Piercings Tips: कान पक जाए तो क्या लगाना चाहिए? जानें कान का इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?

आमतौर पर कार्टिलेज पियर्सिंग को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है और ईयरलोब पियर्सिंग के मुकाबले इसमें इंफेक्शन की संभावना भी ज्यादा रहती है.

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Infected Ear Piercing: अगर चाहते हैं कि कान छिदवाने के बाद न फैले इन्फेक्शन तो इन बातों का रखें ध्यान, जानिए संक्रमण हो जाने पर क्या करना चाहिए

Infected Ear Piercing: सही देखभाल के बावजूद पियर्सिंग में संक्रमण हो सकता है. ऐसे में संक्रमण के लक्षण को पहचानना और उसे ठीक करने के उपाय के बारे में जानना भी जरूरी है. पियर्सिंग एक खुले घाव की तरह होता है जिसे भरने के लिए देखभाल और समय की जरूरत होती है. आमतौर पर कार्टिलेज पियर्सिंग को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है और ईयरलोब पियर्सिंग के मुकाबले इसमें इंफेक्शन की संभावना भी ज्यादा रहती है. ज्यादा टाइट ईयर रिंग पहनने से पियर्सिंग को सांस लेने और ठीक होने का स्पेस नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से इंफेक्शन हो सकता है. इसके अलावा पियर्सिंग वाली जगह को अच्छे से साफ नहीं करना या गंदे हाथों से बार-बार छूते रहना भी इंफेक्शन की वजह बन सकता है. 

संक्रमण के लक्षण

कान के पियर्सिंग में संक्रमण यानी इंफेक्शन होने पर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिसे पहचान कर सही समय पर उचित उपचार करना जरूरी है.

  • सूजन
  • लालीपन
  • दर्द
  • टेंडरनेस
  • जलन
  • खुजली
  • पीला डिस्चार्ज

पियर्सिंग में इंफेक्शन होने पर क्या करें? (What to do if your piercing gets infected?)

कान के पियर्सिंग में साधारण इंफेक्शन होने पर इसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है. वहीं कुछ इंफेक्शन का घर पर उपचार करना मुश्किल होता है और उसे ठीक करने के लिए एंटी-बायोटिक्स की जरूरत पड़ सकती है.

छोटे-मोटे इंफेक्शन्स को ठीक करने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

1. कान की बाली को छूने या साफ करने से पहले हाथ धो लें.
2. पियर्सिंग वाली जगह को स्टेराइल सेलाइन या डिस्टिल्ड पानी में नमक मिलाकर दिन में तीन बार साफ करें.
3. अधिकांश हेल्थकेयर और पियर्सिंग प्रोफेशनल शराब, एंटीबायोटिक मलहम या हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग करने के प्रति सावधानी बरतते हैं. क्योंकि वे त्वचा में जलन पैदा करने के साथ-साथ ट्रीटमेंट को धीमा कर सकते हैं.
4. ईयरिंग को न हटाएं क्योंकि इससे छेद बंद हो सकता है और संक्रमण फंसा रह सकता है.
5. ईयरलोब के दोनों किनारों को हमेशा साफ करें और पेपर टॉवल से थपथपाकर सुखाएं.

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इंफेक्शन से कैसे बचें?

अगर आप ईयर पियर्सिंग के इंफेक्शन से बचना चाहते हैं तो इस प्रोसेस के पहले स्टेप में सावधानी बरतना सबसे जरूरी है. कहने का मतलब यह है कि घर पर खुद से पियर्सिंग करने की जगह किसी प्रोफेशनल की मदद लें.

1. अगर आप ईयरलोब पर पियर्सिंग नहीं करा रहें हैं तो पियर्सिंग गन की जगह सुइयों को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.
2. पियर्सिंग टेक्नीक के साथ-साथ हाइजीन भी बेहद महत्वपूर्ण है. पियर्सिंग गन और सुई दोनों ही मामले में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें.
3.  पियर्सिंग के बाद कान छेदने वाले शख्स की तरफ से दिए गए निर्देशों का पूरी तरह पालन करें. दिन में दो बार स्टेराइल सेलाइन पानी से सफाई करें.
4. कान की बाली को ज्यादा छूने और घुमाने से बचें. साथ ही जब आप कपड़े पहन रहे हो तो ध्यान रखे कि ईयररिंग उसमें न फंसे.
5. पियर्सिंग के बाद घाव ठीक होने के क्रम में आपको एक करवट हो कर सोने की भी जरूरत पड़ सकती है ताकि घाव को कुचलने से रोका जा सके.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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