How early does lactation start in pregnancy? डिलीवरी के बाद जब बच्चा पहली बार गोद में आता है, तब पहली बार मां बनने का अहसास होता है. जब आंचल में उतरा दूध सीने से बच्चे तक ममता को पहुंचाता है. अक्सर यही माना जाता है कि जब महिला मां बन जाती है तब स्तनों में दूध (Breast Milk) आना शुरू होता है. जबकि लेक्टेशन की प्रोसेस कुछ और तरह से काम करती है. जिसमें ये भी संभव है कि महिला प्रेग्नेंसी के समय ही लेक्टेशन (Lactation) की प्रोसेस से गुजरना शुरू कर दे या बिना प्रेग्नेंसी के भी स्तनों से दूध आना शुरू हो जाए.
कब आता है स्तनों में दूध? (Process Of Lactation)
प्रेगनेंसी के दौरान दूध आना
ये जरूरी नहीं कि स्तनों में दूध आने की शुरुआत डिलीवरी के बाद ही हो. प्रेगनेंसी में पहले तीन माह के बाद स्तनों से दूध आ सकता है. खासतौर से प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही के दौरान. इस समय पर शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर खुद को लेक्टेशन के लिए तैयार करने लगता है.
जिसकी वजह से शरीर में मिल्क डक्ट बढ़ जाती हैं जो निपल तक दूध भेजने लगती हैं. इसी दौरान शरीर में कोलेस्ट्रम भी बढ़ता है.
बिना प्रेगनेंसी के लेक्टेशन
बिना प्रेगनेंसी के भी कई बार स्तनों में दूध आ जाता है या लाया जा सकता है. कुछ हॉर्मोनल ड्रग्स के जरिए महिला में लेक्टेशन की प्रोसेस शुरू की जा सकती है. कई बार हेल्थ केयर प्रोवाइडर की मदद से लेक्टेशन की प्रोसेस शुरू करवाई जा सकती है. गेलेक्टोरिया या हाइपर लैक्टेशन नाम की दो स्थिति होती हैं, जिनके चलते बिना प्रेगनेंसी के स्तनों से दूध आता है. इसके अलावा कई बार सिस्ट होने पर भी ये स्थिति आ सकती है.
कैसे रुकती है लेक्टेशन की प्रक्रिया?
जब बच्चा लगातार ब्रेस्ट फीड करना बंद कर देता है तब स्तनों से दूध आना धीरे धीरे खुद ही कम हो जाता है. ये एक नेचुरल प्रक्रिया है. हालांकि जो महिलाएं नेचुरली दूध आना बंद होने का इंतजार नहीं करना चाहती वो हार्मोनल ड्रग्स लेकर लेक्टेशन की प्रोसेस को रोक सकती हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)