एक दिल और 11 डॉक्टर, मुझे किस डॉक्टर को दिखाना चाहिए? 11 तरह के होते हैं हार्ट के डॉक्टर, जानें कब किससे मिलें...

दिल को सेहतमंद बनाए रखने की तमाम कोशिशों के बावजूद कई बार आसपास किसी न किसी को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन दिल की हर बीमारी के लिए अलग डॉक्टर की जरूरत होती है.

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Kab Kis Doctor ko Dikhana Chahiye | What Kind of Heart Specialist Do You Need : आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के चलते दुनिया भर में हेल्थ सेक्टर में हार्ट डिजीज यानी हृदय रोगों का सबसे बड़ा खौफ बना हुआ है. आप भी अपने परिवार, रिश्तेदार, पड़ोसियों और दोस्तों के अलावा आसपास देखें तो आमतौर पर सबसे ज्यादा दिल के दौरे की खबर ही सामने आती है. दिल को सेहतमंद बनाए रखने की तमाम कोशिशों के बावजूद कई बार आसपास किसी न किसी को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में लोग सीधे किसी कार्डियोलॉजिस्ट के पास दिखाने चले जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल की किन दिक्कतों के लिए आपको किस प्रकार के हार्ट स्पेशलिस्ट की जरूरत है?

आइए, इस बेहद जरूरी मुद्दे पर कंफ्यूजन दूर करते हैं और जानते हैं कि कितने प्रकार के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर होते हैं. इनमें से हरेक के पास एक दिल की बीमारी के इलाज से जुड़े विशिष्ट क्षेत्र में अतिरिक्त स्पेशलाइजेशन होता है. ये डॉक्टर खास तौर अपने क्षेत्र में नए से नए इलाज की पद्धतियों से वाकिफ होते हैं. ये मरीज की और उनकी फैमिली की मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर उचित जांच और सटीक इलाज मुहैया कराने में मदद करते हैं. हालांकि, इन तक पहुंचने के लिए किसी डॉक्टर या अस्पताल से रेफर किए जाने की जरूरत होती है.

कितने तरह के होते हैं हार्ट स्पेशलिस्ट? (Types of heart specialists)

1. जेनरल एडल्ट कार्डियोलॉजिस्ट (General adult cardiologists)

हार्ट यानी दिल से जुड़ी शुरुआती दिक्कतों जैसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द, बेहोशी, सीने में फड़फड़ाहट या सांस लेने में तकलीफ के मामले में जनरल कार्डियोलॉजिस्ट प्राथमिक देखभाल की सलाह के अलावा दवाएं लिखते हैं. ये डॉक्टर्स लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए मरीजों के हृदय रोग की शुरुआत को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं. मामला पेचीदा होने पर यही कार्डियोलॉजिस्ट मरीज के अन्य हार्ट स्पेशलिस्ट तक पहुंचने की पहली सीढ़ी होते हैं.

2. कार्डिएक इमेजिंग स्पेशलिस्ट (Cardiac imaging specialists)

हृदय रोग की चिंता होने पर मरीज के लिए सबसे अच्छा टेस्ट चुनने के लिए मल्टीमॉडलिटी कार्डियक इमेजिंग एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ काम करती है. हार्ट इमेजिंग का इस्तेमाल इलाज का अहम हिस्सा होता है. सीने में दर्द, दिल की अनियमित धड़कन, दिल का फड़कना, सांस की तकलीफ जैसे लक्षण हैं तो आपका डॉक्टर इमेजिंग परीक्षण करा सकता है. कार्डियक इमेजिंग इतना व्यापक क्षेत्र है और इसमें इतने सारे विकल्प हैं कि आपको इसमें एक विशेषज्ञ को ढूंढने की जरूरत होती ही है. कार्डियक इमेजिंग स्पेशलिस्ट के पास जाने पर वहां  हृदय की असली समस्या की बारीकी से पहचान करता है. इसके बाद सही इलाज को आजमाया जा सकता है.

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3. इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट (Electrophysiologists)

हार्द बीट यानी दिल की धड़कनों का लय बिगड़ने पर इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ती है. सभी उम्र के रोगियों को प्रभावित करने वाली दिल की ये दिक्कत कमजोरी या बेहोशी जैसे लक्षणों को उभारती है. यह संभावित रूप से जीवन के लिए खतरा हो सकती हैं या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिस्ट जीवन रक्षक आर्टिफिशियल पेसमेकर और कार्डियक डिफिब्रिलेटर भी ट्रांसप्लांट करते हैं. वे हृदय की कार्यप्रणाली में सुधार कर अचानक मौत से बचाते हैं.

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4. एडल्ट कॉग्निजेंट हार्ट स्पेशलिस्ट ( Adult congenital heart specialists

अगर आप हृदय संबंधी समस्या (जिसे जन्मजात हृदय समस्या कहा जाता है) के साथ पैदा हुए हैं, तो आपको स्पेशलाइज्ड और निरंतर देखभाल की जरूरत होगी. एडल्ट कॉग्निजेंटलहार्ट स्पेशलिस्ट यानी वयस्क जन्मजात हृदय विशेषज्ञ बचपन से लेकर वयस्क होने के बाद भी हृदय देखभाल में मदद करते हैं. वे किसी भी उम्र में हृदय की जटिलताओं या नए मुद्दों के पैदा होने पर उनका इलाज कर सकते हैं. वे व्यायाम, प्रजनन क्षमता और बच्चे पैदा करने के मुद्दों और अन्य जीवनशैली विषयों पर चर्चा कर सकते हैं. आपकी स्थिति के आधार पर नियमित जांच का समय निर्धारित करने की सलाह भी दे सकते हैं.

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5. इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट (Interventional cardiologists)

इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट नॉन सर्जिकल, कैथेटर-बेस्ड प्रक्रियाओं का इस्तेमाल कर हृदय की स्थिति का आकलन और इलाज करते हैं. इसमें स्किन में एक छोटे से चीरे के माध्यम से और रक्त वाहिकाओं के जरिए हृदय तक एक पतली, लचीली ट्यूब डालना शामिल होता है. पिछले पांच से दस वर्षों में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में प्रगति हुई है. ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) में पुराने वाल्व को छोड़कर एक नया वाल्व लगाना भी शामिल है. सीने में तेज दर्द और धमनी में रुकावट होने पर आपातकालीन मूल्यांकन के दौरान इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ती है.

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6. कार्डियक रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट (Cardiac rehabilitation specialistsa)

आपको हृदय से जुड़ी कोई समस्या है जैसे दिल का दौरा या दिल की सर्जरी हुई हो तो ऐसी हालत में कार्डियक रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट से रिकवरी में मदद मिलती है. उनकी सलाह से दूसरी दिक्कतों या हृदय की सर्जरी का जोखिम कम होता है. अगर आपको क्रोनिक एंजाइना, हृदय विफलता, परिधीय संवहनी रोग, या वाल्व या कोरोनरी धमनी रोग है तो इनसे इलाज की सिफारिश की जा सकती है.

7. हार्ट फेलियर स्पेशलिस्ट (Heart failure specialists)

हार्ट फेल होना एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय शरीर में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता है. हालांकि इसका कोई तुरंत समाधान नहीं है, फिर भी इस समय एक विशेषज्ञ की जरूरत होती है जो इसे स्थिर करने या रिवर्स करने के लिए लंबे समय तक मरीज के और हृदय रोग विशेषज्ञ या दूसरे डॉक्टर्स के साथ काम करता है. इन्हे हार्ट फैल्यर स्पेशलिस्ट यानी हृदय विफलता विशेषज्ञ कहते हैं.

8. हार्ट सर्जन (Heart surgeons)

हार्ट सर्जन या हृदय शल्य चिकित्सा हृदय की समस्या, जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और बाकी इलाजों के कारगर नहीं होने के बाद मरीजों के काम आते हैं. सर्जरी उस दुर्लभ दोष का इलाज कर सकती है और यहां तक ​​कि उसे ठीक भी कर सकती है जिसके साथ आप पैदा हुए थे, साथ ही समय के साथ विकसित हुई एक सामान्य समस्या, जैसे धमनी जाम होना, वाल्व में रुकावट और यहां तक ​​कि हार्ट फेल होने पर ट्रांसप्लांट जैसे अंतिम उपाय भी सर्जरी के जरिए ही संभव है. हार्ट सर्जन नियमित और अत्यधिक जटिल दोनों प्रकार की सर्जरी प्रदान करते हैं जो जीवन बचाते हैं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाती हैं.

9. एडवांस्ड हार्ट फैल्यर या ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट (Advanced heart failure—or transplant—specialists)

दिल क्षतिग्रस्त हो या हार्ट फेल हो गया हो, इसे दूसरे किसी तरीके से ठीक या मरम्मत नहीं किया जा सकता है तो एडवांस्ड हार्ट फैल्यर या ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट मरीजों को बचाने का मोर्चा संभालते हैं. बच्चों से लेकर उम्रदराज लोगों तक हार्ट ट्रांसप्लांट के केस सामने आते रहते हैं.ये स्पेशलिस्ट डॉक्टर ही हार्ट ट्रांसप्लांट की पूरी योजना बनाते हैं और कभी-कभी नौ घंटे से भी ज्यादा समय तक ऑपरेशन करते हैं.

10. कार्डियो-ऑन्कोलॉजिस्ट (Cardio-oncologists)

कार्डियो-ऑन्कोलॉजिस्ट कीमोथेरेपी, विकिरण, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे कैंसर उपचारों के दुष्प्रभाव के रूप में होने वाले हृदय रोग का पता लगाने, निगरानी करने और इलाज करके कैंसर रोगियों की देखभाल करते हैं. अगर मरीज कैंसर का इलाज शुरू करवाने वाला हो और उसकी मेडिकल हिस्ट्री में हृदय रोग भी हो या ऐसी थेरेपी से कैंसर का इलाज शुरू करने वाले हैं या पहले से ही करा रहे हैं जिसमें हृदय से जुड़े साइड इफेक्ट्स होने की आशंका है तो इनकी जरूरत होती है. कैंसर कीमोथेरेपी, विकिरण, इम्यूनोथेरेपी, या किसी अन्य थेरेपी से गुजरने और हृदय संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे या एक कैंसर से रिकवर शख्स को इनकी सलाह लेनी पड़ती है.

11. पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट (Pediatric cardiologists)

पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट या बाल हृदय रोग विशेषज्ञ बच्चों का इलाज करते हैं. अगर पता चलता है कि बच्चे का दिल बहुत तेज या धीमी गति से धड़क रहा है या सीने में दर्द या घबराहट हो तो जांच जरूरी है. बच्चों में बेहोशी, हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास वगैरह होने के अलावा पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट उन बच्चों की जांच भी करते हैं जिन्हें दूध पिलाने के दौरान पसीना आता है, बोतल खत्म नहीं कर पाते हैं या वजन बढ़ने की समस्या होती है. गर्भवती महिलाओं को बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी रेफरल दिया जा सकता है अगर उनका अल्ट्रासाउंड चिंता पैदा करता है. पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट एक युवा व्यक्ति के जीवन के हर चरण में - भ्रूण, शिशु, बच्चे, किशोर और युवा वयस्क में हृदय की समस्याओं का निदान और इलाज करते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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