क्या आप भी फिटनेस को ही हेल्थ मानते हैं? डॉक्टर ने बताया असली तंदुरुस्ती और हेल्दी रहने का मतलब

Real Meaning of Fitness: हेल्दी होना सिर्फ बीमारी का न होना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होता है. इसमें बैलेंस डाइट, तनाव पर नियंत्रण और पर्याप्त नींद जैसी बातें भी शामिल हैं.

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Real Meaning of Fitness: फिट होने का मतलब है, इस तरह की शारीरिक क्षमता होना जिससे आप रोजमर्रा के काम पूरी ताकत, सहनशक्ति और बेहतर प्रदर्शन के साथ कर सकें. इसमें हल्की-फुल्की बीमारियों, थकान और तनाव को संभालने की ताकत होना भी शामिल है, जिससे व्यक्ति ज्यादा सक्रिय रहता है और निष्क्रियता कम होती है. इसके लिए मांसपेशियों की ताकत, सहनशक्ति, दिल और फेफड़ों की क्षमता, शरीर की लचीलापन और संतुलित शरीर संरचना जरूरी होती है. डॉ. संगीता, एमडी जनरल मेडिसिन, अपोलो क्लिनिक, चंदा नगर, हैदराबाद ने यह साफ करते हुए कहा कि, ये सब व्यायाम और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज से हासिल किए जा सकते हैं. दूसरी ओर, हेल्दी होना सिर्फ बीमारी का न होना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होता है. इसमें बैलेंस डाइट, तनाव पर नियंत्रण और पर्याप्त नींद जैसी बातें भी शामिल हैं.

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जनरल फिजिशियन इस फर्क को ध्यान में रखते हुए ‘फिटनेस' और ‘हेल्थ' दोनों को अपने इलाज में अहम मानते हैं. वे न केवल फिटनेस बढ़ाने के लिए खास कसरत कार्यक्रम बताते हैं, बल्कि पोषण, नींद और तनाव से जुड़ी आदतों को सुधारने की भी सलाह देते हैं. अगर किसी व्यक्ति को कोई विशेष समस्या हो, तो वे उसे विशेषज्ञ डॉक्टर के पास भेज सकते हैं.

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व्यक्ति की जरूरत और लक्ष्य के अनुसार सलाह

फिजिशियन हर व्यक्ति की जरूरत और लक्ष्य के अनुसार सलाह देते हैं. मसलन, जो व्यक्ति दौड़ने में अपनी क्षमता बढ़ाना चाहता है, उसे दी गई सलाह उस व्यक्ति से अलग होगी जो लंबे समय से दर्द या तनाव जैसी समस्याओं से जूझ रहा हो.

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अक्सर लोग यह मान लेते हैं कि अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट है तो वह पूरी तरह हेल्दी भी है. लेकिन, जरूरी नहीं कि ऐसा हो. कोई व्यक्ति रोज कसरत कर रहा हो, फिर भी अगर उसका खानपान सही नहीं है, नींद पूरी नहीं हो रही या तनाव ज्यादा है, तो उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. ऐसा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज जैसी बीमारियों से भी अनजान रह सकता है, जो आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती हैं.

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जनरल फिजिशियन का काम

जनरल फिजिशियन का काम शरीर की संपूर्ण जांच कर स्वास्थ्य की स्थिति को समझना और किसी भी छुपी हुई बीमारी या समस्या की पहचान करना होता है. वे जरूरत पड़ने पर शरीर के जरूरी संकेतों, दिल और फेफड़ों की कार्यक्षमता तथा न्यूरोलॉजिकल रिफ्लेक्स (तंत्रिकाओं की प्रतिक्रिया) की जांच करते हैं. इसके बाद वे उपचार की योजना बनाते हैं, जिसमें दवाएं देना, लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह देना या किसी विशेषज्ञ के पास रेफर करना शामिल हो सकता है.

रोकथाम संबंधी चिकित्सा में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जैसे टीकाकरण, आम बीमारियों की जांच और बैलेंस डाइट तथा रेगुलर एक्सरसाइज जैसी हेल्दी आदतों के लिए मार्गदर्शन देना.

हर व्यक्ति की जरूरत और परिस्थिति अलग 

वे मरीजों की कुछ आम ग़लतफहमियों को भी दूर करते हैं. मसलन, कई बार लोग मान लेते हैं कि सभी प्राकृतिक या ऑर्गेनिक उत्पाद स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं और कृत्रिम चीजें नुकसानदायक. इस सोच के चलते वे दवाओं या जरूरी सप्लीमेंट्स से परहेज कर बैठते हैं, जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है. इसी तरह कुछ लोग यह मान लेते हैं कि एक ही डाइट या एक्सरसाइज़ प्लान सभी पर लागू होता है, जबकि हर व्यक्ति की जरूरत और परिस्थिति अलग होती है.

मेडिकल कंडिशन और लाइफस्टाइल के हिसाब से बनाएं फिटनेस प्लान

अपने फिजिकल ट्रेनर से यह जरूर कहें कि वह आपकी स्वास्थ्य जरूरतों, मेडिकल स्थिति और लाइफस्टाइल के हिसाब से पर्सनल फिटनेस प्लान बनाएं. जनरल फिजिशियन केवल शारीरिक फिटनेस ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक सहयोग और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों को भी समझते हैं और पूरी सेहत और वेलनेस पर काम करते हैं. इसके लिए वे प्रश्नावली, चर्चा और स्क्रीनिंग जैसे माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे संभावित समस्याओं की पहचान की जा सके और सुधार के लिए व्यक्तिगत रणनीति बनाई जा सके. यह प्रक्रिया रोकथाम और बीमारियों का समय रहते पता लगाने में बेहद मददगार होती है.

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जनरल फिजिशियन पुरानी बीमारियों को रोकने और उनका बेहतर मैनेजमेंट करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. वे मरीजों के इलाज में संपर्क का पहला जरिया होते हैं. वे न सिर्फ हेल्दी लाइफस्टाइल के बारे में जानकारी देते हैं बल्कि विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक व्यापक इलाज की योजना भी तैयार करते हैं. फिजिकल ट्रेनर और डॉक्टर दोनों के साथ मिलकर काम करके आप अपनी सेहत को प्राथमिकता दे सकते हैं. नियमित जांच कराना, इलाज की योजना का पालन करना और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना आपकी संपूर्ण सेहत और भलाई को मजबूत करता है.

(डॉ. संगीता, एमडी जनरल मेडिसिन, अपोलो क्लिनिक, चंदा नगर, हैदराबाद)

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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