Genital Herpes: कितना खतरनाक है एसटीआई जेनिटल हर्पीस? जानिए इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव

Genital Herpes: जेनिटल हर्पीस एक एसटीआई है जो सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 1 या टाइप 2 के कारण होता है.

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Genital herpes - Symptoms and causes | कितना खतरनाक है एसटीआई जेनिटल हर्पीस?

Genital Herpes: सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन या एसटीआई आमतौर पर सेक्सुअल कॉन्टैक्ट के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. कई बार इस तरह के संक्रमण में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं जिससे ज्यादा गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है. जेनिटल हर्पीस भी एक तरह का एसटीआई (Sexually Transmitted Infections, STI)  है जिसके रोकथाम के लिए संक्रमण के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानना बेहद जरूरी है. महिलाएं खासतौर पर एसटीआई का ज्यादा शिकार होती हैं इसलिए उन्हें जागरूक करना और भी ज्यादा जरूरी है.

जेनिटल हर्पीस एक यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) है जो हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 1 या टाइप 2 के कारण होता है. सिम्पलेक्स वायरस से ही सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी भी होती है. इस संक्रमण के कारण जेनिटल और एनस में छाले या घाव हो सकते हैं. एक बार इंफेक्शन होने के बाद दोबारा होने की संभावना ताउम्र बनी रहती है. प्रेगनेंट महिलाओं को इस बीमारी के प्रति और सतर्क रहना चाहिए क्योंकि यह संक्रमण बच्चे में भी फैल सकता है.

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जेनिटल हर्पीस के लक्षण (Symptoms of Genital Herpes)

अधिकतर लोगों में जेनिटल हर्पीस के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं लेकिन कुछ लोगों में संक्रमण के दौरान ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

1. जेनिटल में चुभन और खुजली

2. मुंह, जेनिटल या गुदा में छाले या घाव 

3. छाले के फूटने या खून निकलने से लाल घाव होना

4. पेशाब करने में दिक्कत होना

5. जेनिटल में घाव जो स्किन पर दाने या क्रैक जैसा दिखता हो.

सेक्स के दौरान इंफेक्टेड पार्टनर के कॉन्टैक्ट में आने से पुरूषों के लिंग और महिलाओं के लोबिया, क्लिटोरिस और वुल्वा में घाव दिखाई दे सकते हैं. इसके अलावा गुदा या नितंबों और जांघों के भीतरी हिस्से में भी घाव हो सकते हैं. पहली बार हर्पीस संक्रमण होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसा बुखार, सिरदर्द और ग्लैंड्स में सूजन.

क्यों होती है जेनिटल हर्पीस बीमारी?

जेनिटल हर्पीस इंफेक्शन दो तरह के हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के संक्रमण के कारण हो सकता है. टाइप 1 वायरस से ज्यादातर चेहरे और होठों पर घाव होते हैं वहीं टाइप 2 सिम्पलेक्स वायरस के चलते जेनिटल में घाव दिखाई देते हैं.

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हर्पीस से इंफेक्टेड व्यक्ति के साथ स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के चलते यह बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैलती है. आमतौर पर जेनिटल या ओरल सेक्स के दौरान यह संक्रमण पुरुष से महिला या महिला से पुरुष में प्रवेश करती है. किसिंग, फोर प्ले या नॉन पेनेट्रेटिव सेक्स के जरिए भी यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.

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जेनिटल हर्पीस से कैसे करें बचाव?

जेनटिल हर्पीस इंफेक्शन से बचने का सीधा उपाय है सेफ सेक्स. संक्रमण से बचने के लिए:

1.किसी तरह के घाव या छाले न होने पर भी हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें

2. घाव या छाले होने पर ओरल सेक्स और किसिंग से बचें

3. जब भी आपको या आपके पार्टनर को छाले या घाव होने के दौरान सेक्सुअल कॉन्टैक्ट से बचें. घाव पूरी तरह ठीक होने के एक हफ्ते तक फिजिकल कॉन्टैक्ट से बचें.

4. किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से बचें जिसके जेनिटल में घाव, छाले या जेनिटल हर्पीस संक्रमण के कोई और लक्षण दिखाई दे रहे हो.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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