डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित किया, मरा हुआ समझकर दफनाने लगे तो मिला जिंदा, हॉस्पिटल ने प्रीमेच्योर डिलीवरी पर दिशानिर्देश के लिए बनाई समिति

एक अधिकारी ने बताया कि बच्ची का जन्म समय से पहले हुआ था. उस समय उसकी मां 23 हफ्ते की गर्भवती थी. जन्म के समय नवजात का वजन केवल 490 ग्राम था.

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यह कदम हाल ही में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है.

दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल ने गर्भावस्था (Pregnancy) के 24 हफ्ते पूरे होने से पहले बच्चे के जन्म के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति बनाई है. यह कदम हाल ही में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है जिसमें जन्म के तुरंत बाद एक नवजात (Newborn) को मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि बाद में वह जीवित पाया गया.

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नवजात का वजन था 490 ग्राम:

एक अधिकारी ने बताया कि बच्ची का जन्म समय से पहले हुआ था. उस समय उसकी मां 23 हफ्ते की गर्भवती थी. जन्म के समय नवजात का वजन केवल 490 ग्राम था. रविवार को बच्ची उस समय जीवित मिली जब बच्ची का परिवार उसे दफनाने की तैयारी कर रहा था.

उन्होंने बताया कि जीवित पाए जाने के बाद बच्ची को वापस सरकारी अस्पताल लाया गया जहां उसे 'लाइफ सपोर्ट सिस्टम' पर रखा गया, लेकिन बुधवार को उसकी मौत हो गई.

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अब गाइडलाइन्स और एसओपी बनाने की तैयारी: 

एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने कहा, 'ऐसे बच्चों को कैसे संभालना है, हम इस पर दिशानिर्देश और एसओपी बना रहे हैं. दिशानिर्देश सरकार को सौंपे जाएंगे.'

अस्पताल के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में सरकारी अस्पतालों के लिए कोई नियम नहीं हैं. अस्पताल द्वारा गठित एक पैनल ने इस मुद्दे पर दिशानिर्देश बनाने के लिए एक समिति गठित करने की सिफारिश की थी.

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बताया ये भी गया कि घटना के बाद उस दिन ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर और दो नर्सों को निलंबित कर दिया गया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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