Safety Precautions For Diwali: दिवाली पर लोग पटाखे जला कर उत्सव का आनंद लेते है. बच्चे खासकर पटाखों को लेकर ज्यादा एक्साइटेड रहते हैं. हालांकि कई बार इसी एक्साइटमेंट में लापरवाही होती है और वह जल जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि वयस्क उनका ख्याल रखें. दिवाली की मौज मस्ती और आनंद में कोई भी बाधा न पड़े इसलिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए और जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए. आइए जानते हैं कि किन सावधानियों को बरत कर इस दिवाली को हैप्पी दिवाली बना सकते हैं.
दिवाली पर बरतें ये सावधानियां (Take these precautions on Diwali)
दिवाली के त्योहार के दौरान सुरक्षा सावधानियां जरूरी हैं, खासकर आतिशबाजी और मोमबत्तियां जलाते वक्त. यहां कुछ ज़रूरी सुरक्षा सुझाव दिए गए हैं:
पटाखे जलाते वक्त रखें ये सावधानी
- पटाखे, ऑथराइज्ड विक्रेताओं से ही खरीदें.
- आतिशबाजी की पैकेजिंग पर दिए गए निर्देशों का पालन करें.
- पटाखे जलाते समय बच्चों और अनुभवहीन व्यक्तियों पर नज़र रखें.
- पटाखे किसी खुले, बाहरी क्षेत्र में जलाएं. ध्यान रखें कि आस-पास कोई ज्वलनशील पदार्थ न हो.
- आपात स्थिति के लिए पास में पानी की एक बाल्टी, पाइप या अग्निशामक यंत्र रखें.
- पटाखे जलाने के बाद सुरक्षित दूरी बनाए रखें और कभी भी उनके ऊपर झुकें नहीं.
- बेकार पटाखे को दोबारा जलाने की कोशिश न करें, उसके ठंडा होने का इंतज़ार करें.
- इस्तेमाल किए गए पटाखों का सुरक्षित और ज़िम्मेदारी से निपटान करें.
मोमबत्ती और दीए से सुरक्षा
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- दीये और मोमबत्तियां समतल जमीन और अग्निरोधी सतहों पर रखें.
- इन्हें पर्दों, कागज़ की सजावट और ज्वलनशील पदार्थों से दूर रखें.
- जलती हुई मोमबत्तियों या दीयों को कभी भी बिना देखरेख के न छोड़ें.
- मोम को सतहों पर टपकने से रोकने के लिए मोमबत्ती होल्डर का इस्तेमाल करें.
- सुनिश्चित करें कि दीये बच्चों या पालतू जानवरों की पहुंच से दूर हों.
दिवाली में कैसे रखें अपना ख्याल, बरतें ये सावधानियां
- पटाखे जलाते समय उचित कपड़े पहनें. सेफ्टी ग्लास लगाएं.
- लंबे बालों को आग लगने से बचाने के लिए उन्हें पीछे बांधकर रखें.
- ढीले या बहने वाले कपड़े न पहनें जो गलती से आग की लपटों के संपर्क में आ सकते हैं.
पालतू जानवरों की सुरक्षा
- आतिशबाजी के दौरान पालतू जानवरों को घर के अंदर रखें ताकि वे डरकर भाग न जाएं.
- कम शोर वाले पटाखे इस्तेमाल करने की कोशिश करें ताकि वे आवारा जानवरों को नुकसान न पहुंचाएं.
बच्चों के लिए दिवाली सुरक्षा टिप्स
बड़ों की निगरानी: बच्चों की हमेशा बड़ों की निगरानी में रखें. खासकर जब वे पटाखों और मोमबत्तियों के आसपास हों.
आतिशबाज़ी सुरक्षा: बच्चों को आतिशबाज़ी जलाने से दूर रखें. बच्चों को आतिशबाज़ी के खतरों और उनके साथ न खेलने की अहमियत के बारे में सिखाएं.
सुरक्षित दूरी: बच्चों को जलते हुए आतिशबाज़ी से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के निर्देश दें, और उन्हें कभी भी झुकने या बेकार आतिशबाज़ी को दोबारा जलाने की कोशिश न करने दें.
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फुलझड़ियों से सुरक्षा: अगर फुलझड़ियां इस्तेमाल की जाती हैं, तो बच्चों को उन्हें अपने चेहरे और शरीर से दूर, बांहों की दूरी पर रखना चाहिए. माता-पिता को छोटे बच्चों के लिए फुलझड़ियां जलानी चाहिए.
मोमबत्ती और दीये से सुरक्षा: बच्चों को सिखाएं कि वे जलते हुए दीयों या मोमबत्तियों को न छुएं. जलते हुए दीयों और मोमबत्तियों को उनकी पहुंच से दूर और ज्वलनशील पदार्थों से दूर रखें.
कपड़ों के बारे में जागरूकता: बच्चों को ज्वलनशील नहीं, अच्छी तरह से फिट होने वाले कपड़े पहनाएं. ढीले या बहने वाले कपड़े पहनने से बचें जो आग पकड़ सकते हैं.
जलने से होने वाली चोटों के लिए क्या करें और क्या न करें:
हर साल दिवाली के त्योहार के दौरान पटाखों से होने वाली चोटों के कई मामले सामने आते हैं. ऐसी आपात स्थितियों में, घबराएं नहीं, बल्कि जलने से होने वाली चोटों के लिए यहां बताए जा रहे निर्देशों का फॉलो करें.
जलने से होने वाली चोटों के लिए क्या करें:
जले को ठंडा करें: कम से कम 10 मिनट तक ठंडे बहते पानी से जले हुए हिस्से को तुरंत ठंडा करें. इससे जले हुए हिस्से का तापमान कम करने और दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है.
साफ़ कपड़े से ढकें: ठंडा होने के बाद, संक्रमण से बचने के लिए जले हुए हिस्से को साफ़, नॉन-स्टिक कपड़े या प्लास्टिक रैप से ढक दें.
जले हुए हिस्से को ऊपर उठाएं: हो सके तो सूजन कम करने के लिए घायल अंग को ऊपर उठाएं.
डॉक्टर की मदद लें: गंभीर जलन, चेहरे, हाथ, पैर, जननांगों पर जलन, या बड़े जलने पर इंफेक्शन हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
जलने पर क्या न करें:
बर्फ का प्रयोग न करें: बर्फ या बहुत ठंडे पानी का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे ऊतकों को और अधिक नुकसान हो सकता है.
फफोले न फोड़ें: जलने पर बनने वाले किसी भी फफोले को फोड़ने से बचें, क्योंकि ये प्राकृतिक रूप से जलने का कारण बनते हैं.
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चिपकने वाली पट्टियां न लगाएं: जलने पर सीधे चिपकने वाली पट्टियां न लगाएं, क्योंकि ये घाव से चिपक सकती हैं और हटाने पर और नुकसान पहुंचा सकती हैं.
मक्खन मलहम का इस्तेमाल न करें: जलने पर मक्खन, तेल, क्रीम या चिपकने वाली पट्टियां लगाने से बचें, क्योंकि ये गर्मी को रोक सकती हैं और चोट को और बदतर बना सकती हैं.
ज़्यादा कसकर न लपेटें: जले हुए हिस्से को पट्टियों या ड्रेसिंग से बहुत कसकर न लपेटें, क्योंकि इससे ब्लड फ्लो रुक सकता है.
चिकित्सा सहायता में देरी न करें: गंभीर रूप से जल गए हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, देरी न करें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)