भारतीय पुरुषों में 50 साल की आयु के बाद प्रोस्टेट कैंसर के साथ इन स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा ज्यादा, जानें रोकथाम के उपाय

Men’s Health Week: भारतीय पुरुषों के लिए 50 साल की आयु के बाद हेल्थ केयर और रेगुलर चेकअप बहुत जरूरी है. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने, बैलेंस डाइट लेने और रेगुलर एक्सरसाइज करने से कई सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सकता है.

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उम्र के साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

Men's Health Week 2024: मेंस हेल्थ वीक हर साल फादर्स डे से पहले वाले सप्ताह में मनाया जाता है, जो 2024 में 10 जून से 16 जून के बीच मनाया जा रहा है. यह समय पिता, भाइयों, बेटों और पुरुष मित्रों को उनके स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने का है. भारतीय पुरुषों में 50 साल की आयु के बाद प्रोस्टेट कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं आम होती जा रही हैं. उम्र के साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें प्रोस्टेट कैंसर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा शामिल हैं. इन बीमारियों की रोकथाम और समय पर पहचान से स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखा जा सकता है.

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प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में सबसे आम कैंसर में से एक है. यह प्रोस्टेट ग्रंथि में होता है, जो मूत्राशय के नीचे और मूत्रमार्ग के सामने स्थित होती है. प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक आम कैंसर है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होता है. प्रोस्टेट एक छोटा, अखरोट के आकार का अंग होता है जो पुरुषों में वीर्य का उत्पादन करता है. यह ग्रंथि मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होती है.

प्रोस्टेट कैंसर के कारण (Prostate Cancer Causes)

आयु: 50 साल से ज्यादा आयु के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.
परिवारिक इतिहास: अगर किसी के परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास है, तो उसका जोखिम बढ़ जाता है.
वंशानुगत कारक: अफ्रीकी-अमेरिकी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम सबसे ज्यादा होता है.
डाइट और लाइफस्टाइल: हाई फैट वाली डाइट, धूम्रपान और शारीरिक सक्रियता की कमी भी जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

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प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण (Symptoms of Prostate Cancer)

  • मूत्र करने में कठिनाई
  • यूरीन में खून आना
  • पेल्विक एरिया में दर्द
  • हड्डियों में दर्द

प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम | Prostate Cancer Prevention

नियमित जांच: 50 वर्ष की आयु के बाद नियमित प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE) कराना चाहिए.
हेल्दी डाइट: फलों, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं और फैटी फूड्स से बचें.
व्यायाम: नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रण में रहता है और प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम कम होता है.

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पुरुषों में होने वाली अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं:

1. हार्ट डिजीज

हार्ट डिजीज आज के समय में एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है. यह रोग न केवल वृद्धावस्था में बल्कि युवाओं में भी तेजी से फैल रहा है. हृदय रोग के कई प्रकार होते हैं, जिनमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक, एरिथमिया, हार्ट फेल्योर और कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर प्रमुख हैं.

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लक्षण:

  • सीने में दर्द या दबाव
  • सांस लेने में कठिनाई
  • अत्यधिक थकान
  • अनियमित दिल की धड़कन

रोकथाम:

नियमित व्यायाम: प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें.
हेल्दी डाइट: संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल हों.
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान हृदय रोग का मुख्य कारण है, इसे छोड़ना बहुत जरूरी है.
नियमित जांच: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं.

2. डायबिटीज

एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर (ब्लड शुगर) का लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है. यह एक गंभीर और जटिल स्वास्थ्य समस्या है जो विश्वभर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है.

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लक्षण:

  • अत्यधिक प्यास और भूख
  • बार-बार पेशाब आना
  • थकान
  • धुंधली दृष्टि

रोकथाम:

हेल्दी डाइट: शुगर और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कंट्रोल करें.
वेट कंट्रोल: हेल्दी वेट बनाए रखें.
नियमित व्यायाम: शारीरिक सक्रियता को बढ़ावा दें.
नियमित जांच: ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच कराएं.

3. हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है. ये एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. यह स्थिति तब होती है जब आपके खून का दबाव आपकी धमनियों की दीवारों पर बढ़ जाता है, जिससे हार्ट को ब्लड पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.

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लक्षण

  • सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • नाक से खून आना (कभी-कभी)
  • छाती में दर्द

रोकथाम:

हेल्दी डाइट: नमक का सेवन कम करें और फल, सब्जियां और लो फैट फूड्स खाएं.
व्यायाम: रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा दें.
स्ट्रेस मैनेजमेंट: योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाएं.
नियमित जांच: ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराएं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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