रूसी इंफ्लूएंसर मैक्सिम ल्युटी को अपने एक महीने के बेटे की मौत के लिए आठ साल जेल की सजा सुनाई गई है. कथित तौर पर ल्युटी का मानना था कि कोस्मोस नाम के उनके बच्चे को सूरज की रोशनी के संपर्क में लाने से उसे अलौकिक क्षमताएं मिलेंगी. दुखद बात यह है लगातार भूखे रहने की वजह से बच्चे की कुपोषण और निमोनिया से मृत्यु हो गई. इस हैरान करने वाले मामले के लिए अब ल्युटी जेल में सजा काट रहा है.
पत्नी को अस्पताल जाने से किया मना
Metro ने बताया कि कोस्मोस का जन्म घर पर हुआ था क्योंकि ल्युटी ने लड़के की मां ओक्साना मिरोनोवा को मैटरनिटी हॉस्पिटल में जाने से मना कर दिया था. इसके बाद, ल्युटी ने बच्चे के लिए एक सख्त शाकाहारी आहार पर केंद्रित एक डाइट शुरू किया, जिसमें जामुन जैसे फूड्स पर जोर दिया गया जो शरीर की आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं. इसका एक अधिक एक्ट्रीम लेवल, जिसे ब्रीथेरियनिज़्म कहा जाता है, इसमें माना जाता है कि केवल सूर्य के प्रकाश पर जिंदा रहा जा सकता है.
मां को नहीं पिलाने दिया दूध
मिरोनोवा की चचेरी बहन ओलेसा निकोलायेवा ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "उसने उस पर बच्चे को दूध न पिलाने के लिए दबाव डाला. उसका मानना था कि सूरज बच्चे को दूध पिला रहा है.' उन्होंने आगे कहा, ‘ओक्साना गुप्त रूप से बच्चे को स्तनपान कराने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह मैक्सिम से बहुत डरती थी. बच्चे को धूप खिलाना कैसे संभव है? एक बच्चे को अपनी मां के दूध की ज़रूरत होती है.'
नवजात पर कर रहा था प्रयोग
मीडिया आउटलेट ने बताया कि इंफ्लूएंसर "बच्चे पर प्रयोग करना चाहता था और उसे शुद्ध रूप से सूरज की रोशनी खिलाना चाहता था और फिर दूसरों को इसका विज्ञापन करना चाहता था कि आप इस तरह खा सकते हैं".
रिपोर्टें सामने आईं कि ल्युटी ने पारंपरिक चिकित्सा देखभाल को भी अस्वीकार कर दिया और कोसमोस को ठंडे पानी से नहलाया, यह मानते हुए कि इससे बच्चा मजबूत होगा. दिलचस्प बात यह है कि अपने कारावास के दौरान, अब 48 वर्षीय ल्युटी ने अपनी पिछली मान्यताओं को पूरी तरह से त्याग दिया है, यहां तक कि मांस का सेवन भी किया है. मिरोनोवा की मां गैलिना ने अफसोस जताया कि यह बदलाव जल्दी नहीं हुआ.
हत्या करने की बात कबूली
जब ल्युटी अपने बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए राजी हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, कोसमोस इतना कुपोषित था कि वहां पहुंचने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई. चिकित्सकों ने 3.5 पाउंड के बच्चे को बीते साल 8 मार्च को मृत घोषित कर दिया और ल्युटी और मिरोनोवा दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. उसने आखिरकार अपने बेटे की हत्या करने की बात कबूल कर ली जब वह इस सप्ताह अपनी सजा से पहले अंतिम अदालत की सुनवाई में उपस्थित हुआ.
बच्चे को ऊपर का दूध पिलाना गलत है? डॉ. नुपूर गुप्ता से जानें हर सवाल का जवाब
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)