Gallstones cause : आपकी ये 5 खराब आदतें बना रहीं हैं पित्त की पथरी! आयुर्वेदिक नुस्खों से पाएं तुरंत राहत

आयुर्वेद के मुताबिक, जब शरीर में 'पित्त' (गर्मी) और 'कफ' (चिकनाई) का संतुलन बिगड़ जाता है और हमारी पाचन अग्नि कमजोर पड़ जाती है, तब पित्ताशय में धीरे-धीरे पथरी बनने लगती है.

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आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों मानते हैं कि पित्त की पथरी का सबसे बड़ा कारण खराब जीवनशैली है.

Home remedy in Gallbladder stone : आजकल पित्त की पथरी (गॉल ब्लैडर स्टोन) एक आम समस्या बन गई है, खासकर उन लोगों में जो ज्यादा देर तक बैठकर काम करते हैं और अनहेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं. आयुर्वेद की मानें तो पित्ताशय में पथरी पित्त-कफ के असंतुलन और मेद धातु की रुकावट के कारण बनती है. जब शरीर की अग्नि कमजोर हो जाती है और पित्त गाढ़ा होने लगता है, तो धीरे-धीरे पथरी बनने लगती है. 

पित्त की पथरी का कारण - Causes of gallstones

मुख्य कारणों में तली-भुनी चीजों का सेवन, बार-बार खाना, ज्यादा मसाले, लाल मिर्च, सिरका, रात को भारी भोजन, कम पानी पीना, फास्टिंग के बाद भारी भोजन करना, चिंता-तनाव और लंबे समय तक बैठे रहना शामिल हैं. कुछ महिलाओं में हार्मोन बदलाव यानी एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन भी गॉल ब्लैडर स्टोन का खतरा बढ़ाता है.

पित्त की पथरी का घरेलू इलाज - home remedies for gallstones

नुस्खा 1 

घरेलू उपायों और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से पथरी को रोकना और पित्त को हल्का रखना संभव है. इसमें धन्वन्तरि गुग्गुल, भृंगराज का रस, कुल्थी का सूप, पित्तपापड़ा, गिलोय और वरुणादि क्वाथ जैसी जड़ी-बूटियां मदद करती हैं. 

नुस्खा 2

रोज सुबह गुनगुने पानी में नींबू, काला जीरा और शहद लेना, अदरक-पुदीना-तुलसी की चाय पीना और रात को त्रिफला या सौंफ-मिश्री-धनिया का सेवन करना फायदेमंद है.

इन उपायों से छोटी पथरी घुल सकती है, बाइल फ्लो सुधरता है, उल्टी, गैस और भूख नहीं लगने जैसी समस्याएं कम होती हैं और दोबारा पथरी बनने का खतरा घटता है.

सावधानियां भी हैं जरूरी

इसके साथ ही कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं. दर्द होने पर खुद से पेनकिलर न लें, नींबू या एप्पल साइडर विनेगर ज्यादा न लें. कड़क चाय-कॉफी और लाल मिर्च के सेवन से भी बचें.

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आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों मानते हैं कि पित्त की पथरी का सबसे बड़ा कारण खराब जीवनशैली है. सही भोजन, पर्याप्त पानी, हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और मानसिक शांति बहुत आवश्यक हैं. ये पित्त को संतुलित रखते हैं और पथरी बनने से रोकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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