महिलाओं में देरी से मेनोपॉज बढ़ा सकता है अस्थमा का खतरा, ठीक होने की सभावना कम : शोध

बचपन में अस्थमा लड़कों में ज्‍यादा देखने को मिलता है. जबकि किशोरावस्था के बाद यह लड़कियों में ज्‍यादा देखने को मिलता है. महिलाओं में अस्थमा ज्‍यादा गंभीर होता है और बीमारी के ठीक होने की सभावना कम होती है.

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अस्थमा एक प्रकार की आम और बेहद ही पुरानी बीमारी है.

ऐसा माना जाता है कि कम उम्र में मेनोपॉज महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. वहीं एक शोध से यह बात सामने आई है कि ज्यादा उम्र में मेनोपॉज से अस्थमा का खतरा बढ़ सकता है. अस्थमा एक प्रकार की आम और बेहद ही पुरानी बीमारी है, जिससे दुनिया भर में 300 मिलियन से ज्‍यादा लोग प्रभावित हैं. कई अध्ययनों में अस्थमा और सेक्स हार्मोन के बीच संभावित संबंध का सुझाव दिया गया है. सबसे नोटेबल फैक्ट यह है कि वयस्क होने पर होने वाला अस्थमा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्‍यादा आम है. बचपन में अस्थमा लड़कों में ज्‍यादा देखने को मिलता है. जबकि किशोरावस्था के बाद यह लड़कियों में ज्‍यादा देखने को मिलता है. महिलाओं में अस्थमा ज्‍यादा गंभीर होता है और बीमारी के ठीक होने की सभावना कम होती है.

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समय से पहले मेनोपॉज वाली महिलाओं में अस्थमा का रिस्क कम:

मेनोपॉज सोसायटी की पत्रिका मेनोपॉज में ऑनलाइन प्रकाशित अध्ययन में प्राकृतिक एस्ट्रोजन और सिंथेटिक एस्ट्रोजन (जैसे हार्मोन थेरेपी में उपयोग किए जाने वाले) की भूमिका के बारे में बताया गया है. अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि समय से पहले मेनोपॉज (जो 40 से 44 साल की आयु के बीच होती है) वाली महिलाओं में अस्थमा का जोखिम कम होता है, जिसके कारण उन्होंने अस्थमा के जोखिम को बढ़ाने में एस्ट्रोजन की भूमिका बताई.

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और क्या कहता है अध्ययन?

अध्ययन से पता चला कि जिन महिलाओं ने हार्मोन थेरेपी का इस्तेमाल किया, उनमें अस्थमा का जोखिम 63 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि जिन महिलाओं ने थेरेपी बंद कर दी, उनमें अस्थमा का इलाज छोड़ने की संभावना दो गुना ज्‍यादा थी. मेनोपॉज सोसाइटी की चिकित्सा निदेशक डॉ. स्टेफनी फौबियन ने कहा, "यह अध्ययन अस्थमा में लिंग-आधारित अंतर को उजागर करता है, जिसमें वयस्कता में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अस्थमा का ज्यादा जोखिम होता है.

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क्या करना चाहिए?

इसने यह भी दिखाया कि मेनोपॉज देरी से आने वाली महिलाओं में मेनोपॉज जल्दी आने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है." फौबियन ने कहा, "चिकित्सकों को इस संबंध के बारे में पता होना चाहिए और प्राकृतिक मेनोपॉज देरी से आने वाली महिलाओं में अस्थमा के लक्षणों की निगरानी करनी चाहिए." हाई बॉडी मास इंडेक्स भी महिलाओं के लिए एक जोखिम का कारक होता है, लेकिन, पुरुषों के लिए ऐसा नहीं है, क्योंकि फैट एस्ट्रोजन को बढ़ाती है. यह अध्ययन 14,000 से ज्यादा पोस्ट मेनोपॉज महिलाओं के 10 साल के अनुवर्ती डेटा पर बेस्ड है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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