खतरनाक कोविड-19 वायरस जैसे ही कम हो रहा है, दूसरे रेस्पिरेटरी इंफेक्शन जैसे नोवेल ह्यूमन इन्फ्लूएंजा वायरस (स्वाइन फ्लू), एच3एन2, विक्टोरिया ग्रुप और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) इंफेक्शन बढ़ रहे हैं. ILI-SARI (इन्फ्लूएंजा जैसी सीवर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस) पर हालिया आधिकारिक डेटा से पता चलता है कि एच3एन3 इंफेक्शन रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के 50 प्रतिशत इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार है. इसके बाद विक्टोरिया काउंट, आरएसवी और स्वाइन फ्लू का नंबर आता है. सर्दी या इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाला एक श्वसन वायरस, पहली बार इस साल 20-26 फरवरी के दौरान उभरा और 20-26 मार्च में चरम पर था. कई हफ्तों तक शांत रहने के बाद ये फिर 24 जुलाई से एक्टिव हुआ. अब आरएसवी इंफेक्शन तीसरा ऐसा इंफेक्शन है तो इस साल ट्रिगर कर रहा है.
दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन सालों में आरएसवी के मामले दर्ज नहीं किए गए हैं. 2021 से आईसीएमआर के ILI-SARI चार्ट से पता चलता है कि अलग-अलग समय में अलग-अलग वायरस प्रकार ट्रांजिशन सिनेरियो पर हावी रहे.
माना जा रहा है कि आरएसवी लार या बलगम के माध्यम से आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. नाक बंद होना, नाक बहना, खांसी और हल्का बुखार इसके लक्षण आम लक्षण हैं.
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, क्रोनिक किडनी रोग वाले लोगों में आरएसवी बढ़ रहा है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस इंफेक्शन के सबसे ज्यादा मरीज हैदराबाद में हैं. लक्षण फ्लू के समान ही होते हैं, जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार, शरीर में दर्द और अस्वस्थता शामिल हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)