H3N2 virus symptoms and prevention : अगर आपके घर में भी कोई खांस-छींक रहा है, या बुखार से तप रहा है, तो ये आर्टिकल आपके लिए बहुत जरूरी है. ये कोई मामूली सर्दी-खांसी नहीं है, बल्कि एक ऐसा वायरस है जो आपको हफ्तों तक परेशान कर सकता है. तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि ये H3N2 क्या है, इससे कैसे बचें और क्या करें.
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H3N2 क्या हैH3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस का एक प्रकार है. ये आपके शरीर में घुसकर सांस लेने वाली नली को परेशान करता है. डॉक्टर बताते हैं कि ये आम फ्लू या सर्दी-जुकाम से ज्यादा बुरा होता है और कई दिनों तक टिका रहता है. खासकर मौसम बदलने के टाइम में ये ज्यादा एक्टिव होता है, क्योंकि इस समय हमारी इम्यूनिटी थोड़ी कमज़ोर पड़ जाती है. ऐसे में हम इसकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं.
कैसे फैलता है ये वायरस- जब कोई खांसता या छींकता है, तो उसके मुंह से निकलने वाली बूंदें हवा में फैल जाती हैं और अगर आप उनके पास हैं, तो ये आपके अंदर जा सकती हैं.
- अगर किसी संक्रमित व्यक्ति ने किसी चीज को छुआ है, जैसे दरवाजे का हैंडल या कोई और चीज, और फिर आपने उसे छूकर अपने चेहरे को छू लिया, तो वायरस आपके अंदर जा सकता है.
- भीड़-भाड़ वाली जगहें या एयर कंडीशन वाले कमरे जहां हवा आने-जाने की अच्छी व्यवस्था नहीं होती, वहां ये तेजी से फैलता है.
लोकलसर्कल्स के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली-NCR के करीब 69% घरों में कम से कम एक सदस्य को फ्लू जैसे लक्षण हैं. डॉक्टर इसका कारण H3N2 को ही बता रहे हैं, जिसकी वजह से लंबा बुखार, सांस लेने में दिक्कत और कई बार तो अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ रही है.
- अचानक बुखार और ठंड लगना
- लगातार खांसी और गले में खराश
- नाक बहना या बंद होना
- बदन दर्द, सिर दर्द और थकान
- बच्चों में उल्टी या दस्त
- सांस लेने में दिक्कत या घरघराहट
- सीने में दर्द
- होठों या नाखूनों का नीला पड़ना
- बहुत ज़्यादा कमजोरी
- कई दिनों तक बुखार का न उतरना
इन सारे लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
मुंबई के ग्लेनगल्स अस्पताल की डॉ. मंजूषा अग्रवाल बताती हैं, "कुछ मामलों में H3N2 निमोनिया, ब्रोंकाइटिस या दिल और फेफड़ों की मौजूदा बीमारियों को भी खराब कर सकता है." इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में डॉ. अग्रवाल ने चेताया था कि ये लक्षण दूसरे वायरल इंफेक्शन जैसे लग सकते हैं, इसलिए इन्हें नजरअंदाज न करें, खासकर अगर ये एक हफ्ते से ज्यादा रहें.
किसे ज्यादा खतरा हैवैसे तो कोई भी इस वायरस की चपेट में आ सकता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है
- 5 साल से छोटे बच्चे
- बुज़ुर्ग लोग
- गर्भवती महिलाएं
- जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है, जैसे अस्थमा, शुगर या दिल की बीमारी
आपका डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाने को कह सकता है:
- नाक या गले से स्वैब लेकर RT-PCR टेस्ट
- एंटीबॉडीज के लिए H3N2 वायरस का टेस्ट
- पर्याप्त आराम और पानी पीना
- डॉक्टर की सलाह पर बुखार के लिए पैरासिटामोल
- एंटीवायरल दवाएं (अगर हाई-रिस्क वाले मामलों में 48 घंटे के अंदर शुरू की जाएं)
- एंटीबायोटिक्स से बचें, जब तक कि डॉक्टर किसी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए न दें.
बता दें कि H3N2 फ्लू के लक्षण आमतौर पर 5 से 7 दिनों तक रहते हैं. बुखार तो 3 दिनों में उतर जाता है, लेकिन खांसी हफ्तों तक परेशान कर सकती है.
बचने के आसान तरीके- अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं.
- भीड़-भाड़ वाली या बंद जगहों पर मास्क पहनें.
- अपने घरों और कमरों में हवा आने-जाने का अच्छा इंतज़ाम रखें.
- बीमार लोगों से दूर रहें.
- पौष्टिक खाना खाएं जिसमें विटामिन सी हो
- अच्छी नींद लें और हल्की-फुल्की कसरत करें.
- सीज़नल फ्लू का टीका लगवाएं, इसमें H3N2 से भी बचाव होता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)