Delhi AQI: दिल्ली-एनसीआर की हवा में इस बार प्रदूषण का स्तर सभी रिकॉर्ड तोड़ रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक पहुंच गया है, जो गंभीर से भी कहीं ज्यादा खतरनाक स्थिति है. जहरीली हवा के साथ धुंध और सर्दी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. इस प्रदूषित हवा का असर सिर्फ सांसों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके दिल, दिमाग और त्वचा पर भी बुरा असर डाल सकती है. ऐसे में जानना जरूरी है कि ये हवा कितनी खतरनाक है और इसके कारण कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
प्रदूषण के कारण बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा (7 Diseases That Air Pollution Can Cause)
Chronic Obstructive Pulmonary Disease (COPD) : प्रदूषित हवा में मौजूद Particulate Matter (PM) और जहरीली गैसें सांस की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण बनती हैं. COPD और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियां प्रदूषण की वजह से और भी बिगड़ जाती हैं.
अस्थमा (Asthma) : AQI के बढ़ते स्तर की वजह से हवा में मौजूद जहरीले कण सांस की नलियों में सूजन पैदा करते हैं. इससे अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में.
हार्ट अटैक और स्ट्रोक (Heart Attack and Stroke) : प्रदूषित हवा के कण खून के जरिए शरीर में पहुंचकर ब्लड वेसल्स को ब्लॉक कर सकते हैं. यह दिल की बीमारियों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ाता है.
टाइप-2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) : शोध बताते हैं कि प्रदूषित हवा का असर शरीर के ब्लड शुगर लेवल पर भी पड़ता है. लंबे समय तक जहरीली हवा में सांस लेने से इंसुलिन का सही उपयोग नहीं हो पाता, जिससे टाइप-2 डायबिटीज हो सकती है.
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स (Neurological Disorders) : प्रदूषण का असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है. जहरीली हवा में मौजूद कण दिमाग में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा कर सकते हैं, जो Alzheimer's और Parkinson's जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
कैंसर (Cancer) : प्रदूषित हवा को Group 1 Carcinogen (कैंसर पैदा करने वाला एक तत्व) माना गया है, जो कैंसर का कारण बन सकता है. खासकर फेफड़ों के कैंसर का खतरा लंबे समय तक पॉल्यूशन में रहने से काफी बढ़ जाता है.
स्किन प्रॉब्लम्स : जहरीली हवा का असर आपकी स्किन पर भी पड़ता है. यह स्किन को रूखा और बेजान बना देती है. लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से स्किन कैंसर तक का खतरा हो सकता है.
खुद को कैसे रखें सुरक्षित?
- बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें.
- दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं ताकि शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलें.
- घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं.
- जरूरी न हो तो बाहर जाने से बचें, खासकर सुबह और रात के समय.
- फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें.
साफ है कि खतरे की घंटी बज चुकी है. AQI का स्तर 500 पर पहुंचना बताता है कि हालात बेहद गंभीर हैं. यह जहरीली हवा न सिर्फ फेफड़ों, बल्कि पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरतें, जरूरी एहतियात अपनाएं और सेहत का खास ख्याल रखें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)