जीएसटी रिवाइज होने के बाद हेल्थ सर्विसेज हुईं सस्ती, दवाओं के साथ सस्ते दामों पर मिलेंगी ये चीजें

GST Revision 2025: एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने यह भी वादा किया कि वह देश भर में मरीजों, अस्पतालों और लैब को किफायती, हाई-क्वालिटी मेड इन इंडिया डिवाइस उपलब्ध करवा कर लाभ पहुंचाएगा.

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GST Revision 2025: "इस ऐतिहासिक सुधार की वजह से इलाज की लागत कम होगी."

GST Revision 2025: मेडिकल डिवाइस और फार्मा इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने सोमवार को जीएसटी 2.0 के तहत रिवाइज्ड टैक्स रेट्स के लागू होने की सराहना की. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे हेल्थकेयर पहले के मुकाबले सस्ता होगा और आसानी से उपलब्ध होगा. इस महीने की शुरुआत में जीएसटी काउंसिल ने मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की घोषणा की थी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने जीएसटी सुधार को एक हेल्दी, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया.

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पोस्ट में कहा गया, "मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी रेट को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद. इस कदम के साथ हर नागरिक के लिए मेडिकल डिवाइस सस्ते हो जाएंगे."

पोस्ट में आगे कहा गया, "इस ऐतिहासिक सुधार की वजह से इलाज की लागत कम होगी और आवश्यक हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी की पूरे भारत में पहुंच बढ़ेगी।"

एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने यह भी वादा किया कि वह देश भर में मरीजों, अस्पतालों और लैब को किफायती, हाई-क्वालिटी मेड इन इंडिया डिवाइस उपलब्ध करवा कर लाभ पहुंचाएगा.

12 प्रतिशत टैक्स के दायरे वाली दवाओं पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी

जीएसटी सुधार के साथ 12 प्रतिशत टैक्स वाली ज्यादातर दवाएं अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आ गई हैं. इसके अलावा, कैंसर, जेनेटिक और दुर्लभ बीमारियों और हार्ट डिजीज के लिए 36 जरूरी जीवनरक्षक दवाओं को पूरी तरह से छूट दे दी गई है.

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जीएसटी काउंसिल ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, ग्लूकोमीटर और चश्मे पर टैक्स स्लैब को भी रिवाइज किया है. इंडियन फार्मास्यूटिकल अलायंस (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा कि इससे मरीजों को सीधे बचत होगी और परिवारों पर से बोझ कम होगा.

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जैन ने कहा, "ये कदम भारत के हेल्थकेयर क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे. इससे मरीजों को सीधे बचत होगी, परिवारों पर से बोझ कम होगा, जरूरी देखभाल तक पहुंच में सुधार होगा और हेल्थकेयर सुरक्षा मजबूत होगी."

उन्होंने कहा कि 23 प्रमुख रिसर्च-बेस्ड कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला आईपीए यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि ये लाभ नागरिकों तक तेजी से और पारदर्शिता के साथ पहुंचे. साथ ही, सभी के लिए किफायती और सुलभ हेल्थकेयर का उनका मिशन आगे बढ़े.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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