Malaria: भारत अब मलेरिया मुक्त होने की दहलीज पर खड़ा है. ICMR-NIMR की हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में देश ने इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ युद्ध स्तर पर जीत हासिल की है, जिसके परिणामस्वरूप 2015 से 2024 के बीच मलेरिया के मामलों में 85 फीसदी तक की भारी गिरावट आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2030 तक भारत को मलेरिया-मुक्त घोषित करने का सरकारी लक्ष्य हकीकत बन जाएगा.
भारत अब बहुत ही जल्दी मलेरिया से आजाद होने की दहलीज पर खड़ा है. हाल ही में आई ICMR-NIMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च–नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश ने पिछले एक दशक में मलेरिया के खिलाफ काफी बड़ी कामयाबी हासिल की है. आंकड़ों की मानें तो 2015 से 2024 के बीच आए मलेरिया के मामलों में 85 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है. एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि 2030 तक भारत मलेरिया-मुक्त घोषित करने का लक्ष्य पूरी तरह संभव है. हालांकि हाल ही में आई इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के करीब 8 फीसदी जिले ऐसे हैं जहां मलेरिया का असर अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. ये जिले घने जंगलों, पहाड़ी इलाकों और आदिवासी क्षेत्रों में स्थित हैं. बता दें कि इन इलाकों में मच्छरों का आतंक और वहीं स्वास्थ्य सेवाओं की कम पहुंच मलेरिया को नियंत्रित करने में एक चुनौती बना हुआ है.
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सरकार ने उठाई है ये पहल
- घर-घर जाकर मलेरिया टेस्टिंग और समय पर इलाज
- मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए स्प्रे और लार्वा कंट्रोल अभियान
- मच्छरदानी और रिपेलेंट्स को फ्री में बांटना
- आदिवासी और दूरदराज इलाकों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स
ICMR के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन 8 फीसदी जिलों में भी मलेरिया पर पूरी तरह काबू पा लिया गया, तो भारत का मलेरिया-मुक्त सपना हकीकत बन जाएगा.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














