मानसिक तनाव और क्रॉनिक बीमारी से जूझ रहे हैं भारतीय कर्मचारी : रिपोर्ट

Mental Health: कॉर्पोरेट इंडिया में एक मौन स्वास्थ्य संकट उभर रहा है, जहां कई कर्मचारी गंभीर बीमारियों, मानसिक तनाव और थकावट से जूझ रहे हैं. एक ताजा रिपोर्ट में यह चिंता जताई गई है कि कर्मचारियों की सेहत पर इन समस्याओं का गंभीर प्रभाव पड़ रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Mental Health: स्ट्रेस से जूझ रहे हैं भारतीय कर्मचारी.

Mental Health: कॉर्पोरेट इंडिया में एक मौन स्वास्थ्य संकट उभर रहा है, जहां कई कर्मचारी गंभीर बीमारियों, मानसिक तनाव और थकावट से जूझ रहे हैं. एक ताजा रिपोर्ट में यह चिंता जताई गई है कि कर्मचारियों की सेहत पर इन समस्याओं का गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. भारत में कर्मचारियों को हेल्थ बेनिफिट्स देने का काम करने वाली कंपनी 'प्लम' ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 40 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते बहुत से कर्मचारियों को गंभीर बीमारियां होने लगती हैं. 40 प्रतिशत कर्मचारी हर महीने कम से कम एक दिन की छुट्टी मानसिक तनाव की वजह से लेते हैं. वहीं हर 5 में से 1 कर्मचारी थकावट के चलते नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, चिंताजनक बात यह है कि गंभीर बीमारियां अब कम उम्र में ही शुरू हो रही हैं. डेटा से पता चलता है कि बड़ी और खतरनाक बीमारियां अब 30 की उम्र के बाद जल्दी-जल्दी लोगों को होने लगी हैं. हार्ट की बीमारी औसतन 32 साल की उम्र में शुरू हो रही है. कैंसर की जानलेवा बीमारी लगभग 33 साल की उम्र में लोगों में पाई जा रही है. डायबिटीज करीब 34 साल की उम्र में लोगों में शुरू हो रही है. किडनी जैसी गंभीर बीमारी 35 साल की उम्र में सामने आ रही है. दिमाग से जुड़ी बीमारियां, जैसे स्ट्रोक, ब्रेन में ब्लड सप्लाई रुकना आदि 36 साल की उम्र में हो रही हैं.

आंतों को कमजोरी बनाती हैं आपकी 4 आदतें, आप भी करते हैं ये काम तो आज ही छोड़ दें

Advertisement

कम उम्र में गंभीर बीमारियां होने से लोगों की सेहत जल्दी खराब हो रही है, जिससे उनका निजी जीवन और काम करने की क्षमता दोनों पर असर पड़ता है. इससे हेल्थकेयर सिस्टम पर बोझ पड़ता है और कहीं न कहीं इसका असर देश की आर्थिक तरक्की पर भी पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां कंपनियों को बहुत नुकसान पहुंचा रही हैं. हर साल, एक कर्मचारी अगर किसी लंबी बीमारी से परेशान रहता है, तो कंपनी को उससे जुड़े काम में लगभग 30 दिन का नुकसान होता है. रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों को यह सलाह दी गई है कि वे न सिर्फ बीमार होने पर इलाज कराने की सुविधा पर ध्यान दें, बल्कि बीमारियां होने से पहले की रोकथाम पर भी ध्यान दें. कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत का पूरा ख्याल रखें.

Advertisement

प्लम के सह-संस्थापक अभिषेक पोद्दार ने कहा है कि कंपनियों को हेल्थकेयर के नाम पर सिर्फ बीमा तक सीमित नहीं रहना चाहिए. उन्हें कर्मचारियों को ऐसा हेल्थ सिस्टम मुहैया करना चाहिए, जो उनकी मानसिक, शारीरिक और सामाजिक सेहत तीनों का ख्याल रखे. अभिषेक पोद्दार ने आगे कहा कि उनकी रिपोर्ट यह साफ दिखाती है कि अब समय आ गया है कि कंपनियां कर्मचारियों की सेहत को लेकर समझदारी भरा तरीका अपनाएं. खासकर मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें. हर उम्र, जेंडर वाले कर्मचारियों की मानसिक जरूरतें अलग-अलग होती हैं.

Advertisement

सोडा और जूस पीने से 25 प्रतिशत तक बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा, पांच लाख से ज्यादा लोगों पर की गई स्टडी

Advertisement

रिपोर्ट में कहा गया कि बीमारी के बढ़ते बोझ के बावजूद सिर्फ 20 प्रतिशत कंपनियां ही अपने कर्मचारियों को नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान करती हैं. अगर यह सुविधा उपलब्ध भी हो, तो भी सिर्फ 38 प्रतिशत कर्मचारी ही इसका इस्तेमाल करते हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. सबसे बड़ी चिंता एंग्जायटी की समस्या है.

रिपोर्ट के डेटा से पता चलता है कि 30 से 49 साल की उम्र वाले कर्मचारियों में, 58 प्रतिशत हेल्थकेयर सुविधा का इस्तेमाल पुरुष करते हैं. जिससे साफ है कि महिलाओं को हेल्थकेयर तक पहुंच कम मिलती है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 50 से 59 साल की उम्र की 68 प्रतिशत महिला कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा लाभ का इस्तेमाल करती हैं. मेनोपॉज की वजह से और ज्यादा बीमार होने पर वे इलाज लेने लगती हैं.

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
UP के New DGP Rajeev Krishna कौन हैं? CM Yogi से क्या है उनका कनेक्शन? | UP News