क्या आप भी डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट को समझते हैं एक ही? तो जानिए दोनों के बीच का अंतर

डाइटिशियन या न्यूट्रिशनिस्ट सुनने में करीब-करीब एक जैसा ही लगता है लेकिन असल में दोनों के बीच काफी अंतर है और आज हम इन्हीं अंतरों के बारे में जानेंगे.

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डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट के बीच होता है ये बड़ा अंतर.

Difference between dietitian and nutritionist: आजकल लोग फिटनेस के प्रति ज्यादा जागरूक हैं और यही वजह है कि खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए अलग-अलग तरह की डाइट फॉलो करते हैं. फिटनेस फ्रीक लोग कुछ भी खाने से पहले उसके फायदे और नुकसान का आकलन जरूर करते हैं. किस फूड को खाने से सेहत बनी रहेगी और क्या खाने पर सेहत को नुकसान पहुंच सकता है इसे लेकर लोग सतर्क रहते हैं. आपने कई ऐसे लेख पढ़े होंगे जिसमें फूड आइटम्स और उसके न्यूट्रिशन वैल्यू को लेकर जानकारी दी गई होगी. कई जगह लिखा रहता है कि डाइटिशियन या न्यूट्रिशनिस्ट फलां चीज को अपनी रेगुलर डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं. डाइटिशियन या न्यूट्रिशनिस्ट सुनने में करीब-करीब एक जैसा ही लगता है लेकिन असल में दोनों के बीच काफी अंतर है और आज हम इन्हीं अंतरों के बारे में जानेंगे.

डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट में अंतर ( Difference between dietitian and nutritionist)

डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट सुनने में भले करीब-करीब एक जैसे लगें लेकिन वास्तव में दोनों काफी अलग हैं. डायटिशियन जहां किसी खास बीमारी में डाइट से जुड़ी सलाह देकर उससे निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं तो वहीं न्यूट्रिशनिस्ट डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करने को लेकर सलाह दे सकते हैं जिसका किसी बीमारी से कोई लेना-देना नहीं होता है. डायटिशियन के पास इस प्रोफेशन को प्रैक्टिस करने के लिए कम से कम ग्रैजुएशन स्तर की डिग्री और सरकारी लाइसेंस होता है तो वहीं न्यूट्रिशनिस्ट सिर्फ अपने अनुभव या किसी सर्टिफिकेट के आधार पर काम करते हैं.

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    किन्हें कहते हैं डाइटिशियन?

    डायटिशियन पूर्ण रूप से प्रशिक्षित प्रोफेशनल होते हैं, जो खानपान से जुड़ी सलाह देते हैं. डायटिशियन के पास अपने फील्ड से जुड़ी कम से कम ग्रेजुएशन लेवल की डिग्री होती है और डायटिशियन की तरह प्रैक्टिस करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत है. नेशनल लेवल का एग्जाम देने के बाद ही उन्हें डायटिशियन के तौर पर प्रैक्टिस करने के लिए मान्य डिग्री मिलती है.

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    वह डाइट में हेल्दी और पौष्टिक खाना शामिल करने की सलाह के साथ-साथ डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीज को डाइट प्लान भी देते हैं जो उनके स्पेशलाइजेशन एरिया पर निर्भर करता है. आमतौर पर किसी हॉस्पिटल, प्राइवेट क्लिनिक, स्कूल या कॉलेज में काम करने वाले डाइटीशियन ईटिंग डिसऑर्डर को दूर करने और अन्य बीमारियों के इलाज में भी मदद करते हैं.

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    किन्हें कहते हैं न्यूट्रिशनिस्ट?

    न्यूट्रिशनिस्ट बनने के लिए किसी खास डिग्री की अनिवार्यता नहीं होती है. निजी अनुभव और कुछ सर्टिफिकेट के आधार पर कोई भी शख्स न्यूट्रिशनिस्ट के तौर पर काम कर सकता है. आमतौर पर न्यूट्रिशनिस्ट डाइट और पौष्टिक आहार से जुड़ी जानकारी देते हैं. इस दौरान वह किसी खास बीमारी का उपचार या निदान में मदद जैसा कोई योगदान नहीं देते हैं. न्यूट्रिशनिस्ट सामान्य परिस्थिति में पौष्टिक आहार को लेकर जानकारी देते हैं, किसी खास बीमारी के संदर्भ में डाइट से जुड़ी जानकारी देना उनका काम नहीं है.

    वैसे तो न्यूट्रिशनिस्ट बनने के लिए किसी खास सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है लेकिन आजकल कई इंस्टीट्यूट में न्यूट्रिशनिस्ट बनने के लिए एसोसिएट डिग्री और सर्टिफिकेशन प्रोग्राम रन किया जा रहा है.

    (अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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