ठंड से कांप रहा पूरा उत्तर भारत, बीमार होने से बचने लिए खाने की 5 चीजें और किन खानों को कहें ना

Agle Hafte Kaisa Rahega Mausam: यहां हम जानेंगे कि अगले हफ्ते मौसम का रुख कैसा रह सकता है, इसका शरीर पर क्या असर पड़ता है और कौन-से फूड्स अपनाकर हम खुद को निरोगी, एनर्जेटिक और एक्टिव रख सकते हैं.

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Stay Healthy Weather Changes: समस्याएं मौसम और खानपान के तालमेल न बैठ पाने की वजह से होती हैं.

Weather Update, Diet Plan: मौसम का बदलना सिर्फ कैलेंडर की तारीख बदलने जैसा नहीं होता, बल्कि यह हमारे शरीर, मन और रोजमर्रा की आदतों पर सीधा असर डालता है. जब मौसम स्थिर रहता है, तब शरीर आसानी से खुद को ढाल लेता है, लेकिन जब कुछ ही दिनों में ठंड, गर्मी, उमस और हवा, सबका मिला-जुला असर दिखने लगे, तब सेहत को संभालना चुनौती बन जाता है. दिल्ली एनसीआर और पूरे उत्तर भारत में कैसा रहेगा मौसम का हाल ये हर कोई जानना चाहता है. इस हफ्ते मौसम कैसा रहेगा, या अगले हफ्ते मौसम कैसा रहेगा?, आने वाले दिनों में तापमान कितना रहेगा? दिल्ली का तापमान कितना है? जब मौसम अचानक बदल जाता है, तो अक्सर लोग शिकायत करते हैं, जुकाम बार-बार हो रहा है, गला खराब है, पेट ठीक नहीं रहता, थकान बनी रहती है या एलर्जी बढ़ गई है.

दरअसल, ये सभी समस्याएं मौसम और खानपान के तालमेल न बैठ पाने की वजह से होती हैं. अच्छी बात यह है कि अगर हम पहले से सतर्क हो जाएं और अपने खाने-पीने में थोड़े समझदारी भरे बदलाव कर लें, तो बड़ी बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं.

यहां हम जानेंगे कि अगले हफ्ते मौसम का रुख कैसा रह सकता है, इसका शरीर पर क्या असर पड़ता है और कौन-से फूड्स अपनाकर हम खुद को निरोगी, एनर्जेटिक और एक्टिव रख सकते हैं.

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अगले हफ्ते मौसम का हाल: क्यों बढ़ सकती हैं स्वास्थ्य समस्याएं?

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में मौसम पूरी तरह स्थिर नहीं रहेगा. दिल्ली और उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले कुछ दिनों घना कोहरा, ठंडी हवाएं और गिरता तापमान लोगों की परेशान कर सकता है. साथ ही कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है.

4 राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी:

IMD के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. अखिल श्रीवास्तव ने NDTV को बताया कि हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में घने कोहरा छाया रह सकता है. इन राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन राज्यों में विजिबिलिटी बेहद कम रहेगी.

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इन 10 राज्यों के लिए जारी किया येलो अलर्ट:

मौसम विभाग 10 से ज्यादा राज्यों में कोहरे और विजिबिलिटी कम होने के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है. इन राज्यों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ भी शामिल है. लेकिन, इन राज्यों में 25 से 28 दिसंबर तक घना कोहरा छाने की संभावना है. सुबह और रात में हल्की ठंडक महसूस हो सकती है. कुछ इलाकों में नमी (ह्यूमिडिटी) बढ़ सकती है.

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इस तरह का मौसम शरीर के लिए कन्फ्यूज़न पैदा करता है. एक समय ठंड से बचने की जरूरत, तो कुछ घंटों सामान्य बने रहने से. यही कारण है कि इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ सकता है.

मौसम बदलते ही शरीर क्यों पड़ जाता है बीमार? | Why Does the Body Fall Ill When the Weather Changes?

जब मौसम बदलता है, तो हमारा शरीर खुद को नए एनवायरमेंट के अनुसार ढालने की कोशिश करता है:

  • तापमान में बदलाव से वायरस और बैक्टीरिया ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं.
  • नमी बढ़ने पर फंगल इन्फेक्शन और एलर्जी का खतरा.
  • ठंडक बढ़ने पर सर्दी, खांसी, जुकाम और गले की समस्याएं हो सकती हैं.
  • इस दौरान पाचन तंत्र भी कमजोर हो सकता है, जिससे गैस, अपच, कब्ज या एसिडिटी की शिकायत होने लगती है.

बदलते मौसम में निरोगी रहने के लिए क्या खाएं? | What Should You Eat to Stay Healthy During Changing Weather?

1. गरम, ताजा और हल्का खाना क्यों है जरूरी?

मौसम बदलते समय शरीर को ऐसा भोजन चाहिए जो आसानी से पच जाए, शरीर को अंदर से गर्माहट दे, इम्यूनिटी को मजबूत बनाए. दाल, सब्ज़ी, सूप, खिचड़ी, दलिया जैसे भोजन इस समय सबसे बेहतर माने जाते हैं. ये पेट पर भारी नहीं पड़ते और शरीर को जरूरी पोषण देते हैं.

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2. इम्यूनिटी बढ़ाने वाले देसी सुपरफूड

महंगे सप्लीमेंट्स की जगह देसी चीजों पर भरोसा करें, जिनमें हल्दी का बड़ा रोल है. इसमें मौजूद करक्यूमिन सूजन और संक्रमण से बचाता है. अदरक गले की खराश, सर्दी और पाचन के लिए फायदेमंद है. इसके साथ ही लहसुन नेचुरल एंटीबायोटिक का काम करती है. तुलसी सर्दी-खांसी और वायरल से बचाव करने में मददगार है. इनसे बना काढ़ा या भोजन में इनका इस्तेमाल मौसम में ढाल की तरह काम करता है.

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3. दही खाएं, लेकिन सोच-समझकर

दही पेट के लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन मौसम बदलते समय इसे दिन में ही खाएं. रात में दही खाने से कफ बढ़ सकता है. इस बात का ध्यान रखें कि अगर दही खा रहे हैं तो वह ज्यादा ठंडा न हो. अगर दही नहीं सूट करता, तो छाछ एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

Photo Credit: Canva

4. फल कैसे और कितने खाएं?

फल जरूरी हैं, लेकिन हर फल हर मौसम में सही नहीं होता. सेब, पपीता, नाशपाती जैसे फल पाचन में मदद करते हैं. बहुत ज्यादा खट्टे फल गले की समस्या बढ़ा सकते हैं. कटे हुए फल लंबे समय तक न रखें.

5. पानी और हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स लेने का सही तरीका:

  • मौसम चाहे ठंडा लगे या गर्म, पानी की कमी न होने दें.
  • बहुत ठंडा पानी सीधे न पिएं.
  • गुनगुना पानी पाचन और गले के लिए बेहतर.
  • हर्बल चाय, दालचीनी या सौंठ वाला पानी लाभकारी.

किन चीजों से अभी दूरी बनाना जरूरी?

  • तला-भुना और जंक फूड
  • बहुत ज्यादा मीठा
  • बासी खाना या कई दिन पुराना फ्रिज का भोजन
  • कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम

ये चीजें इम्यूनिटी कमजोर कर सकती हैं और पेट की समस्या बढ़ा सकती हैं.

पूरे दिन का मौसम के हिसाब के फूड प्लान | A Food Plan Based on the Weather for the Entire Day

सुबह:

  • गुनगुना पानी और शहद
  • हल्का नाश्ता (दलिया, उपमा या पोहा)

दोपहर:

  • रोटी या चावल
  • दाल
  • मौसमी सब्ज़ी
  • थोड़ी मात्रा में दही

शाम:

  • सूप या हर्बल चाय
  • भुने मखाने या चने

रात:

  • हल्का खाना
  • सोने से पहले हल्दी वाला दूध

खानपान के साथ लाइफस्टाइल में ये बदलाव भी जरूरी:

  • सुबह थोड़ी देर धूप में बैठें
  • रोज हल्की वॉक या योग
  • पर्याप्त नींद लें
  • मौसम के हिसाब से कपड़े पहनें
  • पसीना आने पर तुरंत गीले कपड़े न पहनें

बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास सलाह:

  • बच्चों को ठंडी ड्रिंक्स और जंक फूड से दूर रखें.
  • बुजुर्गों को सुपाच्य, गरम और कम मसाले वाला खाना दें.
  • दोनों ही वर्गों में पानी की कमी न होने दें.
  • हल्की सर्दी या थकान को नजरअंदाज न करें.

मौसम का बदलना हमारे बस में नहीं है, लेकिन मौसम के हिसाब से अपनी थाली और रूटीन बदलना पूरी तरह हमारे हाथ में है. अगर हम सही समय पर सही खाना चुनें, देसी समझ अपनाएं और शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें, तो बदलता मौसम भी सेहत नहीं बिगाड़ पाएगा.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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