World Population Day: जनसंख्या संबंधी समस्याओं पर लोगों को अवेयर करने के लिए 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस ( World Population Day) मनाया जाता है.भले ही दुनिया भर में बढ़ती जनसंख्या (Population) से होने वाली हानियों पर चर्चा होती रहती है लेकिन किसी देश के लिए घटती आबादी भी कम चिंता का विषय नहीं. घटती आबादी (Decreasing population) सरकार के लिए बड़ी टेंशन का कारण बन चुकी है. पश्चिमी देशों से शुरू हुआ यह चलन अब तेजी से एशियाई देशों में फैल रहा है. आइए जानते हैं कौन हैं वो पांच देश जिनके लिए कम होती आबादी बन गई है सिरदर्द…
जापान
वर्ष 2017 की जनगणना के अनुसार जापान की आबादी 12 कराड़ 80 लाख थी. तेजी से घटते जन्मदर के कारण माना जा रहा है कि सदी के आखिर में जापान की आबादी घटकर आधी से भी कम रह जाएगी. कम जन्म दर के कारण जापान पहले ही सबसे ज्यादा बुजुर्गों वाला देश बन चुका है. जापान में बर्थ रेट केवल 1.4 है. किसी भी देश में मौजूदा जनसंख्या को बनाए रखने के लिए 2.1 बर्थ रेट की जरूरत होती है.
इटली
साल 2017 की जनगणना के अनुसार इटली की आबादी छह करोड़ दस लाख थी. अनुमान है कि इस सदी के अंत तक वहां की आबादी घट कर दो करोड़ अस्सी लाख रह जाएगी. इटली की कुल आबादी में 23 फीसदी लोग 65 वर्ष से ज्यादा आयु के हैं जिसके कारण वहां बर्थ रेट कम है. इसके साथ ही वहां के सरकारी आकड़ों के अनुसार 2018 में 57 हजार लोग इटली छोड़ कर चले गए थे.
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ब्राजील
वर्ष 2017 की जनगणना के अनुसार ब्राजील की जनसंख्या 21 करोड़ थी. अनुमान है कि इस सदी के अंत में यह घटकर 16 करोड़ रह जाएगी. इस देश में बर्थ रेट में लंबे समय से गिरावट दर्ज हो रही है. यहां बर्थ रेट घटकर 1.7 रह गई है. यहां टीवी सीरियलों को छोटे परिवार की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया की आबादी में साल 2021 में लगातार दूसरे साल गिरावट दर्ज हुई है, पिछले साल की तुलना में 0.37 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है. दक्षिण कोरिया सरकार की ओर से 2021 में जारी आकड़ों के अनुसार अगले सौ साल में देश की आबादी 77 फीसदी तक कम हो सकती है.
रोमानिया
रोमानिया में घटती आबादी सरकार के लिए सिर दर्द बन गई है. यूरोप के इस देश में बर्थ रेट 1.31 है. यहां 1990 के बाद से बर्थ रेट लगातार कम होती जा रही है. 2018 में यहां जनसंख्या वृद्धि दर माइनस में पहुंच चुकी है.
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