Is Paracetamol Safe For Pregnant Women: गर्भावस्था के दौरान कोई भी दवा लेने से पहले हर महिला यही सोचती है कि यह उसके बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं. पेरासिटामोल, जिसे आमतौर पर बुखार और दर्द के लिए लिया जाता है, ऐसी ही एक दवा है जो डॉक्टर अक्सर गर्भावस्था में लेने की सलाह देते हैं. यह बाजार में आसानी से मिलने वाली, बिना डॉक्टर के पर्चे के भी खरीदी जा सकने वाली दवा है. पर क्या पेरासिटामोल वास्तव में पूरी तरह सुरक्षित है? हाल के वर्षों में हुए कई रिसर्च में इस सवाल का जवाब "शायद नहीं" की ओर इशारा कर रहे हैं. नई रिसर्च यह बताती है कि हम जो दवा साधारण मानते हैं, उसका असर अजन्मे बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर भी पड़ सकता है. इसलिए दवा को हल्के में न लें और डॉक्टर की सलाह को प्राथमिकता दें.
प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल का इस्तेमाल (Paracetamol Use In Pregnancy)
पैरासिटामोल का इस्तेमाल और इसका कारण
गर्भावस्था में महिलाएं अक्सर सिरदर्द, बदन दर्द, बुखार या सर्दी जैसी परेशानियों से राहत पाने के लिए पैरासिटामोल लेती हैं. अमेरिका, यूरोप और नॉर्वे जैसे देशों में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह दवा अब तक सुरक्षित मानी जाती थी और इसकी पहुंच बहुत आसान है.
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नई रिसर्च क्या कहती है?
हाल के शोधों में यह बात सामने आई है कि अगर गर्भ में पल रहे बच्चे को लंबे समय तक या बार-बार पैरासिटामोल के संपर्क में लाया जाए, तो आगे चलकर उसके मानसिक और व्यवहार से जुड़े विकास पर असर पड़ सकता है. विशेष रूप से, एडीएचडी (ध्यान की कमी और बहुत ज्यादा एक्टिव रहने का डिसऑर्डर) और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है.
कई स्टडीज यह दिखाती हैं कि जिन बच्चों की मां ने गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक पेरासिटामोल लिया, उन बच्चों में व्यवहार और ब्रेन डेवलपमेंट में अंतर पाए गए हैं. यहां तक कि कुछ स्टडी में नवजात शिशुओं के शरीर में पैरासिटामोल के अंश पाए गए हैं, जिससे यह साबित होता है कि यह दवा गर्भनाल के माध्यम से बच्चे तक पहुंचती है.
खतरा कब ज्यादा होता है?
जो सबसे चिंता की बात है, वह यह कि पैरासिटामोल बहुत तेज़ी से मां के शरीर से बच्चे तक पहुंच जाता है और भ्रूण का ब्रेन इसके असर में आ सकता है. यह खासतौर पर तब और ज़्यादा गंभीर होता है जब दवा का सेवन लम्बे समय तक या बार-बार किया गया हो.
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कैसे असर डालता है यह दवा?
रिसर्चर्स का मानना है कि पैरासिटामोल का प्रभाव भ्रूण के ब्रेन की सेल्स, हार्मोन बैलेंस और इम्यून सिस्टम पर पड़ता है. यह दवा शरीर में मौजूद ऐसे कैमिकल्स को भी बदल सकती है जो बच्चे के ब्रेन और व्यवहारिक विकास के लिए ज़रूरी होते हैं. इसके अलावा, कुछ स्टडी में यह भी देखा गया है कि यह दवा प्लेसेंटा में बदलाव ला सकती है, जिससे मां और बच्चे के बीच के पोषक तत्वों और हार्मोन के आदान-प्रदान पर असर पड़ सकता है.
क्या करें?
इसका मतलब यह नहीं कि हर बार बुखार या दर्द में पैरासिटामोल से पूरी तरह बचा जाए. लेकिन यह ज़रूरी है कि इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार, कम समय और कम मात्रा में लिया जाए. कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से ज़रूर पूछें, भले ही वह आम सी दवा ही क्यों न हो.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)