ब्लड कैंसर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं ये बातें, हर किसी को होनी चाहिए पता

यहां ल्यूकेमिया से जुड़े कुछ मिथक और तथ्य दिए गए हैं. यहां इस स्थिति से जुड़े कुछ सामान्य मिथ्स और फैक्ट्स की पहचान के बारे में बताया गया है.

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ल्यूकेमिया एक प्रकार का ब्लड कैंसर है जो बोन मैरो में शुरू होता है. हड्डियों के स्पॉन्जी टिश्यू, जहां ब्लड सेल्स बनती हैं. ये एब्नॉर्मल व्हाइट ब्लड सेल्स की अनकंट्रोल ग्रोथ के कारण होता है, जो सामान्य ब्लड सेल्स में बाधा डालती है. दुर्भाग्य से इस स्थिति की गंभीरता के कारण कई मिथ्स और गलत सूचनाएं फैली हुई हैं जिनसे आप परिचित होंगे. यहां इस स्थिति से जुड़े कुछ सामान्य मिथ्स की पहचान के बारे में बताया गया है और इसे बेहतर ढंग से समझने में आपकी मदद करने के लिए कुछ फैक्ट्स भी शेयर किए गए हैं.

ये रहे कुछ मिथ्स

1. मिथ

ल्यूकेमिया को अक्सर एक संक्रामक रोग समझ लिया जाता है. ल्यूकेमिया संक्रामक नहीं है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित नहीं हो सकता है. यह मुख्य रूप से आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के कारण होता है.

2. मिथ

कुछ लोगों का मानना है कि केवल बच्चों में ही ल्यूकेमिया विकसित हो सकता है. ल्यूकेमिया बच्चों और वयस्कों सहित सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है. हालांकि ये बच्चों में होने वाला सबसे आम कैंसर है, लेकिन यह बड़ी संख्या में वयस्कों को भी प्रभावित करता है.

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3. मिथ

कुछ लोग सोचते हैं कि ल्यूकेमिया के लिए कीमोथेरेपी ही एकमात्र उपचार विकल्प है. जबकि कीमोथेरेपी ल्यूकेमिया के लिए एक सामान्य उपचार है, रोग के प्रकार और स्टेज के आधार पर अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं. इनमें थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, विकिरण थेरेपी और स्टेम सेल प्रत्यारोपण शामिल हो सकते हैं.

4. मिथ

ल्यूकेमिया हमेशा एक लाइलाज बीमारी है. ल्यूकेमिया एक गंभीर बीमारी है, लेकिन ये हमेशा लाइलाज बीमारी नहीं होती.

5. मिथ

सेलफोन जैसे रेडिएशन करने वाले उपकरणों के संपर्क में आने से ल्यूकेमिया होता है. वर्तमान में सेलफोन के उपयोग या विकिरण उत्सर्जित करने वाले उपकरणों के संपर्क में आने से ल्यूकेमिया विकसित होने का खतरा बढ़ने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.

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ये रहे कुछ फैक्ट्स

1. फैक्ट

ल्यूकेमिया एक प्रकार का कैंसर है जो ब्लड या अस्थि मज्जा को प्रभावित करता है, जहां असामान्य व्हाइट ब्लड सेल्स बनती हैं और हेल्दी सेल्स को बाहर निकाल देती हैं. ये सामान्य ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे शरीर की संक्रमण से लड़ने और ब्लीडिंग को कंट्रोल करने की क्षमता प्रभावित होती है.

2. फैक्ट

ल्यूकेमिया के कई प्रकार होते हैं, जिनमें तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल), तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल), क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (सीएलएल) और क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया (सीएमएल) शामिल हैं.

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3. फैक्ट

ल्यूकेमिया का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन कई जोखिम कारकों की पहचान की गई है, जिनमें हाई लेवल रेडिएशन या कुछ केमिकल के संपर्क में आना, आनुवंशिक कारक, कमजोर इम्यून सिस्टम और डाउन सिंड्रोम जैसी कुछ मेडिकल कंडिशन शामिल हैं.

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4.फैक्ट

ल्यूकेमिया के सामान्य लक्षणों में थकान, बार-बार संक्रमण, बिना कारण वजन कम होना, बुखार, आसानी से ब्लीडिंग या चोट लगना, हड्डियों में दर्द और लिम्फ नोड्स में सूजन शामिल हो सकते हैं. हालांकि, लक्षण ल्यूकेमिया के प्रकार और स्टेज के आधार पर अलग हो सकते हैं.

5. फैक्ट

जल्द डायग्नोस और उपचार से ल्यूकेमिया से पीड़ित व्यक्तियों के जीवित रहने की संभावना में काफी सुधार होता है. अगर कोई लक्षण बना रहता है या ल्यूकेमिया की चिंता है तो हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स से परामर्श करना जरूरी है.

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ल्यूकेमिया का सटीक कारण हमेशा ज्ञात नहीं होता है, लेकिन कई कारक इसकी ग्रोथ में योगदान कर सकते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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