जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़कर भारत टॉप पर, वाकई 2050 तक हर पांचवा भारतीय हो जाएगा बुजुर्ग? जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

बढ़ती जनसंख्या को देखने के लिए कई नजरिए हैं कई लोगों का मानना है कि जनसंख्या का बढ़ना भविष्य के लिए चुनौति है और कुछ लोगों के लिए देश की आर्थिक ग्रोथ में मदद करने के लिए एक हैंड है, लेकिन वाकई देश के लिए जनसंख्या के बढ़ने के क्या मायने हैं यहां जानते हैं.

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भारत सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों की यूनाइटेड नेशन लिस्ट में टॉप पर है.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन गया है. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार चीन की 142.57 करोड़ की तुलना में भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ है. 1950 में जनसंख्या डेटा कलेक्ट करना शुरू करने के बाद से यह पहली बार है कि भारत सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों की यूनाइटेड नेशन लिस्ट में टॉप पर है.

भारत में कितने लोग हैं, इस पर कोई हालिया आधिकारिक डेटा नहीं है क्योंकि भारत में 2011 के बाद से जनगणना नहीं की है. भारत में एक दशक में एक बार जनगणना 2021 में होने वाली थी, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण इसमें देरी हुई. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की लगभग एक चौथाई आबादी 14 साल से कम उम्र की है. 68 प्रतिशत आबादी 15 से 64 आयु वर्ग में है, जबकि 7 प्रतिशत 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं. जनसंख्या का इस स्पीड से बढ़ना दुनिया के सामने आने वाली कई चुनौतियों का मूल कारण है. कुछ लोग घटते संसाधनों के लिए बढ़ती जनसंख्या को दोष देते हैं.

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यूएनएफपीए के अनुसार, क्लाइमेट चेंज, आर्थिक उथल-पुथल और कोविड-19 जैसी चुनौतियों ने हमें एक ऐसे चौराहे पर ला खड़ा किया है, जहां मानवता के लिए एक बदतर भविष्य का खतरा उतना ही संभव लगता है जितना कि एक बेहतर भविष्य का वादा.

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यूएनएफपीए इंडिया के रिप्रेजेंटेटिव एंड्रिया वोजनार ने एक बयान में कहा, "भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि जनसंख्या की चिंता आम जनता के बड़े हिस्से में फैल गई है. फिर भी जनसंख्या संख्या को चिंता या अलार्म पैदा करने की बजाय, उन्हें प्रोग्रेस, ग्रोथ के प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए."

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बढ़ती जनसंख्या को देखने के लिए कई नजरिए हैं कई लोगों का मानना है कि जनसंख्या का बढ़ना भविष्य के लिए चुनौति है और कुछ लोगों के लिए देश की आर्थिक ग्रोथ में मदद करने के लिए एक हैंड है, लेकिन वाकई देश के लिए जनसंख्या के बढ़ने के क्या मायने हैं यहां जानते हैं.

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1. लाइफ एक्सपेक्टेंसी

2019 में ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी 72.8 साल तक पहुंच गई. 1990 के बाद से ये लगभग 9 सालों की बढ़ोत्तरी है.

2. यूपी और बिहार में युवाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी

आंकड़ो की बात करें तो 2050 तक हर पांचवां भारतीय बुजुर्ग हो जाएगा. कुछ राज्यों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी. इनमें केरल और पंजाब टॉप पर है. वहीं कहा गया है कि यूपी और बिहार में युवाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी.

3. भारत में 25 करोड़ नौजवान

रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 से 24 साल के 25 करोड़ यंगस्टर अभी भारत में हैं. कहा गया है कि दुनिया में किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक युवा भारत में हैं. अनुमान यह भी लगाया गया है कि 2060 तक भारत की आबादी यूं ही बढ़ती रहेगी और संभावना जताई गई है कि 2060 के बाद भारत की जनसंख्या स्थिर हो जाएगी.

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4. जनसंख्या वृद्धि

यूएनएफपीए के अनुसार प्रजनन क्षमता को कम करने के उद्देश्य से सरकारों द्वारा की जाने वाली आगे की कार्रवाई अब और 2050 के बीच विकास की गति को धीमा करने में बहुत कम मदद करेगी.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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