क्या प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से हार्मोन्स बिगड़ जाते हैं? किन लोगों के लिए सबसे खतरनाक? जानें कैसे बचें

Health Risks of Plastic Water Bottles: प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना जितना आसान लगता है, उतना ही शरीर के लिए खतरनाक भी हो सकता है. खासकर जब बात हार्मोनल हेल्थ की हो, तो सतर्क रहना जरूरी है.

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Health Risks of Plastic Water Bottles: प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से क्या होता है?

Side Effects of Drinking Water From Plastic Bottles: पानी तो सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन अगर वही पानी प्लास्टिक की बोतल से पीया जाए तो क्या वो शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है? आजकल ज्यादातर लोग बाहर जाते समय साथ में प्लास्टिक की बोतल रखते हैं या बाजार से मिनरल वॉटर खरीदते हैं. ऑफिस, स्कूल, जिम या सफर, हर जगह प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना आम है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि इस बोतल में भरा पानी आपके हार्मोन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है? यह कोई अफवाह नहीं, बल्कि वैज्ञानिक शोधों से जुड़ा हुआ फैक्ट है. प्लास्टिक की बोतलों में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं जो शरीर के हार्मोन बैलेंस को बिगाड़ सकते हैं. चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.

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BPA (Bisphenol A) क्या है और क्यों है खतरनाक?

BPA एक केमिकल है जो कई प्लास्टिक बोतलों और कंटेनर्स में पाया जाता है. यह शरीर के एंडोक्राइन सिस्टम यानी हार्मोन सिस्टम को प्रभावित करता है. BPA शरीर में एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन की नकल करता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है. इससे थायरॉइड, प्रजनन क्षमता और मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ सकता है. स्पिंगर (Springer) की एक स्टडी (2021) में पाया गया कि गर्मी के मौसम में प्लास्टिक की बोतलों से BPA का रिसाव ज्यादा होता है. गर्मियों में दूध और सॉफ्ट ड्रिंक की बोतलों में BPA की मात्रा 0.77–1.59 mg/kg तक पहुंच गई, जो सर्दियों की तुलना में कई गुना ज्यादा थी. यह केमिकल शरीर में xenoestrogen की तरह काम करता है, यानी यह एस्ट्रोजन हार्मोन की नकल करता है और हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है.

गर्मी में प्लास्टिक और ज़्यादा खतरनाक

जब प्लास्टिक की बोतल गर्मी में या धूप में रखी जाती है, तो उसमें से केमिकल्स पानी में घुलने लगते हैं. गर्म पानी या धूप में रखी बोतल से पीने पर BPA का असर और ज्यादा बढ़ जाता है. इससे शरीर में टॉक्सिन्स का लेवल बढ़ सकता है.

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा रिस्क

बच्चों का हार्मोन सिस्टम विकसित हो रहा होता है, इसलिए BPA का असर ज्यादा होता है. गर्भवती महिलाओं के लिए BPA एक्सपोज़र भ्रूण के विकास पर असर डाल सकता है. इससे भविष्य में बच्चे की इम्यूनिटी और हार्मोनल हेल्थ प्रभावित हो सकती है.

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हार्मोनल असंतुलन के लक्षण

थकान, मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना या घटना, नींद की समस्या, बालों का झड़ना, महिलाओं में पीरियड्स का असंतुलन, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन में गिरावट इसके कुछ लक्षण हैं.

इस खतरे से कैसे बचें?

  • स्टील या ग्लास की बोतल का इस्तेमाल करें.
  • BPA-free प्लास्टिक चुनें (हालांकि ये भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं माने जाते)
  • प्लास्टिक की बोतल को धूप या गर्मी में न रखें.
  • बार-बार इस्तेमाल होने वाली बोतल को समय-समय पर बदलें.
  • बच्चों के लिए हमेशा BPA-free या नॉन-प्लास्टिक विकल्प चुनें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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