Sleep Timing Importance: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर इस बात पर ध्यान देते हैं कि हमें कितने घंटे की नींद मिली, लेकिन यह भूल जाते हैं कि हम सोए किस समय. देर रात तक मोबाइल चलाना, ओटीटी देखना, काम की टेंशन या सोशल मीडिया स्क्रॉल करते-करते कब रात के 1-2 बज जाते हैं, पता ही नहीं चलता. फिर सुबह देर से उठना, भारी सिर, चिड़चिड़ापन और दिनभर थकान महसूस होना आम बात हो गई है. ज्यादातर लोग मानते हैं कि अगर 7-8 घंटे सो लिए तो सब ठीक है, चाहे नींद सुबह 2 बजे से 10 बजे तक ही क्यों न हो. लेकिन, सच्चाई यह है कि नींद के घंटे से ज्यादा जरूरी है नींद का सही समय.
हमारा शरीर एक बायोलॉजिकल क्लॉक पर चलता है, जिसे बॉडी क्लॉक या सर्कैडियन रिदम कहते हैं. यह घड़ी तय करती है कि कब हमें नींद आएगी, कब शरीर एक्टिव रहेगा, कब पाचन बेहतर होगा और कब हार्मोन सही तरीके से काम करेंगे. जब हम इस प्राकृतिक घड़ी के खिलाफ जाकर देर रात सोते हैं, तो शरीर को पूरा आराम नहीं मिल पाता, चाहे नींद के घंटे पूरे ही क्यों न हों.
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सही समय पर सोने का मतलब क्या है?
सही समय पर सोने का मतलब है रात के 10 से 11 बजे के बीच सो जाना. इस दौरान शरीर में मेलाटोनिन नाम का हार्मोन बनता है, जो अच्छी और गहरी नींद के लिए जरूरी होता है. अगर हम इस समय सो जाते हैं, तो नींद की क्वालिटी बेहतर होती है और शरीर खुद को रिपेयर करने लगता है.
इसके उलट, अगर आप रात 1-2 बजे सोते हैं, तो मेलाटोनिन का स्राव गड़बड़ा जाता है. नतीजा यह होता है कि नींद हल्की रहती है, बार-बार आंख खुलती है और सुबह उठने पर भी थकान महसूस होती है.
देर रात सोने से शरीर को क्या नुकसान होता है?
- देर से सोना सिर्फ थकान तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है.
- इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे बार-बार सर्दी-खांसी और इंफेक्शन हो सकता है.
- पाचन खराब होता है, गैस, एसिडिटी और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है.
- हार्मोन असंतुलन होता है, जिससे महिलाओं में पीरियड्स और पुरुषों में थकावट व चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है.
- मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है, जैसे चिंता, तनाव और फोकस की कमी.
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क्या देर से सोकर देर से उठना सही विकल्प है?
कई लोग सोचते हैं कि अगर हम देर से सोकर देर से उठ जाएं, तो शरीर को पूरा आराम मिल जाएगा. लेकिन, यह सोच पूरी तरह सही नहीं है. सुबह की धूप, ताजी हवा और शांत माहौल शरीर और दिमाग को नेचुरल एनर्जी देते हैं. देर से उठने पर हम इन सब चीजों से वंचित रह जाते हैं. साथ ही रूटीन बिगड़ने से काम की प्रोडक्टिविटी भी कम हो जाती है.
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सही समय पर सोने से क्या फायदे होते हैं? | What Are the Benefits of Going to Sleep at the Right Time?
जब आप रोज एक तय समय पर सोते हैं, खासकर रात 10-11 बजे के बीच, तो इसके कई फायदे दिखने लगते हैं:
- सुबह उठते ही फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस होता है.
- याददाश्त और फोकस बेहतर होता है.
- त्वचा में नेचुरल ग्लो आता है, क्योंकि रात में ही स्किन रिपेयर होती है.
- वजन कंट्रोल में रहता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है.
- तनाव कम होता है और मूड अच्छा रहता है.
सही समय पर सोने की आदत कैसे बनाएं?
अगर आप देर से सोने के आदी हैं, तो अचानक बदलाव मुश्किल हो सकता है. इसके लिए धीरे-धीरे आदत बदलें.
- रोज सोने का समय 15-20 मिनट पहले करें.
- सोने से एक घंटा पहले मोबाइल और टीवी से दूरी बनाएं.
- रात को हल्का खाना खाएं.
- सोने से पहले गहरी सांस या हल्का ध्यान करें.
अच्छी सेहत के लिए सिर्फ नींद पूरी करना ही काफी नहीं है, बल्कि सही समय पर सोना उससे कहीं ज्यादा जरूरी है. जब आप अपनी बॉडी क्लॉक के साथ तालमेल बिठाकर सोते हैं, तो शरीर खुद-ब-खुद बेहतर तरीके से काम करने लगता है. अगर आप वाकई फिट, एक्टिव और मानसिक रूप से मजबूत रहना चाहते हैं, तो आज से ही देर रात जागने की आदत छोड़कर समय पर सोने को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














