Exercise During Cancer Treatment: एक्सरसाइज फिजिकल स्ट्रेंथ में सुधार इमोशनल हेल्थ को बढ़ावा देने और इलाज से संबंधित दुष्प्रभावों को कम करके कैंसर के इलाज के दौरान महत्वपूर्ण रूप से मदद कर सकता है. हालांकि शारीरिक रूप से कठिन अवधि के दौरान सक्रिय रहना विरोधाभासी लग सकता है, लेकिन शोध से पता चलता है कि रोगी की क्षमता के अनुसार नियमित, मध्यम व्यायाम बेहतर इलाज परिणाम दे सकता है. व्यायाम थकान से लड़ने में मदद करता है जो कैंसर थेरेपी के दौरान सबसे आम और दुर्बल करने वाले लक्षणों में से एक है. इस लेख में हम कई तरीकों पर चर्चा करते हैं जिनसे व्यायाम कैंसर के उपचार के दौरान फायदेमंद हो सकता है.
कैंसर के इलाज के दौरान व्यायाम के फायदे (Benefits of Exercise During Cancer Treatment)
1. कैंसर से संबंधित थकान को कम करता है
थकान कैंसर के इलाज के सबसे आम और लगातार दुष्प्रभावों में से एक है. आश्चर्यजनक रूप से, चलने या योग जैसी हल्की फिजिकल एक्टिविटी अकेले आराम करने की तुलना में इस थकावट से ज्यादा प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद कर सकती है. एक्सरसाइज हार्ट हेल्थ और ऑक्सीजन डिस्ट्रिव्यूशन में सुधार करके एनर्जी को बढ़ाता है, जिससे रोगियों को समय के साथ कम थकावट महसूस होती है.
यह भी पढ़ें: पेट साफ रखना है तो, रोज दही में मिलाकर खाइए ये चीज, सारी पेट की गंदगी निकलेगी बाहर
2. मसल्स मास और ताकत को बनाए रखता है
कैंसर और इसका इलाज मांसपेशियों की बर्बादी और कमजोरी का कारण बन सकते हैं. रेजिस्टेंस ट्रेनिंग और हल्के स्ट्रेंथ प्रैक्टिस लीन बॉडी मास को बनाए रखने, मांसपेशियों के शोष को रोकने और स्ट्रेंथ में सुधार करने में मदद करते हैं, जिससे रोजमर्रा के काम आसान हो जाते हैं और इलाज के दौरान स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलता है.
3. मूड और मेंटल हेल्थ में सुधार करता है
रेगुलर एक्टिविटी एंडोर्फिन जैसे फील-गुड हार्मोन के स्राव को उत्तेजित करती है, जो अक्सर कैंसर के इलाज से जुड़े अवसाद, चिंता और मूड स्विंग का मुकाबला करने में मदद करते हैं. व्यायाम उपलब्धि और कंट्रोल की भावना पैदा कर सकता है, जो खासतौर से तब वेल्युएबल होता है जब जीवन अनिश्चित लगता है.
4. इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है
मध्यम, लगातार व्यायाम इम्यून सिस्टम को रेगुलेट करने में मदद करता है. यह ब्लड प्रेशर में सुधार करता है, जिससे इम्यून सेल्स पूरे शरीर में ज्यादा कुशलता से चलती हैं. यह इलाज के दौरान जरूरी है, क्योंकि कैंसर ट्रीटमेंट कभी-कभी इम्यून फंक्शन को दबा सकते हैं.
यह भी पढ़ें: उम्र बढ़ने पर आंखों की रोशनी जल्दी न हो कमजोर, इसके लिए अभी से खाना शुरू करें ये चीजें
5. इलाज सहनशीलता को बढ़ाता है
सक्रिय रोगी अक्सर निष्क्रिय रोगियों की तुलना में कीमोथेरेपी और विकिरण को बेहतर तरीके से सहन करते हैं. व्यायाम मतली, कब्ज और भूख न लगने जैसे दुष्प्रभावों को कम कर सकता है, जो रोगियों को बिना किसी रुकावट या खुराक में कमी के अपने इलाज कार्यक्रम पर टिके रहने में मदद करता है.
6. स्लीप क्वालिटी में सुधार करता है
बहुत से कैंसर रोगी तनाव, बेचैनी या इलाज के दुष्प्रभावों के कारण अनिद्रा या खराब नींद से जूझते हैं. व्यायाम चिंता को कम करके और गहरी, ज्यादा आराम देने वाली नींद को बढ़ावा देकर नींद के पैटर्न को रेगुलेट करने में मदद करता है.
7. बेहतर भूख और पोषण को बढ़ावा देता है
कैंसर और इसके इलाज स्वाद को बदल सकते हैं, भूख को कम कर सकते हैं या मतली का कारण बन सकते हैं. रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी भूख को उत्तेजित करती है और पाचन में सुधार करती है, जिससे रोगियों के लिए पर्याप्त पोषण बनाए रखना आसान हो जाता है जो इलाज और रिकवरी का एक जरूरी हिस्सा है.
8. हार्ट हेल्थ को बनाए रखता है
कुछ कैंसर उपचार जैसे कि कुछ कीमोथेरेपी और विकिरण, हार्ट और ब्लड वेसल्स पर दबाव डाल सकते हैं. एरोबिक व्यायाम जैसे कि चलना, तैरना या साइकिल चलाना हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं, इलाज के दौरान या बाद में कार्डिएक कॉम्प्लीकेशन के जोखिम को कम करते हैं.
यह भी पढ़ें: गर्मियों में जल्दी थकान लगने के 5 कारण, जानिए तुरंत एनर्जी पाने के कारगर और आसान उपाय
9. ब्लड क्लॉटिंग के जोखिम को कम करता है
कैंसर के रोगियों में डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) का जोखिम ज्यादा होता है. फिजिकल एक्टिविटी, कासतौर से पैरों की हरकतें, बेहतर ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देती हैं, जिससे लंबे समय तक बैठने या बिस्तर पर आराम करने के कारण थक्के बनने से रोकने में मदद मिलती है.
10. लचीलापन बनाता है और रिकवरी में सुधार करता है
इलाज के दौरान एक्टिव रहने से फिजिकल और इमोशनल फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ता है. जो रोगी रेगुलर रूप से एक्सरसाइज करते हैं, वे अक्सर सर्जरी या डीप ट्रीटमेंट के बाद ज्यादा तेजी से ठीक हो जाते हैं और उन्हें लॉन्गटर्म कॉम्प्लीकेशन का अनुभव कम हो सकता है. यह व्यक्तियों को जीवन से जुड़े रहने और अपने इलाज में बड़ी भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाता है.
Watch Video: Dr. Naresh Trehan से जानें बीमारियों से बचने और लंबी उम्र पाने के राज, दिल के डॉक्टर से दिल की बात
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)