क्‍या सुबह खाली पेट चाय-कॉफी पीने से बढ़ता है पेट और आंतों के कैंसर का खतरा?

हर समय गरम पेय पदार्थों का सेवन पेट और आंतों के लिए गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो सकता है. पिछले कुछ समय से गरम पेय पदार्थ से पनपने वाले इस खतरे पर ज्यादा बातचीत हो रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
क्या हर समय चाय-कॉफी जैसे गर्म ड्रिंक्स पीने से बढ़ जाता है पेट और आंतों के कैंसर का खतरा?

सर्दियों के मौसम में चाय-कॉफी की फ्रिक्वेंसी काफी बढ़ जाती है. शरीर को गर्म रखने के लिए चाय-कॉफी के अलावा हॉट चॉकलेट और सूप जैसे अन्य गर्म पेय पदार्थों का सेवन काफी आम है. लेकिन क्या आपको पता है कि हमेशा बहुत ज्यादा गर्म पेय पदार्थों के सेवन से आप कैंसर का शिकार हो सकते हैं. ठंड में ऐसे हॉट ड्रिंक्स पीने से शरीर को जरूरी गरमाहट मिलती है, लेकिन हर समय गरम पेय पदार्थों का सेवन पेट और आंतों के लिए गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो सकता है.

पिछले कुछ समय से गरम पेय पदार्थ से पनपने वाले इस खतरे पर ज्यादा बातचीत हो रही है. इस खतरे के बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी है. अच्छी बात यह है कि कुछ बातों को ध्यान में रख कर गर्म पेय पदार्थों से होने वाले कैंसर की संभावना को आप कम कर सकते हैं.

कैंसर का खतरा

इंटेरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने करीब 65 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान वाले पेय पदार्थों को इंसानों के लिए कार्सोजेनिक होने की संभावना जताई है. इसके पीछे का लॉजिक गर्म पेय पदार्थों की वजह से एसोफैगल लाइनिंग में होने वाले थर्मल डैमेज को माना गया है.

यह थर्मल डैमेज एसोफैगल लाइनिंग से बढ़ कर पेट और आंतों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं 65 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर चाय, कॉफी और हॉट चॉकलेट समेत अन्य गर्म पेय पदार्थों में कार्सोजेनिक तत्व मौजूद नहीं रहते हैं.

Also Read: एचआईवी वायरल लोड का क्या मतलब है? कैसे होती है इसकी पहचान और निगरानी, क्या है इलाज

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफ्लेमेशन

क्लीवलैंड क्लीनिक के एक स्टडी के मुताबिक गर्म पेय पदार्थों के सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में क्रोनिक इरिटेशन और इंफ्लेमेशन की समस्या हो सकती है. आगे जाकर यह समस्या बढ़ कर टिशू में कैंसर तक को जन्म दे सकता है. शराब और स्मोकिंग के अलावा पहले से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से जूझ रहे लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

अगर आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफ्लेमेशन की समस्या है तो और ज्यादा सतर्क रहें क्योंकि ऐसी स्थिति में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. सर्दियों में एकदम गर्म सूप, हॉच चॉकलेट या चाय-काफी पीना कंफर्टिंग हो सकता है लेकिन इसके साथ मौजूद खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

Advertisement

बचाव का तरीका

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चाय या कॉफी जैसे पेय पदार्थ कैंसर के खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं होते हैं बल्कि उनका तापमान ही कारक है. गर्म पेय पदार्थों से कैंसर के खतरे को कम करना ज्यादा मुश्किल नहीं है. इसके लिए आपको बस यह ध्यान रखना होगा कि बहुत ज्यादा गर्म पेय पदार्थों का आप सेवन न करें.

चाय-कॉफी या कोई भी अन्य पेय पदार्थ को थोड़ा ठंडा होने दें और उसके बाद ही उसे पिएं. इससे न सिर्फ आप अपने हॉट ड्रिंक को एन्जॉय कर पाएंगे बल्कि थर्मल डैमेज से भी बच जाएंगे.

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Top 10 Headlines: आज Lok Sabha में पेश होगा One Nation One Election Bill | Parliament Winter Session
Topics mentioned in this article