वेरिएंट अफ्रीका महाद्वीप के बाहर पुष्टि होने वाला पहला मामला है.

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स्वीडन में एमपॉक्स का पहला केस आया सामने.

एमपॉक्स ने एक बार फिर से पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है. कई देशों में इस वायरस ने लोगों को अपनी चपेट में लिया है. वहीं अब इसका एक नया मामला स्वीडन में भी सामने आया है. बता दें कि स्वीडन में एसका नया वेरिएंट सामने आया है. स्वीडिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि देश में एमपॉक्स के अधिक संक्रामक क्लेड वेरिएंट का पहला मामला पाया है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने गुरुवार को यह पुष्टि की कि एमपॉक्स का यह खतरनाक वेरिएंट अफ्रीका महाद्वीप के बाहर पुष्टि होने वाला पहला मामला है. स्वास्थ्य एजेंसी के राज्य महामारी वैज्ञानिक, मैग्नस गिस्सलेन ने एक प्रेस बयान में कहा कि संक्रमित शख्स अफ्रीका के उस इलाके से लौटा है जहां एमपॉक्स क्लेड. संक्रमण से लोग पीड़ित हैं.

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है. स्वीडिश हेल्थ एजेंसी ने बताया कि क्लेड अब मुख्य रूप से घरेलू संपर्कों के माध्यम से फैल रहा है. यह सबसे पहले बच्चों को संक्रमित करता है.हालांकि यह 2022 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले क्लेड II बी वेरिएंट के समान ही बीमारियां उत्पन्न करता है. दुनिया में क्लेड II बी वेरिएंट को अधिक गंभीर और उच्च मृत्यु दर का कारण माना जाता है.

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बता दें, एमपॉक्स का पिछला वेरिएंट क्लेड II बी लोगों में मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से फैलता था. देश में पिछले संक्रमण क्लेड II बी वेरिएंट की लहर में लगभग 300 मामले दर्ज किए गए थे. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कांगो में यौन संचारित म्पॉक्स क्लेड I का पहला ज्ञात मामला बेल्जियम के निवासी का था.हालांकि, शोधकर्ताओं को बाद में बेल्जियम में क्लेड I के प्रसार का कोई प्रमाण नहीं पाया.

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डब्ल्यूएचओ ने   एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया। एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, कांगो सहित 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है. अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एमपॉक्स के बढ़ने पर आईएचआर आपातकालीन समिति की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग की. उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में दूसरी बार है जब एमपॉक्स आपातकालीन स्थिति में पहुंच गया है.

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डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह मैंने घोषणा की थी कि मैं कांगो और अफ्रीका के अन्य देशों में एमपॉक्स के बढ़ने का मूल्यांकन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत एक आपातकालीन समिति बुला रहा हूं. उन्होंने कहा कि पूर्वी कांगो में एमपॉक्स के एक नए समूह का पता लगा है. और यह बहुत तेजी से पड़ोसी देशों में भी फैल रहा है। जहां पहले एमपॉक्स की रिपोर्ट नहीं की गई थी, और अफ्रीका और उसके बाहर इसके और फैलने की संभावना बहुत चिंताजनक है.

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बता दें कि WHO ने आकस्मिक निधि से लगभग 1.5 मिलियन डॉलर जारी किए हैं, और आने वाले दिनों में और अधिक जारी करने की योजना बना रहे हैं. महानिदेशक ने कहा कि डब्ल्यूएचओ आने वाले दिनों और सप्ताहों में वैश्विक प्रतिक्रिया का समन्वय करने, प्रत्येक प्रभावित देश के साथ मिलकर काम करने और संक्रमण को रोकने, संक्रमित लोगों का इलाज करने और जीवन बचाने के लिए अपनी जमीनी उपस्थिति का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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