- हेपेटाइटिस ए एक बेहद संक्रामक लिवर संक्रमण है
 - हेपेटाइटिस ए के हल्के मामलों में उपचार की जरूरत नहीं होती है.
 - हेपेटाइटिस ए के लक्षण आमतौर पर वायरस होने के कुछ सप्ताह बाद दिखाई देते है
 
Hepatitis A - Symptoms and causes: केरल में हेपेटाइटिस ए पैर पसार रहा है. राज्य में हेपेटाइटिस-ए के मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है, खासकर मलप्पुरम, एर्नाकुलम, कोझिकोड और त्रिशूर जिलों में. राज्य के इन जिलों में बिगड़ते हालात को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. यहां इसके मामलों में आ रही तेजी के बाद केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को अधिकारियों को राज्य में हेपेटाइटिस-ए के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए जमीनी स्तर की कार्य योजना को मजबूत करने का निर्देश दिया. इस बीमारी से 12 लोगों की मौत भी हो गई है.
क्या होता है हेपेटाइटिस ए
हेपेटाइटिस ए एक बेहद संक्रामक लिवर संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस ए वायरस के कारण होता है. यह वायरस कई तरह के हेपेटाइटिस वायरस में से एक है, जो लीवर में सूजन का कारण बनता है और आपके लीवर की कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है.
कैसे होता है हेपेटाइटिस ए संक्रमण
आपको दूषित भोजन या पानी से या संक्रमित व्यक्ति या वस्तु के निकट संपर्क से हेपेटाइटिस ए होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है. संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित किसी पदार्थ का सेवन करने पर, हेपेटाइटिस ए होने की संभावना होती है. हेपेटाइटिस ए के हल्के मामलों में उपचार की जरूरत नहीं होती है. ज्यादातर संक्रमित लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं और उनके लीवर को कोई स्थायी नुकसान नहीं होता है.
हेपेटाइटिस ए के लक्षण
हेपेटाइटिस ए के लक्षण आमतौर पर वायरस होने के कुछ सप्ताह बाद दिखाई देते हैं. लेकिन हेपेटाइटिस ए से पीड़ित हर किसी में लक्षण विकसित नहीं होते हैं. इसके लक्षण कुछ इस तरह के हो सकते हैं -
- थकान और कमजोरी
 - पेट में दर्द
 - मतली और उल्टी
 - दस्त होना
 - बेचैनी
 - सीधे हाथ की तरफ निचली पसलियों में दर्द
 - जोड़ों का दर्द
 - त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना (पीलिया)
 - खुजली
 - गहरे ब्राउन रंग का मल
 - भूख में कमी
 - हल्का बुखार
 - गहरे रंग का मूत्र
 
हेपेटाइटिस ए से बचाव के उपाय
बार-बार हाथ धोने सहित अच्छी स्वच्छता अपनाने से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है. हेपेटाइटिस ए का टीका हेपेटाइटिस ए से रक्षा कर सकता है.
- बाहर से कोई भी चीज लाने के बाद उसे बिना धोए न खाएं.
 - खाने-पीने की चीज़ों को साफ़-सुथरा रखें
 - बाहर कोई भी टॉयलेट इस्तेमाल करने से पहले और बाद में साबुन और पानी से हाथ धोएं
 - दूषित पानी का इस्तेमाल न करें
 - क्रोनिक लिवर विकार वाले लोगों को टीका लगवाएं
 
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














