अर्द्धउष्ट्रासन करने से लचीलापन बनती है रीढ़, मासिकन शांति, कब्ज, तनाव से दिलाएगा राहत

Ardha Ustrasana Benefits: यह आसन कई तरह से शरीर और मन को लाभ पहुंचाता है. रीढ़ को पीछे की ओर झुकाने से उसका लचीलापन बढ़ता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है. यहां जानिए इसके अन्य जबरदस्त फायदे.

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Ardha Ustrasana Benefits: यह आसन कई तरह से शरीर और मन को लाभ पहुंचाता है.

Ardha Ustrasana Benefits: अर्द्धउष्ट्रासन योग की दुनिया में एक प्रभावशाली और सरल आसन है, जो फिजिकल हेल्थ, मेंटल हेल्थ और आध्यात्मिक संतुलन को बढ़ावा देता है. इसे "हाफ कैमल पोज" के नाम से भी जाना जाता है, जो फुल उष्ट्रासन का एक कम तीव्र रूप है. यह आसन रीढ़ को लचीला बनाने, तनाव को कम करने और शरीर को एनर्जेटिक रखने में बड़ी भूमिका निभाता है. खास तौर पर शुरुआती और इंटरमीडिएट लेवल के अभ्यर्थियों के लिए यह आसन आइडिय है, क्योंकि यह शारीरिक क्षमता के अनुरूप आसानी से किया जा सकता है. नियमित अभ्यास से यह आसन न केवल फिजिकल फ्लेसिबिलिटी ही नहीं बढ़ाता है, बल्कि मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास को भी प्रोत्साहित करता है.

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कैसे करें अर्द्धउष्ट्रासन?

अर्द्धउष्ट्रासन करने के लिए सबसे पहले एक शांत और साफ जगह चुने, जहां योगा मैट बिछाकर अभ्यास शुरू किया जा सके. घुटनों के बल बैठें, इस तरह कि दोनों घुटने कूल्हों की चौड़ाई के बराबर दूरी पर हों और पैरों के पंजे पीछे की ओर हों. रीढ़ को सीधा रखते हुए कंधों को आराम दें. अब दाहिने हाथ को धीरे-धीरे दाहिनी एड़ी पर ले जाएं या इसे कूल्हे पर टिकाएं. इसके बाद बाएं हाथ को ऊपर की ओर उठाएं और धीरे-धीरे पीठ को पीछे की ओर झुकाएं. नजरें ऊपर या पीछे की ओर रखें और सांस को सामान्य रखें. इस मुद्रा में 15 से 30 सेकंड तक रहें, गहरी सांस लेते हुए शरीर पर अनावश्यक दबाव डाले बिना धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें और फिर दूसरी ओर से इस प्रक्रिया को दोहराएं. इस आसन को दोनों तरफ दो से तीन बार करना पर्याप्त है.

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हालांकि, गर्भवती महिलाओं, रीढ़ या गर्दन की समस्या वाले लोगों और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को इसे करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए.

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अर्द्धउष्ट्रासन करने के फायदे (Benefits of Doing Ardha Ustrasana)

यह आसन कई तरह से शरीर और मन को लाभ पहुंचाता है. रीढ़ को पीछे की ओर झुकाने से उसका लचीलापन बढ़ता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है. पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव होने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और कब्ज जैसी समस्याएं कम होती हैं. यह आसन हार्ट साइकिल को खोलता है, जिससे तनाव और चिंता में कमी आती है. फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और श्वसन प्रणाली मजबूत होती है. कूल्हे, जांघें और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे शरीर ऑलओवर हेल्थ और ताकत बढ़ती है. साथ ही, यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद है.

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अर्द्धउष्ट्रासन एक ऐसा योगासन है, जो सरल होने के साथ-साथ अनेक लाभ प्रदान करता है. इसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में शुरू करने से सही तकनीक और सुरक्षा सुनिश्चित होती है. इस आसन को अपने रूटीन में शामिल कर हेल्दी, फ्लेक्सिबल और एनर्जेटिक जीवन जिया जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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