Garudasana Benefits: शरीर और मन दोनों को हेल्दी रखने के लिए योग बहुत ही आसान और लाभकारी तरीका है. शरीर के हर हिस्से के लिए अलग-अलग योगासन होते हैं. रोज थोड़ा समय योग के लिए निकालने से न सिर्फ शरीर मजबूत होता है बल्कि दर्द, थकान, तनाव और बीमारी में भी आराम मिलता है. यह दवाइयों से बचने का एक अच्छा तरीका है. बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी योग कर सकते हैं. ऐसा ही एक आसन है गरुड़ासन.
इस आसन का नाम पौराणिक कथाओं में पक्षियों के राजा नाम से विख्यात 'गरुड़' पर रखा गया है. गरुड़ यानी चील. इस आसन को करते समय चील की मुद्रा अपनानी पड़ती है, इसलिए इस आसन को गरुड़ासन कहते हैं. अंग्रेजी में इसे ईगल पोज कहा जाता है. चलिए आपको योगा इंस्ट्रक्टर अंशुका परवानी के मुताबिक, इसे करने का सही तरीका और फायदे से रूबरू कराते हैं.
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बता दें कि अंशुका परवानी कई बॉलीवुड सितारों को योगा सिखाती हैं. वह करीना कपूर, दीपिका पादुकोण, रकुल प्रीत सिंह, आलिया भट्ट, अनन्या पांडे और कई अन्य सेलेब्स की ट्रेनर हैं.
कैसे करें गरुड़ासन? (How to do Garudasana?)
योग प्रशिक्षक अंशुका परवानी के मुताबिक, गरुड़ासन को करने के लिए पहले आप ताड़ासन मुद्रा में आराम से खड़े हो जाएं. इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेते रहें. अब अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ें और दोनों हाथों को सामने की ओर लाएं. अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर लें और बाएं पैर को ऊपर की ओर उठाएं. इसके बाद बाएं पैर को दाईं टांग के आगे से घूमाते हुए पीछे की ओर ले जाएं.
इस स्थिति में बाईं जंघा, दाईं जंघा के ऊपर रहेगी. इसके बाद आपको दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रॉस करना है. इस दौरान बाईं बाजू को दाईं बाजू के ऊपर रखना है. फिर आपको दोनों हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में लाने की कोशिश करनी है. जब तक संभव हो इस मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं. इस तरह गरुड़ासन के तीन से पांच चक्र किए जा सकते हैं.
लेकिन यह बात ध्यान रहे कि अगर आप लो ब्लड प्रेशर के मरीज हैं या फिर किसी को घुटनों में चोट है या भयंकर दर्द है, उस स्थिति में इस आसन को न करें.
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गरुड़ासन करने के फायदे (Benefits of Doing Garudasana)
गरुड़ासन बाजुओं की मांसपेशियों को मजबूत करता है और लचीलेपन को बढ़ाता है. इसके अभ्यास से शरीर के ऊपरी हिस्से, जैसे गर्दन, कंधों और पीठ के दर्द से राहत मिलती है और तनाव भी दूर होता है. इससे संतुलन और स्थिरता में मदद मिलती है और ध्यान और मानसिक एकाग्रता में सुधार होता है. यही नहीं, इस आसन से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. यूरीन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में यह आसन मददगार है. पुरुषों के लिए यह आसन लाभकारी है, यह प्रजनन अंगों के लिए भी फायदेमंद है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)