Papaya in Pregnancy: सर्दी का मौसम कई तरह से अच्छा और कई तरह से खराब भी माना जाता है. खानपान के लिहाज से तो यह मौसम अच्छा होता है. इस मौसम में गर्भवती महिलाओं का स्पेशल ख्याल रखना जरूरी होता है. क्योंकि ठंड की वजह से गर्भावस्था में महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, इस मौसम में गर्भवती महिलाओं में मौसमी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है. इम्यूनिटी पावर कम होने की वजह से कोई भी बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाती हैं. इसका कारण होता है कि इस अवस्था में महिलाओं की हेल्थ सामान्य की तुलना में थोड़ी कमजोर होती है.
गर्भवती महिलाओं को पपीता खाना चाहिए या नहीं?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्द भरे मौसम में प्रेग्नेंट महिला को खुद और गर्भ में पल रहे बच्चे का खास ख्याल रखना चाहिए. खानपान पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. फ्रिज में ठंडी चीजों का स्टोर कर उसे खाना नहीं चाहिए. कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है, जो गर्भवती के लिए ठीक नहीं माना जाता है. इसलिए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पपीते का सेवन बहुत ध्यान से करना चाहिए. पका पपीता शरीर में गर्मी बढा सकता है. वहीं बहुत ज्यादा मात्रा में खाने से यह दस्त की शिकायत भी दे सकता है. ऐसे में अगर गर्भवती महिला पपीता खाना चाहती है, तो उसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह करनी चािहए, क्योंकि हर प्रेगनेंसी अलग है और आपसे और आपकी डॉक्टर से बेहतर इसे कोई और नहीं समझ सकता. 8 भारतीय मसाले जिनका खाने बनाने के अलावा मेडिसिनल उपयोग भी, कई बीमारियों में दवा का करते हैं काम
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पपीते का सेवन करने से बचना चाहिए. Photo Credit: iStock
गर्भावस्था में सब्जियां खाएं, इन चीजों से रहें दूर
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के अनुसार, सर्दियों में गर्भवती महिलाओं को प्रोटीन वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. जिसमें दाल, सोयाबीन जैसी चीजें शामिल हैं. इस मौसम में ताजी हरी सब्जियां मार्केट में ज्यादा मिलती हैं तो इनका ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. हरी सब्जियों के खाने से आयरन की मात्रा बढ़ती है, जो मां और बच्चे की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इससे दोनों की ग्रोथ भी अच्छी होती है. लहसुन खाने के 10 अद्भुत स्वास्थ्य लाभ, जानें इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका
गर्भावस्था में भूलकर भी ज्यादा रेस्ट न करें
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाएं सोचती हैं कि ज्यादा सोना सही होता है लेकिन ऐसी धारणा गलत है. ऐसी अवस्था में बहुत ज्यादा बेडरेस्ट सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर करें. सामान्य हालात में खुद को ऐसे ही देखें कि आप गर्भवती हैं बीमार नहीं. कोशिश करनी चाहिए कि हर दिन कम से कम दो से चार किलोमीटर घूमें. ऐसा करने से डिलीवरी में आसानी होती है. ज्यादा रेस्ट करने से बीपी,शुगर और वेट ओवर का खतरा बढ़ जाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.