कब कराना चाहिए पथरी का ऑपरेशन, बिना ऑपरेशन के पथरी कैसे निकलती है?

देश में किडनी की पथरी से परेशान मरीजों की संख्या बहुतायत में है. ज्यादातर मामलों में डॉक्टर पथरी को निकालने के लिए सर्जरी को जरूरी बताते हैं. वहीं, कई बार बिना ऑपरेशन के भी किडनी से पथरी बाहर निकल जाती है.

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When should stone operation be done, how are stones removed without surgery: भारत में पथरी, खासकर गुर्दे यानी किडनी की पथरी सेहत से जुड़ी सबसे बड़ी और दर्दनाक समस्या बन गई है. यूरिनरी ट्रैक्ट की आम बीमारी के तौर पर यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करती है. इन बढ़ते मामले के पीछे समय से पर्याप्त पानी नहीं पीने, हेल्दी खाने की कमी, बेहद आरामदेह जीवनशैली और कुछ मामलों में आनुवंशिक दिक्कत बड़े कारण होते हैं.

पथरी कैसे बनती है? | Pathri Kaise Banti hai 

जब हम कम पानी पीते हैं : तो हमारे शरीर में पेशाब गाढ़ा हो जाता है. पेशाब में कुछ छोटे-छोटे रेत जैसे कण होते हैं जैसे, कैल्शियम और नमक.ये वैसे ही होते हैं जैसे बालू के कण. जब पानी कम होता है,तो ये रेत जैसे कण घुल नहीं पाते और आपस में चिपकने लगते हैं. धीरे-धीरे वो छोटे कण मिलकर एक छोटा पत्थर बना देते हैं, इसे ही हम "पथरी" कहते हैं.

जब पथरी गलत जगह चली जाती है, जैसे पानी की पाइप (मूत्र नली) में अटक जाती है, तो बहुत दर्द होता है – जैसे कोई नुकीली चीज़ अंदर फंस गई हो.

पथरी होने के लक्षण | Pathri Hone ke Lakshan

1. तेज़ और तीव्र दर्द (Pain)

  •  पीठ, कमर या पेट के किनारे में अचानक तेज़ दर्द.
  •  दर्द अक्सर नीचे की ओर पेट या गुप्तांगों तक फैल सकता है.
  •  दर्द का आना-जाना होता है.

2. पेशाब में जलन या दर्द (Burning or Painful Urination)

  •  पेशाब करते समय चुभन या जलन महसूस होना.

3. बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)

  •  सामान्य से ज़्यादा बार पेशाब जाने की इच्छा होना.

4. पेशाब का रंग बदलना (Change in Urine Color)

  •  पेशाब में खून (गुलाबी, लाल या भूरे रंग की पेशाब)
  •  पेशाब का गंदा दिखना या उसमें दुर्गंध आना.

5. मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting)

  •  दर्द की वजह से उल्टी या जी मिचलाना.

6. बुखार और ठंड लगना (Fever and Chills)

  • अगर पथरी के कारण संक्रमण हो गया हो तो बुखार हो सकता है.

7. पेशाब में रुकावट (Urine Flow Obstruction)

  • पेशाब रुक-रुक कर आना या बिल्कुल बंद हो जाना (गंभीर स्थिति)

पथरी के मरीजों को ऑपरेशन की चिंता, बिना ऑपरेशन के पथरी कैसे निकाले | Bina Operation Ke Pathri Kaise Bikale

किडनी की पथरी को लेकर ज्यादातर मरीजों को ऑपरेशन की चिंता सताने लगती है. हालांकि, पथरी के हर मरीज के इलाज के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं होती, लेकिन कई बार ऑपरेशन करने का ही रास्ता बचता है. डॉक्टरों के अनुसार, पथरी के मामले में ऑपरेशन का सही समय और गैर-सर्जिकल विकल्पों के बारे में जागरूकता को भी इलाज का महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है. आइए, पथरी के इलाज के इन दोनों तरीके के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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कब कराना चाहिए पथरी का ऑपरेशन? | Pathri Ka Operation Kab Karna Chahiye

किडनी के एक्सपर्ट डॉक्टर कुछ खास स्थितियों में मरीजों को सर्जरी या न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं की सलाह देते हैं. उनके मुताबिक, सबसे पहले अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे या सीटी स्कैन के ज़रिए समय पर जांच ज़रूरी है. पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द, पेशाब में खून, मतली या बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति और बिगड़ सकती है. इसलिए ऐसी जांच रिपोर्ट आए,  ऐसे शारीरिक लक्षण दिखें या नीचे दी गई मेडिकल कंडिशन हो तो ऑपरेशन करा लेना चाहिए.

  • जब पथरी का आकार 7-8 मिलीमीटर से ज्यादा हो और उसके अपने आप निकलने की संभावना न हो.
  • अगर पथरी यूरिनरी ट्रैक्ट में रुकावट पैदा करती है या उसको पूरी तरह जाम कर देती है.
  • अगर पथरी से जुड़े बार-बार होने वाले यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण के मामले बढ़ जाएं.
  • जब मरीज को दवा खाने के बावजूद बार-बार असहनीय दर्द का अहसास हो.
  • अगर लंबे समय तक रुकावट के कारण किडनी की कार्यक्षमता खतरे में हो.
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बिना ऑपरेशन के पथरी कैसे निकलती है?

किडनी की पथरी के इलाज के लिए हमेशा सर्जरी की जरूरत नहीं होती है? नेफ्रोलजिस्ट डॉक्टर के मुताबिक, लगभग 3 मिमी की छोटी पथरियों को तो महज डाइट में बदलाव के जरिए काबू किया जा सकता है. कुछ दवाइयां यूरिन की गति को बढ़ाकर पथरी को प्राकृतिक तरीके से बाहर निकालने में मदद करती हैं. ऐसी स्थिति में खास तौर पर पर्याप्त मात्रा में पानी और दूसरे लिक्विड पीने की सलाह भी दी जाती है.

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रेनल केयर एक्सपर्ट डॉक्टर का कहना है कि आम तौर पर 5 मिलीमीटर से छोटे आकार के पथरी पर्याप्त तरल पदार्थ के सेवन और साथ में दवाई लेने से बाहर निकल सकते हैं. आमतौर पर यूरिनरी सिस्टम को साफ करने के लिए हर दिन 2.5-3 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही मरीज को पेन किलर और अल्फा-ब्लॉकर दवाएं दी जाती हैं. इसके अलावा, डाइट में नमक और ऑक्सालेट वाले फूड प्रोडक्ट को कम करने के लिए कहा जाता है.

प्राकृतिक तरीके से पथरी के बाहर कैसे न‍िकालें : प्राकृतिक तरीके से पथरी के बाहर नहीं निकलने पर कुछ डॉक्टर एक्स्ट्राकॉर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ESWL), यूरेटेरोस्कोपी (URS) और परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (PCNL) तकनीकों का सहारा लेते हैं. इनमें बिना किसी सर्जरी के तकनीकी मदद से पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़कर बाहर निकाला जाता है.

बार-बार पथरी बनने से कैसे रोकें : पथरी की समस्या को वापस आने से रोकने के लिए मरीजों को दिन भर पर्याप्त पानी पीने, नमक, जंक फ़ूड, चीनी और कैल्शियम वाले फूड आइटम्स का सीमित सेवन करने, वजन पर काबू करने, नियमित तौर पर व्यायाम और समय-समय पर जांच करवाने की सलाह देते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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