नींद में बोलना या बड़बड़ाना एक स्लीप डिसऑर्डर है. यह एक प्रकार का पैरासोमनिया है - एक असामान्य व्यवहार जो नींद के दौरान होता है. नींद में बड़बड़ाने वाले व्यक्ति को ये पता भी नहीं होता कि वह बड़बड़ा रहा है. यह एक बहुत ही सामान्य घटना है और आमतौर पर इसे मेडिकल प्रॉब्लम नहीं माना जाता है. इस डिसऑर्डर के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है, जैसे कि ऐसा क्यों होता है? या जब कोई व्यक्ति सोता है तो मस्तिष्क में क्या होता है? हालांकि इसके कुछ कारण बताए जाते हैं और इलाज भी है जिससे इसे कम किया जा सकता है.
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क्या है नींद में बड़बड़ाने का कारण और इलाज
आमतौर पर लोग ऐसा सोचते हैं कि सपने देखने के दौरान लोग नींद में बड़बड़ाते हैं, लेकिन डॉक्टर्स अभी भी पूरी तरह से श्योर नहीं हैं कि क्या बड़बड़ाना वाकई सपनों से जुड़ा है. बड़बड़ाना नींद के किसी भी स्टेज में हो सकता है. इसके इलाज की बात करें तो जब बड़बड़ाने की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो स्लीप स्पेशलिस्ट को दिखाना चाहिए. बड़बड़ाने की समस्या का इलाज करने के लिए किसी टेस्ट की जरूरत नहीं है. हालांकि, अगर आप में स्लीप डिसऑर्डर के कोई और लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर स्लीप स्टडी और स्लीप रिकॉर्डिंग जैसे टेस्ट कराने को कह सकता है.
नींद में बड़बड़ाना कैसे कम कर सकते हैं?
नींद बड़बड़ाने को कम करने का कोई ज्ञात तरीका नहीं है. तनाव से बचने और भरपूर नींद लेने से आपकी नींद में बड़बड़ाने की संभावना कम हो सकती है. स्लीप डायरी रखने से आपकी नींद के पैटर्न की पहचान करने में मदद मिल सकती है और आपके डॉक्टर को यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि क्या कोई अंतर्निहित समस्या है जिससे बड़बड़ाने की समस्या है. स्लीप डायरी में आप किस समय बिस्तर पर जाते हैं, कब आपको लगता है कि आप सो गए और कब आप जाग गए ये सभी चीजें कम से कम दो हफ्तों तक नोट करें. आप जो दवाएं लेते हैं उन्हें एक्सरसाइज और दिन में कब क्या पीते हैं इसे भी नोट करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.