Is Asthma Curable?: सांसों से जुड़ी समस्याओं से एक अस्थमा इन दिनों काफी कॉमन होता जा रहा है. मेट्रो सिटीज में खासतौर पर लोगों को सांसो से जुड़ी समस्याएं सबसे ज्यादा होती है. सांसों की आम समस्याओं में से एक अस्थमा को लेकर लोगों के बीच कई तरह की भ्रांतियां हैं जिसे एम्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर सुनील कुमार ने दूर करने का काम किया है. अस्थमा को लेकर एनडीटीवी से बातचीत के दौरान डॉक्टर ने इस बीमारी से जुड़ी कई तथ्यात्मक जानकारी दी है.
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अस्थमा बीमारी है या इंफेक्शन? (Is Asthma A Disease Or An Infection?)
एम्स के डॉक्टर सुनील कुमार बताते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि अस्थमा किसी इंफेक्शन के कारण ही हो. यह एक तरह से एलर्जी का रूप भी हो सकता है. जीवाणु, हवा में मौजूद प्रदूषक, अचानक ठंड में जाने से तापमान में होने वाले बदलाव सहित कई ऐसे ट्रिगर हो सकते हैं जो सांस की नली को सिकुड़ा सकती है. इन वजहों से सांस की नली सिकुड़ जाती है और सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है. डॉक्टर का कहना है कि इंफेक्शन अस्थमा के लिए एक ट्रिगर की तरह काम कर सकता है लेकिन सीधे तौर पर यह जिम्मेदार नहीं होता है. इंफेक्शन के अलावा अन्य कई कारक हो सकते हैं जिस वजह से लोगों को अस्थमा जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
अस्थमा ठीक करना संभव है या नहीं?
यह सवाल पूछे जाने पर कि अस्थमा ठीक करना संभव है या नहीं डॉक्टर सुनील कुमार कहते हैं कि अस्थमा इंक्यूरेबल है यह सबसे बड़ा मिथ है. डॉक्टर का कहना है कि टेक्निकली यह काफी हद तक सही हो सकता है लेकिन वास्तम में यह डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों की तरह है. ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर की तरह इसे कंट्रोल में रखने से अस्थमा की वजह से सामान्य जीवन किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होती है.
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समस्या केवल तब होती है जब किसी ट्रिगर की वजह से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और आप बेचैन महसूस करने लगते हैं. अस्थमा का अटैक आने पर इस तरह की समस्याएं आती है. डॉक्टर ने साफ तौर पर कहा कि अस्थमा के इंक्यूरेबल होने जैसी कोई बात नहीं है. जब तक यह कंट्रोल में है तब तक किसी भी तरह की समस्या नहीं आती है.
अटैक आने पर कैसे रिलीफ देता है इनहेलर?
अस्थमा का अटैक आने पर रिलीफ पाने के लिए इनहेलर का उपयोग किया जाता है. इनहेलर में मौजूद दवाई, टेक्निकल भाषा में कहें तो ब्रोन्कोडायलेटर की मदद से मरीज को राहत मिलती है. सांस की नली को ब्रोन्को कहते हैं और डायलेटर उसे चौड़ा करने का काम करता है. सांस की नली सिकुड़ने की वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है और अस्थमा का अटैक आता है. ऐसे समय में इनहेलर की मदद ली जाती है क्योंकि इसमें मौजूद ब्रोन्कोडायलेटर सांस की नली को चौड़ा करती है जिससे अच्छे से सांस लेने में मदद मिलती है. ब्रोन्कोडायलेटर में मौजूद दवाई सांस की नली को चौड़ा करने का काम करते हैं जिससे सांस लेने में होने वाली तकलीफ दूर हो जाती है और तुरंत राहत महसूस होती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)