जैसे ही मौसम बदलता है, कुछ लोगों को सबसे पहले गले में खराश, नाक बहना, छींक आना और बदन दर्द जैसी परेशानी होने लगती हैं. ये लक्षण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्युनिटी के होते हैं. जिनकी इम्युनिटी सामान्य से थोड़ी कम होती है, उन्हें हल्का-सा मौसमी बदलाव भी बीमार कर देता है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग इस परेशानी से गुजरते हैं. अगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भीतर से मजबूत कर लिया जाए, तो बीमार पड़ने की संभावना काफी हद तक कम हो सकती है. आयुष मंत्रालय के मुताबिक, योग इम्यूनिटी बढ़ाने में भी असरदार भूमिका निभाता है. जब हम नियमित रूप से योग करते हैं, तो शरीर के अंदरूनी अंगों तक ऑक्सीजन और पोषण बेहतर ढंग से पहुंचता है. योग से न केवल फेफड़े मजबूत होते हैं, बल्कि पाचन और रक्त संचार भी बेहतर होता है. इन सबका असर सीधा हमारी इम्यूनिटी पर पड़ता है.
अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन बेहद असरदार योगाभ्यास है. जब आप इसमें शरीर को उल्टे वी आकार में लाते हैं, तो रक्त प्रवाह सिर और छाती की ओर बेहतर होता है. यह मुद्रा नाक और फेफड़ों की सफाई में मदद करती है और सांस लेने की क्षमता को सुधारती है. इससे गले और छाती में जमा कफ बाहर निकलता है और सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है.
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन में जब आप अपने शरीर को पीछे की ओर झुकाते हैं और एड़ियों को पकड़ते हैं, तो छाती पूरी तरह खुल जाती है. यह आसन फेफड़ों को विस्तार देने में मदद करता है और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है. ठंडी हवा में सांस लेने के दौरान जो असुविधा होती है, वह धीरे-धीरे कम होने लगती है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को भी लचीला बनाता है और थकान को दूर करता है.
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मत्स्यासन
मत्स्यासन में शरीर मछली के आकार में आ जाता है और छाती के हिस्से में खिंचाव होता है. यह खिंचाव बलगम को बाहर निकालने में सहायक होता है. जब आप इस आसन में सांसें गहराई से लेते हैं, तो फेफड़ों की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ती है और सर्दी-जुकाम से जल्दी राहत मिलती है.
हलासन
हलासन के फायदे अनेक हैं. जब आप अपने पैरों को सिर के पीछे ले जाते हैं, तो शरीर की नसें और मांसपेशियां पूरी तरह खिंचती हैं. यह आसन पाचन तंत्र को भी सक्रिय करता है, जो सीधे तौर पर इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है. साथ ही, यह थकान और तनाव को भी कम करता है, जो अक्सर ठंड लगने के साथ और बढ़ जाता है.
शीर्षासन
शीर्षासन में जब आप सिर के बल खड़े होते हैं, तो पूरे शरीर का रक्त प्रवाह सिर की ओर होता है. इससे दिमाग, आंखें, नाक और कान तक बेहतर ऑक्सीजन पहुंचती है. यह आसन सर्दी, जुकाम और सिरदर्द से राहत देने के साथ-साथ पूरे तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)