बच्चों को रोज इतने मिनट कराएं ये योग आसन, मानसिक और शारीरिक विकास के साथ होने लगेगा उनका कायाकल्प

Yoga for Children's: 3 से 6 साल के छोटे बच्चों को योगाभ्यास कराने के कई फायदे हैं. वृक्षासन, ताड़ासन से एकाग्रता बढ़ती है और फोकस बढ़ता है. योग गुरुओं के अनुसार बच्चों के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है क्योंकि वे सीखते हैं और उसी अनुसार उनका विकास होता है.

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Yoga For Children's: फिजिकल एक्टिविटी ब्रेन को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए भी जरूरी है.

Yoga Asanas For Childrens: बच्चों के लिए आज के समय जब ध्यान भटकाव के ऑप्शन अनगिनत हैं. चाइल्ड स्पेशलिस्ट हों, मनोवैज्ञानिक या फिर बड़े बुजुर्ग, सबका मानना है कि आज के समय में बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी कम हो रही है. फिजिकल एक्टिविटी ब्रेन को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए भी जरूरी है और ऐसा ही एक जरिया है योग. जो हर उम्र के लिए जरूरी और लाभदायक है. अगर बचपन से ही योगाभ्यास किया जाए तो ताउम्र छोटी-मोटी परेशानियों से दूर रहा जा सकता है. प्राणायाम या योगाभ्यास करने से पहले नियम जानना जरूरी है. आयुष मंत्रालय ने हेगेन और नायर (2014) के एक अध्ययन का जिक्र किया है, जिसके अनुसार योग बच्चों के लिए जरूरी है, जो उन्हें तनाव का सामना करने के काबिल बनाता है. साथ ही, बच्चों और युवाओं को इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.

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बच्चों को कितनी देर करना चाहिए योग?

अति हर चीज की खराब होती है. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि छोटे बच्चों (3 से 6 साल तक) के लिए 35 मिनट का योगाभ्यास सही होता है. हेल्थ डिपार्टेमेंट की साइट पर इसे लेकर अहम जानकारी शेयर की गई है. इसके अनुसार बच्चों के लिए योग करना अनगिनत फायदे दिला सकता है, लेकिन उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए, उन्हें ध्यानपूर्वक योग सेशन में शामिल करना चाहिए और योग करने का कुल समय 35 मिनट निर्धारित किया जाना चाहिए.

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वृक्षासन, ताड़ासन कराएं

3 से 6 साल के छोटे बच्चों को योगाभ्यास कराने के कई फायदे हैं. वृक्षासन, ताड़ासन से एकाग्रता बढ़ती है और फोकस बढ़ता है. योग गुरुओं के अनुसार बच्चों के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है क्योंकि वे सीखते हैं और उसी अनुसार उनका विकास होता है.

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याद्दाश्त बढ़ाने में मददगार

कई स्टडी बताती हैं कि योग का नियमित अभ्यास स्मरण शक्ति में सुधार लाता है. मंडूकासन और आगे झुकने के आसन स्मृति और अन्य मानसिक कार्यों में सुधार करने में फायदेमंद हैं.

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इम्यूनिटी, पाचन और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा

इतना ही नहीं, योग इम्यूनिटी को बढ़ाता है. इस उम्र के बच्चे अक्सर अपने माता-पिता द्वारा की जाने वाली देखभाल के बावजूद सर्दी-खांसी का शिकार हो जाते हैं. योग तंत्रिका, अंतःस्रावी, पाचन और ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम के कार्य को सुचारू रूप से करने में सहायता करता है. भुजंगासन, पर्वतासन, प्लैंक और डीप ब्रीदिंग टेक्नीक जैसे सरल आसन, बच्चों को आसानी से रोगाणुओं से पीड़ित होने से बचा सकते हैं.

भुजंगासन और उष्ट्रासन

भुजंगासन और उष्ट्रासन वाणी में सुधार करने में सहायक होते हैं. 'ओ३म्' का जप करते हुए स्पंदन भी पैदा होते हैं जो आवाज की क्वालिटी में सुधार कर सकते हैं.

कागासन, कोणासन, गोमुखासन

कागासन, कोणासन, गोमुखासन जैसे आसन शरीर और मन के कॉर्डिनेशन में सुधार करते हैं. सही डाइट के साथ मिलकर कई आसन ताकत, स्थिरता और फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार करने में मदद करते हैं.

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बड़ों की तरह बच्चे कई भावनात्मक अवस्थाओं से गुजरते हैं. योग वो उपाय है जो आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने में मदद करता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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